इसमें गाय, भैंस जैसे डेयरी पशुओं का प्रबंधन शामिल है। भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है। हरियाणा में भारत की कुल पशुधन क्षमता का 2.1 प्रतिशत हिस्सा है और 116.29 लाख टन दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का 5.26 प्रतिशत है।
बहुत सारे पर्यावरणीय कारक डेयरी पशु की दूध उत्पादन की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं, विश्व और भारत स्तर पर पशु स्वास्थ्य समस्याओं में गर्मी का तनाव सबसे आम समस्या है। जैसे-जैसे दुनिया भर में तापमान बढ़ रहा है, गर्मी के तनाव की अधिक संभावना है। भारत में गर्मियां बहुत भीषण होती हैं क्योंकि पर्यावरण का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। डेयरी पशु का सामान्य तापमान 18-23 डिग्री सेल्सियस होता है। जलवायु परिवर्तन के परिणाम न केवल फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं, लेकिन पशु उत्पादन को प्रभावित करते हैं। गर्मी का तनाव दूध की पैदावार और गुणवत्ता में कमी के साथ-साथ पशु प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है।
गर्मी तनाव के लक्षण:
• पशु का खुले मुंह हांफना और मुँह से अधिक लार।
• पशु का छाया की ओर जाना।
• पशु पानी अधिक पीता है और भोजन कम करता है।
• पशु लेटने के बजाये खड़ा होना पसंद करता है।
• पशु के शरीर का तापमान बढ़ जाता है (अक्सर 106-108ए तक)।
• पशु की आंखें धंसी हुई हो सकती हैं और दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
• मौन गर्मी की घटनाओं में वृद्धि होना।
पशु उत्पादन और प्रजनन पर गर्मी के तनाव का प्रभाव
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।