आटासाटा सामाजिक रीति के अनुसार चित्तौड़गढ़ में भाईबहन महेंद्र और तनु की शादी की तारीखें इसी साल फरवरी की तय हो चुकी थीं. • इस रीति के मुताबिक महेंद्र की जिस लड़की से शादी होनी थी, उस के भाई से तनु की शादी होनी तय हुई थी. दोनों की शादी के लिए तारीखें और विवाह कार्यक्रम नवंबर 2022 में ही तय हो गए थे. अब परिवार में सिर्फ रस्मों की अदायगी का इंतजार था.
तैयारियां शुरू हो गई थीं. महेंद्र ब्याह होने को ले कर खुश था. मन में शादी के लड्डू फूटने लगे थे. उस की शादी मनपसंद सुंदर लड़की से तय हुई थी. महेंद्र ने उसे शादी से पहले ही पसंद कर लिया था.
गोविंद मध्य प्रदेश के जिला मंदसौर के गांव राइका गरोठ के रहने वाले थे, जो इस समय भाटखेड़ा में रह रहे थे. उन के 3 बच्चों में बेटा महेंद्र के अलावा उस से छोटी 2 बेटियां तनु और तनिष्का थीं. उन का साधारण खातापीता परिवार था. वह कपड़े धुलाई का पुश्तैनी काम कर रहे थे.
इस शादी को ले कर पूरे परिवार में काफी खुशी का माहौल बन गया था. सभी के चेहरे पर चमक थी और वे शादी की तैयारियों में जुट गए थे. इस शादी को ले कर अगर किसी के मन में दुविधा या नापसंद की बात थी तो वह थी तनु.
जब से उस की शादी की तारीख तय हुई थी, तभी से उस के दिल की धड़कनें बढ़ गई थीं और दिमाग में हलचल मची हुई थी. दरअसल, वह इस शादी को नहीं करना चाहती थी. हालांकि ऐसा भी नहीं था कि उस के मातापिता और भाई ने जो रिश्ता तय किया था, वह खोटा था. इस बारे में तनु ने पहले अपनी छोटी बहन से बात की. इस पर बहन ने तपाक से सुझाव दिया कि अगर उसे यह शादी पसंद नहीं से है तो मां को बता दे.
तनु बड़ी हिम्मत कर मां आजोदिया बाई से बोली, "मां, मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूं."
यह सुनते ही मां तड़ाक से बोलने लगी, "शादी नहीं करना चाहती है ? क्यों नहीं करना चाहती है अभी? यह क्या बात हुई. तुम्हारे चलते महेंद्र कुंवारा बैठा रहेगा? और फिर तुम्हारी शादी होने के बाद ही तो छोटी बहन की शादी हो पाएगी? मैं देख रही हूं कि जब से तू ननिहाल से आई है, तेरे तो रंगढंग ही बदल गए हैं."
मां की तेज आवाज महेंद्र के कानों में भी पड़ी. वह तुरंत मां के पास आया और बोला, "क्या हो गया मां ?"
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