वास्तु से पाएँ आरोग्यता!
Jyotish Sagar|October-2023
घर का वास्तुसम्मत होना आपके जीवन को सौहार्दपूर्ण, हर्षित, स्वस्थ और समृद्ध रखेगा। ऐसे में अनुभव में पाया गया है कि जिस घर में वास्तुदोष होता है, उस घर में रहने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य शीघ्र खराब होता है।
रेखा कल्पदेव
वास्तु से पाएँ आरोग्यता!

अच्छे स्वास्थ्य को लेकर हम सभी प्रयासरत रहते हैं। इसके लिए यथासम्भव उपाय भी करते हैं। फिर वो चाहे अच्छा भोजन हो, नियमित जीवनशैली हो, व्यायाम हो या फिर प्रातः काल की सैर हो। आपके द्वारा किए गए इस प्रकार के सभी उपाय आपको नियमित रूप से करने पड़ते हैं। जहाँ आप इन उपायों का साथ छोड़ देते हैं, वहीं आपका स्वास्थ्य कमजोर पड़ जाता है। अब यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में स्वयं को स्वस्थ बनाए रखना इतना मुश्किल कार्य है?

देखने में आया है कि किसी परिवार में एक के बाद एक सदस्य किसी न किसी रोग का शिकार होता रहता है। वास्तु एक लौकिक विज्ञान एवं प्रकृति की लय है, जिसका उपयोग आपके जीवन में अच्छी तरह से होने की भावना को पेश करने के लिए करता है। बस अपने परिवेश को व्यवस्थित करके आप अपने जीवन को अच्छे स्वास्थ्य की ओर ले जा सकते हैं।

घर का वास्तुसम्मत होना आपके जीवन को सौहार्दपूर्ण, हर्षित, स्वस्थ और समृद्ध रखेगा। ऐसे में अनुभव में पाया गया है कि जिस घर में वास्तुदोष होता है, उस घर में रहने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य शीघ्र खराब होता है। इस आलेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कौनसे वास्तुदोष होते हैं और उन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है?

जिस घर अथवा कार्यस्थल के केन्द्र स्थान में बहुत से कमरे हों, उस घर अथवा कार्यस्थल में रहने वालों का स्वास्थ्य समय-समय पर खराब होता रहता है। घर या कार्यस्थल का केन्द्रस्थान वास्तु पुरुष का हृदय स्थान माना जाता है। इस स्थान पर किसी भी तरह का निर्माण होना प्रतिकूल फलदायक होता है। ब्रह्मस्थान घर का केन्द्रबिन्दु होता है। इसे केन्द्र इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि इस स्थान पर विभिन्न दिशाओं के ऊर्जा बिन्दओं का मिलन होता है।

केन्द्र का अर्थ है ब्रह्मस्थान। यह घर के विभिन्न दिशाओं से सभी ऊर्जाओं का मिलन बिन्दु होगा। इस स्थान को स्वच्छ और भारमुक्त रखकर हम स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं।

इसके अलावा कुछ अन्य उपायों का पालन करके भी परिवार के सदस्यों को रोगमुक्त रख हैं। 

Diese Geschichte stammt aus der October-2023-Ausgabe von Jyotish Sagar.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der October-2023-Ausgabe von Jyotish Sagar.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS JYOTISH SAGARAlle anzeigen
सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
Jyotish Sagar

सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी

गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।

time-read
2 Minuten  |
September 2024
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
Jyotish Sagar

सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार

प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।

time-read
5 Minuten  |
September 2024
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
Jyotish Sagar

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि

राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।

time-read
4 Minuten  |
September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
Jyotish Sagar

सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना

जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।

time-read
5 Minuten  |
September 2024
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
Jyotish Sagar

वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति

प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।

time-read
2 Minuten  |
September 2024
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
Jyotish Sagar

व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?

ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।

time-read
5 Minuten  |
September 2024
श्रीगणेश नाम रहस्य
Jyotish Sagar

श्रीगणेश नाम रहस्य

हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।

time-read
2 Minuten  |
September 2024
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
Jyotish Sagar

प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'

कृष्ण चरित के प्रतिनिधि शास्त्र भागवत और महाभारत में राधा का उल्लेख नहीं होने के बावजूद वे लोकमानस में प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक के रूप में बसी हुई हैं। सन्त महात्माओं ने उन्हें कृष्णचरित का अभिन्न अंग माना है। उनकी मान्यता है कि प्रेम और भक्ति की जैसे कोई सीमा नहीं है, उसी तरह राधा का चरित, उनकी लीला और स्वरूप भी प्रेमाभक्ति का चरमोत्कर्ष है।

time-read
3 Minuten  |
September 2024
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
Jyotish Sagar

राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव

राजस्थान के देवी-देवताओं में बाबा रामदेव का नाम काफी विख्यात है। इनके अनुयायी राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और सिन्ध (पाकिस्तान) आदि में बड़ी संख्या में हैं।

time-read
2 Minuten  |
September 2024
जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव
Jyotish Sagar

जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव

जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।

time-read
8 Minuten  |
September 2024