इनका प्रकोप फसलों पर ज्यादा देखा गया है। ये परजीवी सूत्रकृमि के रूप में मृदा अथवा फसलों के ऊतकों में रहते हैं। ये कई वर्षों तक मिट्टी के नीचे दबे रह सकते हैं और पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। सूत्रकृमि का प्रकोप सभी फसलों पर होता है।
इसके कारण जड़ में गांठ का सूखापन, पुट्टी का सूखापन, नीबू का सूखापन, जड़ गलन का सूखापन, जड़ फफोला आदि रोग होते हैं।
भारत, विश्व में अनार उत्पादन एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम स्थान पर है। देश में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, राजस्थान तथा तेलंगाना राज्यों का अनार उत्पादन में मुख्य स्थान प्राप्त है। जड़गांठ सूत्रकृमि, मेलोइडोगाइन इनकॉग्निटा अनार के बगीचे में उपज की हानि का कारण बनता जा रहा है। इस सूत्रकृमि को राजस्थान में अनार की एक गंभीर समस्या के रुप में देखा जा सकता है।
वर्तमान में राजस्थान के बाड़मेर, जालौर, जोधपुर और नागौर जिलों में इसका प्रकोप दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। जड़गांठ सूत्रकृमि (मेलोइडोगाइन इनकॉग्निटा), भारत में कई बागवानी और सजावटी पौधों का एक विनाशकारी सूत्रकृमि है।
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।