CATEGORIES

'सोचा नहीं था कि पाँच किताबें कभी लिख पाऊँगा'
Samay Patrika

'सोचा नहीं था कि पाँच किताबें कभी लिख पाऊँगा'

आमतौर पर ये कम ही देखा जाता है कि टेलीविजन के पत्रकार लगातार लिखते हैं फिर चाहे वो कॉलम हो या किताबें। भोपाल में रहने वाले और एबीपी न्यूज में लंबे समय से स्टेट ब्यूरो संभाल रहे ब्रजेश राजपूत इस मामले में अलग हैं। पिछले सात सालों में वे पाँच किताबें लिख चुके हैं। इनमें दो किताबें मध्यप्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों पर तो, दो किताबें टेलीविजन के पर्दे के पीछे की छिपी हुई कहानियों पर हैं। दो साल पहले एमपी में हुए सत्ता परिवर्तन पर भी उनकी रोचक किताब 'वो सत्रह दिन' प्रकाशित हुई थी जिसे बहुत दिलचस्पी से पढ़ा गया। ब्रजेश राजपूत अपनी नयी किताब 'ऑफ़ द कैमरा लेकर आये हैं जिसमें टीवी रिपोर्टिंग के किस्से हैं। ये वो किस्से हैं जिनको उन्होंने टीवी रिपोर्टिंग के दौरान देखा और बाद में विस्तार से इन पर लिखा। ये किस्से कोरोना काल की करुण कथाएँ हैं तो सत्ता परिवर्तन की उठापटक और बदलावों में कितना और क्या बदला ये बताते हैं। 'ऑफ द कैमरा' किताब के इन पैंसठ किस्सों को पढ़कर आपको घटनास्थल पर खड़े होने का अहसास तो होगा ही, किस्सों में समाये दर्द को भी पाठक महसूस कर पायेंगे। समय पत्रिका ने लेखक ब्रजेश राजपूत से बात की:

time-read
1 min  |
May 2022
यूरोप का पहला सफ़रनामा
Samay Patrika

यूरोप का पहला सफ़रनामा

18 वीं शताब्दी मुग़ल साम्राज्य के पतन के साथ-साथ यूरोपीय शक्तियों विशेष रूप से अंग्रेज़ों के उत्थान की शताब्दी है।

time-read
1 min  |
May 2022
गरिमा और करुणा का संसार
Samay Patrika

गरिमा और करुणा का संसार

इस संग्रह की कहानियों में ऐसी स्मृतियाँ और अनभिव विन्यस्त हैं जिनमें खिले हुए रंगीन फूलों की खुशबू और उन्माद है तो खुले घाव से रिसते दर्द की कसक भी है।

time-read
1 min  |
May 2022
क्लासरूम में चाणक्य - विद्यार्थियों के लिए चाणक्य नीति
Samay Patrika

क्लासरूम में चाणक्य - विद्यार्थियों के लिए चाणक्य नीति

"काम, क्रोध, लोभ, स्वाद, शृंगार (रति), कौतुक (मनोरंजन), अति निद्रा एवं अति सेवा- विद्या की अभिलाषा रखनेवाले को इन आठ बातों का त्याग कर देना चाहिए।” - चाणक्य

time-read
1 min  |
May 2022
आवाज़ें काँपती रहीं - मानवीय सम्बन्धों का मार्मिक आख्यान रचती कहानियाँ
Samay Patrika

आवाज़ें काँपती रहीं - मानवीय सम्बन्धों का मार्मिक आख्यान रचती कहानियाँ

हिन्दी कहानी के लिए यह परम्परा और परिवर्तन के बीच का संक्रमण-काल है।

time-read
1 min  |
May 2022
शैडो - भटकती आत्माओं का रहस्य
Samay Patrika

शैडो - भटकती आत्माओं का रहस्य

सम्मोहन क्रिया, तंत्र विद्या और मृत आत्माओं के बारे में काल्पनिक साहित्य में प्राचीन काल से बहुत कुछ लिखा गया है।

time-read
1 min  |
May 2022
लक्खा सिंह - थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है
Samay Patrika

लक्खा सिंह - थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है

एक कोलियरी(कोयला खान) में फिटर के पद पर कार्यरत सरदार लक्खा सिंह के हवाले से कोयलांचल में सीसीएल, बीसीसीएल, एनसीएल, एसईसीएल या ईस्टर्न कोल्फील्ड्स जैसे बैनर्स के तले जीवन बसर कर रहे साधारण लोगों की ज़िंदगी का लेखक ने बड़ा ही बेबाक और रोचक वर्णन किया है।

time-read
1 min  |
May 2022
रुको मत, आगे बढ़ो
Samay Patrika

रुको मत, आगे बढ़ो

स्वामी विवेकानंद व्यक्ति को जाति, धर्म के नजरिए से न देखकर उन्हें समान से देखते थे। देश की भूखी और अज्ञानी जनता में आत्मविश्वास उत्पन्न करने के लिए वे कहते थे कि उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक तुम अपने लक्ष्य को न पा लो।

time-read
1 min  |
May 2022
ब्लैक वॉरंट तिहाड़ जेल के जेलर की इनसाइड स्टोरी
Samay Patrika

ब्लैक वॉरंट तिहाड़ जेल के जेलर की इनसाइड स्टोरी

यह पुस्तक दरशाती है कि जेलरों को भी अपनी ही प्रणाली के हाथों कैद होना पड़ता है। अपर्याप्त वेतन और अधिक काम के बोझ से दबे वहाँ के कर्मचारी इतने अप्रशिक्षित एवं संसाधन-विहीन हैं कि वे कैदियों के सुधार को लागू कर पाने में पूर्णतया अक्षम हैं। उनमें से अधिकांश उत्पीड़ित लोग आगे चलकर स्वयं उत्पीड़क बन जाते हैं।

time-read
1 min  |
May 2022
अंतर्मन की ओर - सांसारिक जीवन में ध्यान की आवश्यकता
Samay Patrika

अंतर्मन की ओर - सांसारिक जीवन में ध्यान की आवश्यकता

खास किताब

time-read
1 min  |
May 2022
यूपी चुनाव और राजनीति की तासीर
Samay Patrika

यूपी चुनाव और राजनीति की तासीर

उत्तर प्रदेश चुनाव 2022

time-read
1 min  |
March 2022
बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाए
Samay Patrika

बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथाए

माया ने घुमायो

time-read
1 min  |
March 2022
पुलवामा अटैक
Samay Patrika

पुलवामा अटैक

सच्ची घटनाओं पर आधारित उपन्यास

time-read
1 min  |
March 2022
नर्मदा नदी की विलक्षण सांस्कृतिक कथा
Samay Patrika

नर्मदा नदी की विलक्षण सांस्कृतिक कथा

यह उपन्यास नर्मदा के साथ हमें भारत की सनातनी संस्कृति के बारे में बहुत कुछ समझाने का प्रयास करता है।

time-read
1 min  |
March 2022
कारगिल एक यात्री की जुबानी
Samay Patrika

कारगिल एक यात्री की जुबानी

शहीदों ने भी जब देश पर जान कुरबान की होगी तो उन्होंने सोचा ही होगा कि हमारे देशवासी हमारी स्मृति, हमारी सोच एवं हमारी वैभवपूर्ण विरासत को जीवित रखेंगे और यही सोच हमारी युवा पीढ़ी को देश की सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।

time-read
1 min  |
March 2022
अरब देशों के बारे में महात्मा गांधी की सोच
Samay Patrika

अरब देशों के बारे में महात्मा गांधी की सोच

बीते कुछ दशकों में अरब देशों ने अतिवाद, हिंसा और आतंकवाद की सबसे घिनौनी और खौफनाक तसवीरों को देखा है, जिन्हें धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करनेवाली सोच और तकरीरों से भड़काया व उकसाया जाता है। ऐसे विचारों और तकरीरों से नफरत व खून-खराबा को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे समाज बँट जाता है और सभ्यता की बुनियाद ही खतरे में पड़ जाती है। अगर ऐसी सोच का इलाज नहीं होगा, तो उनका अंतिम परिणाम खतरनाक बौद्धिक भटकाव के रूप में दिखेगा, जो सारे अरब देशों को निराशा, हताशा, संकट एवं विघटन के गर्त में धकेल देगा। इन मुश्किल और निराशाजनक परिस्थितियों के बीच लेखक महात्मा गांधी की बौद्धिक विरासत को फिर से याद करते हैं और उनके मुख्य संदेशों पर विचार करते हैं। उनके जीवन के विभिन्न चरणों के माध्यम से लेखक उन विरोधाभासी परिस्थितियों पर रोशनी डालते हैं, जो पहले से मौजूद थीं और जिनके कारण मुसलमानों की राय भारत से अलग हो गई, चाहे खिलाफत का मुद्दा हो या फिर गांधी के कुछ विचारों के प्रति मुसलमानों की आशंका। 'गांधी और इस्लाम' इस्लाम और मुस्लिम देशों के सामने आई चुनौतियों से गांधीवादी तरीके से निपटने का एक प्रयास है।

time-read
1 min  |
March 2022
अनेक रहस्यों से पर्दा उठाती है 'वॉल स्ट्रीट और बोल्शेविक क्रांति'
Samay Patrika

अनेक रहस्यों से पर्दा उठाती है 'वॉल स्ट्रीट और बोल्शेविक क्रांति'

वॉल स्ट्रीट और बोल्शेविक क्रांति

time-read
1 min  |
March 2022
'इन कविताओं में एक अस्फुट, आवेगमय पुकार छुपी है'
Samay Patrika

'इन कविताओं में एक अस्फुट, आवेगमय पुकार छुपी है'

चिन्मयी त्रिपाठी और उनकी कविताएँ

time-read
1 min  |
March 2022
ग़ज़ल के ग़ौरतलब इशारे और मुक्तकों की महफ़िल
Samay Patrika

ग़ज़ल के ग़ौरतलब इशारे और मुक्तकों की महफ़िल

सोच अमीक रहा हूँ कि कारपोरेट दुनिया की आपाधापी से जुड़े 'अमीक़'अपने कार्य और लेखनी से संजीदगी के साथ कैसे न्याय करते हैं।

time-read
1 min  |
January 2022
बीसवीं सदी के अनुभव और इक्कीसवीं सदी का यथार्थ
Samay Patrika

बीसवीं सदी के अनुभव और इक्कीसवीं सदी का यथार्थ

साहित्य में योगदान के लिए सम्मानित पंकज सुबीर का एक और कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ है। इसमें उनकी दस कहानियां हैं।

time-read
1 min  |
January 2022
संघर्ष, प्रेम और दर्द की बात करती रचनाएँ
Samay Patrika

संघर्ष, प्रेम और दर्द की बात करती रचनाएँ

अर्चना दानिश के संघर्ष, साहस, प्रेम, दर्द और उल्लास की गहन छाप इस संग्रह में देखने को मिलती है।

time-read
1 min  |
January 2022
रहस्य और रोमांच की दुनिया
Samay Patrika

रहस्य और रोमांच की दुनिया

फ्लाई विंग्स प्रकाशन ने रहस्य और रोमांच के संसार की दो गाथाओं को प्रस्तुत किया है। अभिनव जैन के उपन्यास 'प्रतिहारी : कालचक्र का खेल' और अभिलाष दत्ता के उपन्यास 'अवतार : महारक्षकों का आगमन' खास किताबें हैं जिन्हें इन दिनों पढ़ा जा सकता है।

time-read
1 min  |
January 2022
भारतीय सेना के सबसे सफल मिशन की सच्ची कहानी
Samay Patrika

भारतीय सेना के सबसे सफल मिशन की सच्ची कहानी

क्या आप जानते हैं कि अफ्रीका के जंगलों में भारतीय सेना के 233 जवान लगभग तीन महीने तक की घेराबंदी में फँस गए थे और उनके पास खाने को कुछ भी नहीं था?

time-read
1 min  |
January 2022
बाउल कवि लालन शाह
Samay Patrika

बाउल कवि लालन शाह

बाउल कवि कि 'लालन शाह साधना और साहित्य'

time-read
1 min  |
January 2022
अब तो मुझको पसंद आ जाओ...
Samay Patrika

अब तो मुझको पसंद आ जाओ...

लेकिन पर एक सार

time-read
1 min  |
January 2022
Samay Patrika

भारतीय सेना के अदम्य साहस की कहानियाँ

भारतीय सेना के प्रशंसकों के लिए यह सर्वोत्तम और पठनीय पुस्तक है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक सैनिक का जीवन कैसा होता है? भारत के जाँबाज'भारतीय सेना के सबसे जाने-माने अधिकारियों में से एक की ओर से किया गया बेहद अनूठा वर्णन है। पुस्तक में जान की बाजी लगानेवाले अभियानों और साहसिक सर्जिकल स्ट्राइक की हैरतअंगेज कहानियाँ हैं। जंग लड़नेवाले सैनिक कितने कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैं; एल.ओ.सी. पर जीवन कैसा होता है, और कैसे होते हैं वे जवान, जो अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं-इनका अत्यंत प्रेरक और रोचक विवरण इस पुस्तक में प्रस्तुत है। इस पुस्तक में आप भारतीय सेना और हमारे शूरवीर जवानों को इतना करीब से देखेंगे जितना पहले कभी नहीं देखा होगा। भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, अप्रतिम त्याग-समर्पण और अद्भुत जिजीविषा का सजीव वर्णन करती पुस्तक, जो हर भारतीय को राष्ट्रप्रेम के लिए प्रेरित करेगी।

time-read
1 min  |
December 2021
Samay Patrika

रोमांचक सक्सेस स्टोरी

जीवन को देखने का पीयूष का नजरिया कुछ ऐसा है कि आप उन्हें पढ़ते चले जाते हैं। जीवन के सबसे बेरंग अनुभवों में कल्पना के रंग भरना एक कला है और हमारा लेखक निश्चित रूप से एक कलाकार है

time-read
1 min  |
December 2021
संघर्ष, सफलता और प्रेरणा
Samay Patrika

संघर्ष, सफलता और प्रेरणा

हौसले की ऊँची उड़ान

time-read
1 min  |
December 2021
Samay Patrika

झाँसी की वीरांगना

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई भारतवर्ष के सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नेत्री थीं। झाँसी के कण-कण में रानी लक्ष्मीबाई का त्याग और शौर्य विद्यमान है। यद्यपि बुंदेलखंड में कई वीरांगनाएँ हुईं पर उनमें लक्ष्मीबाई आज भी भारतीय आकाश में नक्षत्र की भाँति देदीप्यमान हैं। उन्होंने उफनती बेतवा नदी को घोड़े पर पार करके, पार्श्ववर्ती राज्य ओरछा को पराजित कर, अंग्रेज लेफ्टनेंट डॉकर को घायल करके, सिंधिया के ग्वालियर पर विजय प्राप्त कर तथा युद्धों में अपनी तलवार से शत्रु के सैकड़ों सैनिकों को मारकर तथा घायल करके अपने अद्वतीय रणपराक्रम तथा रणनीतिक कौशल को स्थापित किया जो आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी सेना में सभी जातियों, धर्मों और कई देशों के सैनिकों तथा सेनानायकों को उनकी योग्यता के आधार पर शामिल किया गया। साथ-साथ उन्होंने स्थानीय महिलाओं को सैन्य रूप में संगठित करके नारी-शक्ति को बुलंद किया। उनका प्रशासन पूर्णतः विकेंद्रीकृत था। झाँसी राज्य की समृद्धि तथा राजकोषीय आय का उपयोग उन्होंने सन् 1857 की क्रांति के पृष्ठपोषण में किया। विश्व इतिहास में लक्ष्मीबाई सैन्य नेत्रियों में अग्रणी हैं। ऐसी विश्वनेत्री का व्यक्तित्व एवं कृतित्व भारत की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने हेतु भारतीयों के लिए अजस्र प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक हैं।

time-read
1 min  |
December 2021
नई किताबें
Samay Patrika

नई किताबें

इन दिनों पढ़ें कुछ खास किताबें

time-read
1 min  |
December 2021