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पुलिस या अदालत में जब बयान देने जाएं
गवाहों के बयान ही न्याय की बुनियाद होते हैं क्योंकि अदालत के फैसले गवाहों के बयानों और सुबूतों के आधार पर होते हैं. सो, पुलिस थाने या अदालत में जब बयान देने जाएं तो कुछ बातें ध्यान में रखें.
भारत भूमि युगे युगे
भारत भूमि युगे युगे
पिछड़ी शिवसेना ने पछाड़ा भाजपा को
महाराष्ट्र का घटनाक्रम केवल एक राजनीतिक ड्रामा नहीं था बल्कि इस में इतिहास की भी झलक साफसाफ दिखी. अब सारे यूत्र उस वर्ण के हाथ में हैं जो सदियों से पंडापुरोहितवाद से त्रस्त है. उस वर्ण ने महाराष्ट्र में भाजपा के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा रोक लिया है.
थाई संस्कृत की झलक दिखलाता - नांगनुज गाँव
दक्षिणपूर्व एशिया स्थित देश थाईलैंड का भारत भूमि से बहुत पुराना नाता है. यहां की सभ्यता, संस्कृति की झलक देखने नांगनुच गांव जाइए, नजारा कुछ अलग ही नजर आएगा.
पाठकों की समस्याएं
मेरे घर में कुछ हफ्तों से मरम्मत का काम चल रहा था, जिस के चलते हमें बगल वाले घर में किराए पर रहना पड़ रहा था. अब हम वापस अपने घर आ गए हैं. किराए के घर में रहने के जितने पैसे बन रहे थे, मकान मालिक अब उस से ज्यादा पैसा मांग रहे हैं.
नकदी चलन रोक नहीं पाई नोटबंदी
नोटबंदी के वक्त जो दावे किए गए थे वे खरे नहीं उतरे. साफ दिख रहा है कि जब तक देश में रिश्वत और चढ़ावे का चलन रहेगा, कैश ही चलेगा.
धर्म का धंधा
जी हां, मैं ही हूं असली शंकराचार्य, इस बात की पूरी गारंटी है. किस में दम है जो मुझे झूठा साबित कर दे.
दिन दहाड़े
मेरे पति अपने औफिस अपनी कार से जा रहे थे कि 2 लड़के अपना स्कूटर रोक कर बोलने लगे कि अंकल, आप की कार से शायद तेल सा निकल रहा है. पति गाड़ी से उतर कर पीछे जा कर देखने लगे.
थाइरौयड लाइलाज नहीं
थाइरौयड दुनियाभर में एक प्रमुख समस्या है. यह या तो व्यक्ति को कमजोर कर देती है या फिर उसे मोटापे का शिकार बना देती है. थाइरौयड कब, किसे, कैसे हो जाए, यह पता लगाना मुश्किल होता है. थाइरौयड विकार का जल्दी पता लगने से इस की रोकथाम में मदद मिलती है, चाहे यह दवाओं के जरिए हो या जीवनशेली में बदलाव के.
तुम से मिल कर
अनंत का परिवार जातपांत, ऊंचनीच का लबादा ओढ़े हुए था. रीना की खातिर अनंत ने तो उस खोल को उतार फेंका था लेकिन क्या बाकी लोगों की मानसिकता को बदलने में रीना सफल हो पाई?
तुम मेरी हो
बेकुसूर होते हुए भी है . शीतल बेवजह खुशियों से दूर जिंदगी जीने को मजबूर थी. सारांश की नजरों ने उस के दिल के जख्मों को देख लिया था. लेकिन, कुछ कर पाया वह शीतल के लिए?
तुझे तेरी वापसी का इंतजार
क्यों खुद को खुद से जुदा करें, जिंदगी बारबार तो नहीं मिलती. फिर क्योंकर हम खुद को भूल जाएं, वक्त की उलझनभरी रफ्तार में.
जीने दो और जियो
'जीने दो और जियो? जिंदगी का यही फलसफा था आशा का. अपनी बहू अर्चना को भी उन्होंने अपनी इस सोच के चलते बिंदास जीने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया था. लेकिन खुश होने की बजाय अर्चना अनमनी सी क्यों रहती थी?
जान बचाने का नहीं जान लेने का हथियार बंदूक
आज जैसे मोबाइल के बिना लोग अपनी जिंदणी कुछ रुकी, कुछ थमीथसी सी महयूस करते हैं वैसे ही बंदूक के बिनाअपनेआप को असुरक्षित मानते हैं. लेकिन, कितना अजीब है बंदूक का इस्तेमाल कि लोग न सिर्फ दूसरे की जान लेने में बल्कि खुद अपनी जान लेने में भी कर रहे हैं
गौभक्त का उन्माद
गौभक्ति ब्राह्मणों के लिए दोहरे फायदे का धंधा साबित होती रही है इसलिए गौदान की महत्ता से धर्मग्रंथ रंगे पड़े हैं. लेकिन इस खेल का दूसरा पहलू भी कम दिलचस्प नहीं, जो आंखें खोलता हुआ है.
चंचल छाया
मोतीचूर चकनाचूरशादी पर फिल्में बनाने का ट्रैंड बौलीवुड में अरसे से चला आ रहा है. “बैंड बाजा बरात', “हम आप के हैं कौन', 'विवाह', “तनु वेड्स मनु” और 'शादी का लड्डू” जैसी बहुत सी फिल्में बनीं. इन में से कुछ फिल्में तो खूब चलीं, कुछ फ्लौप हो गईं.
ऐसा भी होता है
मेरा तबादला दूसरे शहर में हो चुका था. माह के 2 इतवार में परिवार से मिलने जाता था और सभी व्यवस्था कर देता था.
उलटा दांव
जितेंद्र गाड़ी में अपने सामने वाली बर्थ पर बैठे 2 युवकों को देख कर बहुतकुछ अनुमान लगा चुके थे. यहां तक कि कुछ ज्यादा ही सपने बुनने लगे थे. लेकिन...
आप के पत्र
“सरकार का रुख' शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय पढ़ कर अच्छा लगा. आप ने रामजन्मभूमि और कश्मीर विषयों पर टिप्पणी करते हुए सही लिखा है कि इन के हल होने से न तो सड़कें बनेंगी और न ही बीमारियां दूर होंगी.
हैप्पी न्यू ईयर
पिंटू को अपने बेटे की तरह पाला था मीरा ने. बहन होते हुए मां की तरह अपना कर्तव्यपालन किया था, जिस का फल मीरा को देर से मिला. पर क्या वह फल मीठा था?
वर्कप्लेस में विविध ड्रेस कोड देगा आप को नई सोच
वक्त के साथसाथ कौर्पोरेट दुनिया में भी इंकलाबी तबदीली आ गई है, ऐसे में खुली सोच पर वर्कप्लेस में ड्रैस कोड की बात बेमानी लगने लगी है. वहां पर आप का काम महत्त्वपूर्ण है, ड्रैस कोड नहीं.
लिवर ट्रांसप्लांटेशन स्वस्थ जिंदगी की शुरुआत
स्पंज जैसा नाजुक शरीर का अंग लिवर, यदि खराब हो जाए तो पूरे शरीर की सेहत पर असर डालता है. अंतिम स्थिति में तो दवाएं भी काम करना बंद कर देती हैं, जिस में लिवर प्रत्यारोपण ही एकमात्र विकल्प होता है.
मस्तीभरा अकेला सफर
तन्हा दिल, तन्हा सफर. लेकिन उदासी क्यों? सोलो सफर को मजेदार बनाना आप के हाथ में है. क्यों का साथ जरूरी है, अकेले ही हो सकता है मस्तीभरा सफर. कैसे? हम बताते हैं.
भारत भूमि युगे युगे
भारत भूमि युगे युगे
प्रीवैडिंग इन्क्वायरी दोनों पक्षों के हित में
शादी का मतलब जिंदगीभर का साथ. लव मैरिज में लड़कालड़की एकदूसरे को काफी हद तक जान जाते हैं लेकिन अरेंज्ड मैरिज में दोनों पक्ष एकदूसरे से कई बातें छिपा लेते हैं. ऐसे में पूरी जांचपड़ताल करने में शर्म महसूस न करें.
टांसजेंडर - समाज के साथ मिला रहे कदम से कदम
शिक्षा और जागरूकता ने किन्नर समाज को भी बदलना शुरू कर दिया है. अब ये किन्नर नहीं ट्रांसजेंडर कहलाना पसंद करते हैं. फैशन शोज में भाग लेने से ले कर हवाईजहाज तक में शान से सफर कर रहे हैं.
चिकित्सा का बाजारीकरण
जब शारीरिक रूप से व्यक्ति की तकलीफ बढ़ जाती है तब वह निदान के लिए पूरे विश्वास के साथ अस्पताल की ओर रुख करता है. लेकिन, पैसे बनाने के चक्कर में डाक्टर ही मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ करने लगे तो? चिकित्सा के बाजारीकरण में आज ऐसा ही हो रहा है.
कैसा होगा भविष्य का इंसान?
वैज्ञानिक शोध हो रहे हैं, नईनई खोजें चल रही हैं. ऐसे में कभी आप ने कल्पना की है कि हम मनुष्य सैकड़ों साल बाद कैसे होंगे? क्या यही रहेगा हमारा रंगरूप? शायद नहीं. तो फिर कैसा होगा भविष्य का इंसान?
एक कहानी का अंत
कितने दुख झेले थे मां ने. शायद गिनना मुश्किल था मंजू के लिए. बेटी होने के नाते वही तो थी जिस ने मां के गमों को देखा, सुना और भोगा था.
उत्तर प्रदेश अपराध का अधर्म राज
सतयुग से ले कर कलयुग तक छलने का नारी को काम पुरुषों ने किया. शारीरिक शोषण के लिए गंधर्व विवाह और फर्जी कोर्ट मैरिज तक धोखे में रख कर की. हर युग में महिला को ही दोषी ठहराया गया. कानून से ले कर समाज तक पुरुष की जगह नारी को ही दोषी माना गया. उन्नाव कांड में भी इस की झलक देखने को मिल रही है.