Kendra Bharati - केन्द्र भारती - May 2021Add to Favorites

Kendra Bharati - केन्द्र भारती - May 2021Add to Favorites

Obtén acceso ilimitado con Magzter ORO

Lea Kendra Bharati - केन्द्र भारती junto con 9,000 y otras revistas y periódicos con solo una suscripción   Ver catálogo

1 mes $9.99

1 año$99.99 $49.99

$4/mes

Guardar 50%
Hurry, Offer Ends in 19 Days
(OR)

Suscríbete solo a Kendra Bharati - केन्द्र भारती

comprar esta edición $0.99

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

Regalar Kendra Bharati - केन्द्र भारती

En este asunto

Fighting the pandemic my increasing the inner strength. Getting inspired by Mahabali Hanuman.

श्री कृष्णभक्त महाप्रभु वल्लभाचार्य

भक्तिकालीन सगुणधारा की कृष्णभक्ति शाखा के आधारस्तम्भ तथा पुष्टिमार्ग के प्रणेता थे श्री कृष्णभक्त महाप्रभु वल्लभाचार्य। उनका जन्म ऐसे काल में हुआ था जब सम्पूर्ण देश में इस्लाम की बर्बरता अपने चरम पर थी। मन्दिर तोड़े जा रहे थे और हिन्दुओं को मुसलमान बनाने का क्रम तेजी से चल रहा था।

श्री कृष्णभक्त महाप्रभु वल्लभाचार्य

1 min

ऋषियों ने दिया श्राप

बालक हनुमान बहुत ही चंचल और नटखट स्वभाव के हैं। दिनभर मौज-मस्ती किया करते हैं। कभी पेड़ की ऊँची डालियों पर छलांग लगाते हुए बहुत दूर तक निकल जाते और कभी पेड़ों को तने सहित हिलाकर अपनी शक्ति का अनुमान लगाते। जंगल के पशु-पक्षियों से वे प्रेम भी बहुत करते, उनकी सहायता भी करते, किन्तु कभी-कभी किसी हिरन की पूँछ पकड़कर उसे घुमाते हुए या किसी हाथी का पैर पकड़कर रोकते हुए अपने बल का परीक्षण भी करते रहते। हनुमान के ऐसे खेलों के कारण जंगल के सभी पशु उनसे डरते भी हैं। पर कोई सबल किसी दुर्बल को कष्ट दे, यह हनुमान कभी सहन नहीं करते। ऐसे में वे दुर्बल की रक्षा करते और मित्रों को कष्ट देनेवाले को सबक भी सिखाते।

ऋषियों ने दिया श्राप

1 min

भारतमाता के वीर सपूत स्वातंत्र्यवीर सावरकर

अप्रितम क्रान्तिकारी, दृढ़ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान कवि और महान इतिहासकार आदि अनेकानेक गुणों के धनी वीर सावरकर हमेशा नये कामों में पहल करते थे। उनके इस गुण ने उन्हें महानतम लोगों की श्रेणी में उच्च पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया ।

भारतमाता के वीर सपूत स्वातंत्र्यवीर सावरकर

1 min

ओटीटी प्लेटफार्म पर अंकुश आवश्यक

आज के युग में तकनीक जिसे टेक्नोलॉजी कहते हैं वो लगातार और तीव्रता के साथ बदल रही है। इसके व्यवहारिक पक्ष को हम सभी ने कोरोना काल में विशेष तौर पर महसूस किया जब घर बैठे कार्य करने के लिए वर्चुअल और ऑनलाइन मीटिंग्स, स्कूल की कक्षाओं का संचालन या फिर वर्क फ्रॉम होम जैसे विभिन्न माध्यम आस्तित्व में आए। इतना ही नहीं कल तक जो फिल्में और टीवी विश्वभर में मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन थे आज इंटरनेट और विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्म उनकी जगह ले चुके हैं। जब २००८ में भारत में पहला ओटीटी प्लेटफार्म लॉन्च हुआ था तब से लेकर आज जबकि लगभग ४० ओटीटी प्लेटफार्म हमारे देश में मौजूद हैं, इसने काफी लम्बा सफर तय किया है।

ओटीटी प्लेटफार्म पर अंकुश आवश्यक

1 min

Leer todas las historias de Kendra Bharati - केन्द्र भारती

Kendra Bharati - केन्द्र भारती Magazine Description:

EditorVivekananda Kendra

CategoríaReligious & Spiritual

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"

  • cancel anytimeCancela en cualquier momento [ Mis compromisos ]
  • digital onlySolo digital