CATEGORIES
Categorías
बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.
औनलाइन ऑफर्स झांसे में न आएं
दीवाली पर औनलाइन खरीदारी करते हुए शौपिंग साइट्स पर औफर्स दिखाई देते हैं. ग्राहक इन औफर्स के झांसे में आ खूब कर ऊलजलूल खरीदारी करने लगता है, जिस की जरूरत नहीं.
तीखे व्यंग्यकार का नरम प्यार मार्क ट्वेन
मार्क ट्वेन अपनी सदी के महान लेखकों में से एक रहे. जितने शानदार वे ह्युमरिस्ट थे उतने ही शानदार प्रेमी और पति भी. यह उन के लिखे एक पत्र से जाहिर होता है.
दीवाली पर फैमिली टूर - प्लानिंग खुद करें पेरेंट्स पर न छोड़ें
शहरों की सड़कों पर दमघोंटू प्रदूषण से बचना है तो क्यों न इस बार कहीं आउटस्टेशन का टूर प्लान करें? पर ध्यान रहे, पेरैंट्स को सरप्राइज देने के लिए पूरी तैयारी खुद करें और सारा मैनेजमैंट अपने हाथों में लें.
सोशल मीडिया पर हनी सिंह का बेवजह ग्लोरिफिकेशन क्यों
नशाखोरी, पार्टीबाजी और भोंडेपन को बढ़ावा देने के अलावा हनी सिंह ने युवाओं के लिए ऐसा क्या किया कि उन्हें सोशल मीडिया पर ग्लोरिफाई किया जाए?
व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी की नौलेज का नमूना कंगना रनौत
कंगना रनौत सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहती हैं लेकिन वे भूल जाती हैं कि अब वे ट्रोलर नहीं बल्कि माननीय सांसद बन चुकी हैं.
एंड्र SKG टेट और इंडियन इन्फ्लुएंसर्स
एंड्रू टेट का नाम सुनते ही सोशल मीडिया पर फैली टौक्सिक मर्दानगी की तसवीर उभर कर सामने आती है. एक इन्फ्लुएंसर जिस के लाखों फौलोअर्स हैं, लेकिन वह यूथ को कैसे इन्फ्लुएंस कर रहा है, यह एक बड़ा सवाल है. भारत में एंडू टेट जैसे इन्फ्लुएंसर्स थोक के भाव भरे पड़े हैं.
यूट्यूब पर अश्लील भोजपुरी गाने परोसते गायक
एक समय था जब भोजपुरी लोकगीत बच्चों के जन्म से ले कर विवाह, फसलों की बुआईकटाई, पलायन और पर्वत्योहार जैसे छठ पूजा गीत, फगुआ, चैता जैसे अवसरों के लिए लिखे और बनाए गए जिन में लोगों की भावनाएं झलकती थीं लेकिन आज यूट्यूब पर अश्लीलता परोसते भोजपुरी गीत रिकौर्ड तोड़ रहे हैं.
ऐक्टिंग में नहीं जमी बिजनेसवूमन बनी पारुल गुलाटी
पारुल गुलाटी ने ऐक्टिंग में कदम जरूर रखा लेकिन याद करने लायक उन्होंने कोई रोल नहीं निभाया. आज वे फिल्मों से लगभग दूर हैं लेकिन वे एक सफल बिसनैसवूमन बन चुकी हैं.
जिमी डोनल्डसन कैसे बना नंबर वन यूट्यूबर
यूट्यूब कंटैंट क्रिएटर्स के बीच अकसर सब्सक्राइबर्स बढ़ाने की होड़ लगी रहती हैं. यह भी किसी यूट्यूब चैनल की सफलता को मापने का एक तरीका है. इसी तरह एक पौपुलर यूट्यूबर है जिमी डोनल्डसन, जिस के यूट्यूब वीडियोज पर मिलियन में व्यूज आते हैं.
ऑनलाइन शौपिंग की लत और ग्राहकों को ठगती कंपनियां
भारत में औनलाइन शौपिंग का बाजार बढ़ता जा रहा है और जैसेजैसे मोबाइल यूजर्स बढ़ रहे हैं वैसेवैसे औनलाइन शौपिंग का दायरा भी बढ़ रहा है. इस सब के पीछे कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटजी है. औनलाइन शौपिंग कंपनियां ग्राहकों के दिमाग को पढ़ कर उन्हें शौपिंग करने को मजबूर कर देती हैं.
यूट्यूब पर भूतिया दुकान चलाते क्रिएटर्स
आजकल यूट्यूब पर ऐसे चैनलों की भरमार है जिन में भूतों की घटनाओं, चुड़ैल का साया, वशीकरण, भटकती आत्माओं, ब्लैक मैजिक के किस्सेकहानियां सुनने को मिलते हैं. ये किस्से कोरी कल्पनाएं होती हैं जिन्हें ये लोगों तक पहुंचा रहे हैं.
भारत का सिकुड़ता एजुकेशन बजट और सोशल मीडिया पर मस्त युवा
पिछले कुछ सालों से भारत का पहले से कम एजुकेशन बजट और भी सिकुड़ता जा रहा है. 2024-25 में इस क्षेत्र में और भी कटौती की गई है. नई रिसर्चों व टैक्नोलौजी के लिए हमें विदेशों की तरफ ताकना पड़ता है लेकिन भारत का युवा सोशल मीडिया पर मस्त है.
हाइप और हसल के बीच राशा थडानी
राशा थडानी फेमस ऐक्ट्रैस रवीना टंडन की बेटी है जो बौलीवुड में कदम रखने को तैयार है. राशा के लिए फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री आसान है, यहां प्रिविलेज मौका देती है, काबिलीयत नहीं.
प्रचारतंत्र के दौर में इन्फ्लुएंसर्स के सहारे सरकारें
सरकारों को अपने प्रचार महकमों, राजनीतिक पार्टियों को रैली, झंडेडंडे और जन अभियानों पर और नेताओं को खुद पर भरोसा नहीं रहा. यही कारण है कि ये सभी इन्फ्लुएंसर्स को पैसा खिला कर अपनी, सरकार की और पार्टी की इमेज चमका रहे हैं.
संगीत के प्रति बीथोवन का इम्मोर्टल लव
लुडविन वैन मीथोवन दुनिया के महानतम संगीतकारों में से एक रहे हैं. रिहायशी लोगों के बीच उन की सिंफनी आज भी बजती है. बहुत कम लोग जानते हैं कि वे अपनी सुनने की क्षमता खो चुके थे, फिर भी वर्ल्ड क्लास संगीत बजाते रहे.
इन्फ्लुएंसर्स के नकली औनलाइन झगड़े और टाइमपास करते खलिहर युवा
सोशल मीडिया पर आए दिन इन्फ्लुएंसर्स के झगड़े चल रहे होते हैं. इन्हें फौलो करने वाले अपना सपोर्ट देते हैं और दूसरे को भरभर कर गालियां. दरअसल इन इन्फ्लुएंसर्स के पास दिखाने को कंटैंट कुछ रहा नहीं, इसलिए ये नकली झगड़े करते हैं.
कहीं आप ममाज बौय तो नहीं
'ममाज बौयज' होना गलत नहीं है, बल्कि इस से सहानुभूति और कोमल व्यवहार ही मिलता है मगर अपनी मां पर हर काम के लिए निर्भर रहना कमजोर भी बना सकता है.
भ्रामक प्रचार करते फूड व्लॉगर्स
सोशल मीडिया पर फूड इन्फ्लुएंसर्स जगहजगह घूम कर ऐसेऐसे फूड्स का प्रचार करते हैं जो वाकई चटकारे लायक होते हैं लेकिन बात हाइजीन की हो तो वे बेहद ही घटिया होते हैं.
ब्रँड प्रमोटिंग के खेल में मीम्स मार्केटिंग एजेंसी का बढ़ता चलन
सोशल मीडिया प्रचार का सब से बड़ा माध्यम हो गया है. बाजार लगते ही यहां भी बिचैलिए आ गए हैं, जो ब्रैंड और इन्फ्लुएंसर्स के बीच आ कर मोटा मुनाफा ले जाते हैं.
बौलीवुड ट्रेलब्लेजर जर्नलिस्ट आदित्य राणा
आदित्य राणा एलजीबीटीक्यू राइट्स की मांग उठाने वाला जर्नलिस्ट है. वह अकसर बौलीवुड सैलिब्रिटीज के साथ दिखाई देता है. सोशल मीडिया पर जितना उसे ट्रोल किया जाता है उतना ही वह बोल्ड तरीके से अपनी बात रखता है.