राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा : "प्रभु! आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम और उसका माहात्म्य क्या है? मैं आपके श्रीमुख से सुनना चाहता हूँ।"
श्रीकृष्ण ने कहा : देवशयनी एका "युधिष्ठिर! आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम शयनी (देवशयनी) है। इसको हरिशयनी एकादशी भी बोलते हैं। यह पुण्यपुंज देनेवाली, भगवान श्रीहरि को संतुष्ट करनेवाली, सर्वपापनाशक, आरोग्यवर्धक, दोषों को हरनेवाली, गुणों को भरनेवाली तथा स्वर्ग और मोक्ष देनेवाली है। इसका व्रत उत्तम व्रत है। इसे रखने से तीनों सनातन देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की पूजा का फल मिलता है, तीनों लोकों के पवित्र तीर्थों का सेवन करने का फल होता है।
Diese Geschichte stammt aus der June 2024-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
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साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।