टमाटर का वानस्पतिक नाम सोलेनम लाइको पोर्सिकान हैं और इसका पुराना नाम वानस्पतिक एस्कुलेटम था। टमाटर की उत्पति पेरू व मैक्सीकन अमेरिका में हुई। टमाटर एक लोकप्रिय सब्जी है। इस फसल को संपूर्ण भारतवर्ष में उगाया जाता है। टमाटर को गर्म जलवायु एवं ठंड के मौसम में भी उगाया जाता है। इसको सफलतापूर्वक उगाने के लिए 21 से 23 डिग्री तापमान अनुकूल माना गया है। इसको किसान 18 से 27 डिग्री तापमान में भी उगा सकते हैं। अगर तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो टमाटर का लाल रंग फीका पड़ने लगता है। टमाटर की खेती के लिए भूमि का पी.एच.मान-7 से 8.5 तक होना चाहिए। भूमि में जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए। फसल की अच्छी पैदावार के लिए पत्तों के जड़ के पास मिट्टी अवश्य चढ़ा दें और आसपास हल्की निराई एवं गुड़ाई करनी चाहिए। इससे पैदावार अच्छी हो सकती है। टमाटर के फायदे: टमाटर खाने के कई सारे फायदे हैं। टमाटर को पोषण का पावर हाउस कहा जाता है। इसमें अच्छी मात्रा में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, पोटेशियम, मैग्नीशियम और नियासिन जैसे पोषक तत्व होते हैं। टमाटर दातों व हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए लाभकारी होता है।
- टमाटर में जो लाइकोपिन पाया जाता है वो हड्डियों को नुकसान पहुँचने से बचा सकता है। टमाटर कैल्शियम से भी समद्ध होता है और दांतों को मजबूत बनाने के लिए लाभकारी होता है।
- टमाटर में पाए जाने वाले ऐंटीऑक्सीडेंट, लाइकोपीन और बीटा कैरोटिन इम्यूनिटी यानि प्रतिरक्षा को बढ़ा सकते हैं और मजबूत करने में मदद करते हैं।
- टमाटर के सेवन से आंखों की बीमारियों से भी बचा जा सकता है। इसके लिए टमाटर में पाया जाने वाला विटामिन सी लाभकारी साबित हो सकता है।
- लाल टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपीन जो कि एक कैरोटी नॉयड है। यह कंपाउंड कैंसर के खिलाफ कीमो प्रिवेटिव गुण प्रदर्शित कर सकता है। लाइकोपीन में ऐंटी कार्सिनोजनिक गुण कैंसर की समस्या को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकतें हैं।
टमाटर के उन्नत प्रभेद:
1. काशी विशेष : इस प्रभेद की खेती से एक हैक्टेयर 450-600 क्विंटल की पैदावार हो सकती है। यह प्रभेद विषाणु जनिक पर्ण कुंचन रोग के प्रति सहनशील है।
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सब्जियों की जैविक खेती
सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।
किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।
उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन
दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।
ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय
खुम्बी एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन जैसे पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खुम्बी में वसा की मात्रा कम होने के कारण यह हृदय रोगियों तथा कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा आहार है। खुम्बी एक प्रकार की फफूंद होती है। इसमें क्लोरोफिल नहीं होता और इसको सीधी धूप की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इसे बारिश और धूप से बचाकर किसी मकान या झोंपड़ी की छत के नीचे उगाया जाता है जिसमें हवा का उचित आगमन हो।
वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से प्रयोग करना एवं भविष्य में वित्तीय सुरक्षा को यकीनन बनाने के लिए, प्रत्येक के लिए वित्तीय साक्षरता आवश्यक है। यह यकीनन बनाने के लिए कि आपका वित्त आपके विरुद्ध काम करने की बजाये आपके लिए काम करती है, ज्ञान एवं कुशलता की एक टूलकिट्ट की जरूरत होती है।
मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें
भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए उपजाऊ शक्ति को बनाये रखना बहुत जरूरी है। वर्ष 2025 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए लगभग 45 मिलियन टन उर्वरकों की जरूरत होगी, लेकिन एक अन्दाज के अनुसार वर्ष 2025 में 35 मिलियन टन उर्वरकों का प्रयोग किया जायेगा।
गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ
गेंदा बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला एवं भू-दृश्य के लिए उगाया जाता है।
विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम
अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं वो खरपतवार होते हैं। खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवत्ता पर विपरीत असर डालते हैं।
खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह
उत्तर प्रदेश का एग्रीकल्चर सैक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। इस सैक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है कि देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसी क्रम में हम आपको यूपी के सीतापुर के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लाखों युवा किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।