DASTAKTIMES - May 2024Add to Favorites

DASTAKTIMES - May 2024Add to Favorites

Obtén acceso ilimitado con Magzter ORO

Lea DASTAKTIMES junto con 9,000 y otras revistas y periódicos con solo una suscripción   Ver catálogo

1 mes $9.99

1 año$99.99 $49.99

$4/mes

Guardar 50%
Hurry, Offer Ends in 12 Days
(OR)

Suscríbete solo a DASTAKTIMES

1 año $9.99

Guardar 16%

comprar esta edición $0.99

Regalar DASTAKTIMES

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Suscripción Digital
Acceso instantáneo

Verified Secure Payment

Seguro verificado
Pago

En este asunto

May 2024 Edition

चुनावों में एआई का खतरा!

भारत में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है यहां लोकसभा की 543 सीटों पर 7 फेज में चुनाव चल हैं। पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को हो गई, वहीं सातवें चरण की वोटिंग 1 जून को होगी, जबकि मतगणना 4 जून को की जाएगी। दूसरी तरफ अमेरिका में भी राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। हाल ही में टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एलर्ट जारी करते हुए कहा कि चीन एआई जनरेटेड कंटेंट का प्रयोग करके चुनावों में हेर-फेर कर सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि चीन इस साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने कंटेंट का उपयोग करके अमेरिका, दक्षिण कोरिया और भारत में होने वाले चुनावों में हेर-फेर करने का खतरा बना हुआ है।

चुनावों में एआई का खतरा!

7 mins

धनबल बनाम लोकतंत्र

राजनीतिक प्रक्रिया में धनबल का एक पहलू यह है कि जब एक प्रत्याशी बड़ी मात्रा में अघोषित पैसा चुनाव में लगाता है तो वह जीतने के लिए इसको 'निवेश' की तरह इस्तेमाल करता है। इसी का नतीजा होता है कि चुनाव जीतने के बाद सार्वजनिक धन का बड़े पैमाने पर गबन किया जाता है। ऐसे मामले अक्सर सामने आ ही जाते हैं। अब समय आ गया है कि पैसों का खेल करने वाले राजनेताओं पर कड़ी कार्रवाई हो। आज हमारे सामने सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि क्या हमारे राजनेता छोटे-छोटे स्वार्थों से ऊपर उठकर प्रजातंत्र की रक्षा के लिए ऐसा कानून बनाएंगे जिससे चुनावों में धनबल हावी न हो सके। धनबल लोकतंत्र की आत्मा को बुरी तरह जख्मी कर रहा है, इसलिए समय रहते राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग को सतर्क होकर कार्य करने की जरूरत है।

धनबल बनाम लोकतंत्र

6 mins

सियासत के अखाड़े में क्षत्रिय

देश में इन दिनों 18वीं लोकसभा चुनाव के मतदान की प्रक्रिया जारी है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से वोटरों को लुभाने में लगे हैं। कोई अपनी जाति-बिरादरी के नाम पर वोट मांग रहा है तो कोई धर्म और क्षेत्र के नाम पर। इस बार के चुनावों राजपूत यानि क्षत्रिय बिरादरी को लेकर खासी चर्चा हो रही है। दरअसल, भाजपा के ही एक नेता ने राजपूतों को लेकर एक विवादित बयान दे दिया जिसके बाद से राजपूतों में नाराजगी का उबाल साफ देखा जा सकता है।

सियासत के अखाड़े में क्षत्रिय

10+ mins

उत्तर से उभर रहे हिन्दू हृदय सम्राट

वर्तमान परिवेश में भारत की सभी सेकुलर सियासी जमातों के निशाने पर योगी आदित्यनाथ और पुष्कर सिंह धामी हैं। अपने को सेकुलर कहने वाले लोग यह जानते हैं कि इन दोनों क्षत्रपों के रहते तुष्टिकरण की राजनीति संभव नहीं है। जिस आत्मीयता और सहमति के साथ अटक से कटक, कच्छ से कामरूप, कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से दिसपुर और रामनगरी से रामेश्वरम तक समूचा हिन्दू समाज योगी आदित्यनाथ की आवाज में अपनी आवाज को मिलाता है, जिस अपेक्षा से धामी की तरफ राष्ट्रवादी मानस की निगाहें निहारती हैं, उससे यह प्रतीत होता है कि बहुसंख्यक समाज को उत्तर के इन दो सपूतों में अपना 'हिन्दू हृदय सम्राट' दिखाई देने लगा है।

उत्तर से उभर रहे हिन्दू हृदय सम्राट

9 mins

राष्ट्रीय स्तर पर भी धामी की धूम

उत्तराखंड में अपने महज ढाई साल के कार्यकाल में ही समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून लागू करने से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देशभर की जनता के दिलों में खास जगह बनाई है। इसके बाद पुष्कर सिंह धामी को लेकर युवाओं में खासा क्रेज दिख रहा है। इसे देख पार्टी हाईकमान अब उनका उपयोग स्टार प्रचारक के रूप में कर रही है। ऐसा भी पहली बार हो रहा है, जब भाजपा किसी छोटे राज्य के सीएम को विभिन्न प्रदेशों में प्रचार करने के लिए भेज रही है।

राष्ट्रीय स्तर पर भी धामी की धूम

4 mins

जंगल की आग से झुलसता उत्तराखंड

जंगलों में लगने वाली आग के लिए अमूमन इंसा लापरवाही जिम्मेदार होती है। कई बार जंगल में घूमने, फोटोग्राफी या किसी शोध के लिए गए लोग कैंप फायर, जलती सिगरेट, जानवरों को भगाने वाले पटाखे या माचिस की जलती तिली यूं ही फेंक देते हैं। इससे भी जंगल में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं अगर जंगल में एक बार आग लगी तो वहां चलने वाली खुली हवा इसे और बढ़ा देती है।

जंगल की आग से झुलसता उत्तराखंड

8 mins

जेहाद की जद में उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक जेहाद की जद में है। आलम यह है कि जेहाद की तपिश इतनी बढ़ गई कि इसे थामने के लिए सामाजिक विरोध के साथ ही कानूनी-प्रशासनिक कोशिशें करनी पड़ रही हैं। स्थानीय लोग बाहरियों को भगा रहे हैं। तो सरकार बाहर से आने वालों के लिए कानून बना रही है। हालांकि मर्ज गहरा है और इसे केवल धर्म के आधार पर रोक पाना समाज व सरकार दोनों के लिए खासा चुनौतीभरा है।

जेहाद की जद में उत्तराखंड

4 mins

'माननीय' बनने में क्यों पिछड़ रही 'आधी आबादी'

राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम क्यों है? इसकी वजह तालाशी जाए तो यह साफ है कि भारत एक गहन पितृसत्तात्मक समाज है और महिलाओं को प्रायः पुरुषों से हीन माना जाता है। यह मानसिकता समाज में गहराई तक समाई हुई है और महिलाओं की राजनीति में नेतृत्व एवं भागीदारी की क्षमता के संबंध में लोगों की सोच को प्रभावित करती है।

'माननीय' बनने में क्यों पिछड़ रही 'आधी आबादी'

5 mins

आजादी के बाद पहली बार वोटिंग

झारखड जिसे 'जंगल की धरती' कहा जाता है, यह पूर्वी भारत में एक छोटा सा राज्य है। झारखंड का गठन 15 नवंबर सन् 2000 को किया गया था। पहले यह बिहार का दक्षिणी हिस्सा हुआ करता था। रांची इसकी वर्तमान राजधानी है। यहां से लोकसभा के लिए 14, राज्यसभा के लिए 6 और राज्य विधानसभा के लिए 82 सदस्य चुने जाते हैं।

आजादी के बाद पहली बार वोटिंग

5 mins

ईवीएम सही, आशंकाएं गलत

चुनाव आयोग का कहना है कि विभिन्न हाईकोर्ट ने ईवीएम को भरोसेमंद माना है। साथ ही, ईवीएम के पक्ष में अलग-अलग हाईकोर्ट द्वारा दिए गए कुछ फैसलों को जब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, तब सुप्रीम कोर्ट ने उन अपीलों को खारिज कर दिया।

ईवीएम सही, आशंकाएं गलत

7 mins

सिविल सेवा की सफलता से मुस्लिम समाज गौरवान्वित

किसी समाज के उत्थान में किसी न किसी प्रेरणा की आवश्यकता होती है जिसकी वजह से वह समाज सफलता के पथ पर अग्रसर हो जाता है। अब बात आती है अल्पसंख्यक समुदाय के बीच सिविल सेवा परीक्षा के बारे में जागरूकता की, तो जब शाह फैसल ने 14 साल पहले यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया था, इससे न केवल मुसलमानों में गर्व की भावना पैदा हुई, बल्कि सिविल सेवाओं में नए सिरे से रुचि पैदा हुई। शाह फैसल ने 2010 में टॉप करके कश्मीरियों समेत पूरे देश के मुस्लिम युवाओं को प्रेरणा दी थी।

सिविल सेवा की सफलता से मुस्लिम समाज गौरवान्वित

4 mins

शिखर से सिफर तक...

समाजसेवी अन्ना हजारे का आंदोलन अरविंद केजरीवाल के जीवन का बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने यहां से राजनीतिक उड़ान भरी। साल 2013 में हुए दिल्ली के चुनावों में आम आदमी पार्टी को 28 सीटों पर जीत मिली और आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन जिस भ्रष्टाचार के खिलाफ केजरीवाल राजनीति में आए, उसी भ्रष्टाचार में लिप्त पाये जाने पर जेल के सलाखों के पीछे हैं।

शिखर से सिफर तक...

4 mins

नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग

प्रथम चरण के लोकसभा चुनाव में 19 अप्रैल को बस्तर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से वोट पड़े और मतदान प्रतिशत में भी इजाफा हुआ है। बस्तर में जहां पहले नक्सली चुनाव के दौरान भय पैदा करने के लिए धमाके करते थे, गांव में बैठक कर लोगों को डराते थे, मगर नक्सलियों का अब यह डर लोगों के दिमाग से निकल चुका है। यह कहा जा सकता है कि बैलेट पेपर अब बारूद पर भारी पड़ रहा है।

नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग

4 mins

बाड़मेर में राष्ट्रीय दलों के खिलाफ युवा जनसैलाब

रवीन्द्र सिंह भाटी को टिकट न देकर बीजेपी ने अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं। अब कांग्रेस को जीत की किरण दिख रही है, लेकिन सर्वे कुछ और बयां कर रहे है। 2024 में राजस्थान की बाड़मेरजैसलमेर सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। शिव विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले रवीन्द्र सिंह भाटी ने निर्दलीय पर्चा भरा है। उनके चुनावी मैदान में उतरने से बाड़मेर के समीकरण रोचक हो गए हैं।

बाड़मेर में राष्ट्रीय दलों के खिलाफ युवा जनसैलाब

5 mins

क्या चीन की गोद में खेल रहे सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक को जिस मूवी थ्री इडियट्स ने हीरो बनाया, वह मूवी उनकी असली जिंदगी से एक प्रतिशत भी वास्ता नहीं रखती, यह बात खुद सोनम वांगचुक ने दर्जनों बार मीडिया में कबूली है। मूवी में जिस वैज्ञानिक फुन्सुक (सोनम वांगचुक से प्रेरित चरित्र) का किरदार आमिर खान ने निभाया है, वह माली का बेटा है, जबकि सोनम वांगचुक मंत्री के बेटे हैं। उनके पिता सोनम वांग्याल कांग्रेस नेता थे, जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री बने।

क्या चीन की गोद में खेल रहे सोनम वांगचुक?

6 mins

छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!

नेताओं ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रति इजराइल का यह डर, पूर्व में ईरानी द्वारा खुले तौर पर इजराइल के विनाश की वकालत करने से सच साबित होता है। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2005 में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी ने खुले रूप से घोषणा किया कि इजराइल को 'मानचित्र से मिटा दिया जाना चाहिए।' इस उत्तेजक बयानबाजी ने इजराइली चिंताओं को बढ़ाया है जो ईरान की परमाणु महत्त्वाकांक्षाओं से उत्पन्न कथित खतरे को रेखांकित करता है।

छद्म की जगह खुला युद्ध क्यों चुन रहा ईरान!

6 mins

दुनिया की 'कैंसर राजधानी' बनता भारत

महिलाओं में सबसे आम कैंसर स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और डिम्बग्रंथि कैंसर हैं, जबकि पुरुषों में आमतौर पर पाये जाने वाले कैंसर में फेफड़े, मुंह और प्रोस्टेट आदि जैसे कैंसर शामिल हैं। वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत, भारत में सबसे अधिक महिलाओं में कैंसर का निदान किया जाता है। हालांकि भारत में सालाना दस लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं, यहां कैंसर की दर डेनमार्क, आयरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों या अमेरिका से कम है।

दुनिया की 'कैंसर राजधानी' बनता भारत

5 mins

माँ का रिश्ता सबसे अनमोल

अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस (12 मई) पर विशेष

माँ का रिश्ता सबसे अनमोल

5 mins

सिविल अधिकारियों की चुनौतियों पर बेबाक चर्चा होनी चाहिए!

सदनों की समिति के भीतर जनप्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए उत्तर अधिकारियों को नागवार लगते हैं। निर्वाचित सरकार द्वारा बनाए गए कार्यक्रमों को पूरा करना सिविल अधिकारियों की जिम्मेदारी है। विकास कार्यों को ठीक से सम्पन्न कराना भी इन्हीं की जिम्मेदारी है। लेकिन तमाम राज्यों में भिन्न-भिन्न विभागों के लिए निर्धारित बजट का बड़ा भाग उपयोग में ही नहीं आता।

सिविल अधिकारियों की चुनौतियों पर बेबाक चर्चा होनी चाहिए!

4 mins

आईपीएल यानि क्रिकेटेनमेंट

फटाफट क्रिकेट आईपीएल में ये पूरी तरह क्रिकेटेनमेंट बन जाता है। बॉलीवुड सितारों की चमक-दमक के साथ तीन घंटे का रोमांच। इस दौरान यह खेल नाटक में तब्दील हो जाता है। एक नया मार्केट प्लेस जिसे 'क्रिकेटेनमेंट' के नाम से जाना जाता है। यहां क्रिकेट बिल्कुल अलग तरीके से खेला जाता है। मजे लेने का अंदाज भी जुदा है। स्टेडियम में बड़ा रंगीन माहौल होता है। हर चौके, छक्के और विकेट पर चीयर लीडर्स डांस करती हैं।

आईपीएल यानि क्रिकेटेनमेंट

6 mins

भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला

हाइब्रिड पिच में मैदान के अंदर की कुदरती टर्फ यानी मैदान की घास के साथ कुछ फीसदी हिस्सा पोलिमर फाइबर का होता है। इससे पिच टिकाऊ रहती है और इस पर एक जैसा उछाल भी मिलता है। इसमें पोलिमर फाइबर का इस्तेमाल पांच फीसदी ही होता है जिससे पिच के नेचुरल गुण बने रहें। यह आमतौर पर बेज या हरे रंग के होते हैं, इन्हें 20-20 मिमी ग्रेड के नियमित पैटर्नमें 90 मिमी की गहराई तक सिला जाता है।

भारत की पहली 'हाइब्रिड पिच' बनेगी धर्मशाला

2 mins

उनका हर किरदार है अभिनय की पाठशाला

कभी खलनायक तो कभी पुजारी और चर्चित सीरियल 'ऑफिस-ऑफिस' में मुसद्दीलाल न पर्दे पर छाए पंकज कपूर के सभी किरदार अभिनय की पाठशाला हैं। हिन्दी सिनेमा में बहुत कम कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने किरदारों से अभिनय को परिभाषित किया है। उनके किरदारों की पहचान उनके नाम से आगे चलती है।

उनका हर किरदार है अभिनय की पाठशाला

3 mins

Leer todas las historias de DASTAKTIMES

DASTAKTIMES Magazine Description:

EditorDASTAK TIMES

CategoríaNews

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

Latest Hindi news and political reviews.

  • cancel anytimeCancela en cualquier momento [ Mis compromisos ]
  • digital onlySolo digital