वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा
Jyotish Sagar|March 2024
महाशिवरात्रि पर विशेष
डॉ. अमित कुमार 'राम'
वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा

र्तमान समय में घर अथवा भवन के लिए हम ज्यादा गम्भीर हो गए हैं। घर अथवा भवन में तमाम लग्जरी सुविधाओं की होड़ सी लग गई है और ऐसे में हम लोग जगह कम होने पर भी निर्माण अधिक करते हैं, जबकि वास्तुशास्त्र कहता है कि आप भले ही निर्माण कम करें, लेकिन सलीके से करें। घर में चप्पल भी उल्टी पड़ी हुई हो अथवा झाडू भी खड़ा हुआ हो, तो हम उसे तुरन्त ठीक कर देते हैं।

ऐसा ही कुछ मामला वास्तु में है। जितना घर में पड़ी उल्टी चप्पल अथवा जूते को देखकर हम तुरन्त ठीक करने के लिए दौड़ पड़ते हैं। वास्तु भी यही है कि सब कमरे आदि सही ढंग से निर्मित हुए हों। बस सही ढंग से निर्मित करना ही वास्तुशास्त्र का उद्देश्य है। आइए, भवन निर्माण के लिए आवश्यक कुछ तथ्यों पर विचार करते हैं।

Diese Geschichte stammt aus der March 2024-Ausgabe von Jyotish Sagar.

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September 2024
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Jyotish Sagar

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September 2024
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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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September 2024
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September 2024
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
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September 2024
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September 2024
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September 2024
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September 2024
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September 2024