हनुमानजी का पावन चरित्र, उनकी सेवानिष्ठा और अपने स्वामी के प्रति बिनशर्ती शरणागति हमें उच्च दृष्टिकोण विकसित करने तथा आध्यात्मिक पथ पर चलने की रीत सिखाते हैं। पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत में आता है :
भगवान श्रीरामजी हनुमानजी पर प्रसन्न हो गये। श्रीरामजी कहते हैं : "हनुमान ! और तो मेरे पास क्या है जो तुमको दूँ, तुमने जो कार्य किये हैं, जो सेवा की है और जिस प्रकार तुम तत्पर रहे हो उसका क्या बदला चुकाऊँ ? मेरी इन्द्रियाँ भी मेरी सेवा इतनी नहीं कर पायीं, मेरा शरीर भी मेरी इतनी सेवा नहीं कर पाया जितना तुम कर पाये। आ जाओ, तुमको मैं अपना हृदय दे देता हूँ।"
Diese Geschichte stammt aus der April 2024-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।