गुलामुद्दीन फारुखी ने 50 वर्षीया अनीता चौधरी का मर्डर कर उस की लाश को ठिकाने लगाने की पूरी योजना पहले ही बना ली थी. योजना के अनुसार उस ने नए फोन नंबर से अनीता चौधरी को फोन कर के इलाके में स्थित एक प्रौपर्टी का सौदा । करने के लिए बुलाया. अनीता चौधरी ब्यूटीपार्लर चलाने के साथसाथ प्रौपर्टी डीलिंग का काम भी करती थी, जबकि गुलामुद्दीन उस के पार्लर के सामने अपनी ड्राइक्लीन की दुकान चलाता था. गुलामुद्दीन ने अनीता को फोन 'अंकल' के नाम से किया था. अनीता उस के बताए पते पर पहुंच गई. यह बात 27 अक्तूबर, 2024 की है.
वह एक कमरे में बैठी ही थी कि एक व्यक्ति पानी का गिलास और 2 गिलास शरबत ले कर आया. कुछ बोले बगैर उस ने पीने के लिए इशारा किया और शरबत का एक गिलास अपने हाथ में ले लिया.
अनीता ने पानी के बजाए शरबत का गिलास उठाया. शरबत पीने के थोड़ी देर बाद ही अनीता बेहोश हो गई. असल में मुंह पर कपड़ा बांधे वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि गुलामुद्दीन था. वही अंकलजी बना हुआ था और नए सिम से फोन कर उस ने अनीता को अपने जाल में फंसा लिया था. उस ने शरबत में नशीली दवा मिला दी थी.
अनीता चौधरी को सोने की ज्वैलरी पहनने का बहुत शौक था. उस दिन भी वह काफी ज्वैलरी पहने हुए थी. बेहोश होने के बाद गुलामुददीन ने सब से पहले उस की ज्वैलरी अपने कब्जे में की. गुलामुद्दीन की पत्नी आबिदा उस दिन अपनी बहन के घर गई हुई थी.
योजना के अनुसार गुलामुद्दीन ने सब से पहले अनीता की हत्या करने के बाद उस के दोनों हाथ, दोनों पैर और सिर को धड़ से अलग किया. फिर लाश के 6 टुकड़े 2 बैगों में भरे. उस ने अपने घर के सामने पहले से ही जेसीबी द्वारा 10 फीट गहरा गड्ढा खुदवा रखा था. फिर वह लाश भरे दोनों बैग उस गड्ढे में डाल कर मिट्टी से पाट दिया.
अगले दिन गुलामुद्दीन की पत्नी अपनी बहन के घर से लौटी तो उस ने गड्ढे में अनीता की लाश दफन करने की बात पत्नी को बता दी. इतना ही नहीं, उस ने अनीता की एक अंगूठी भी पत्नी को दे दी. इस के बाद वह फरार हो गया.
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