तकरीबन 200 से अधिक मरीजों की दर्दनाक मौत कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि इन मौतों के पीछे लालच, धोखा और हैवानियत की एक ऐसी कहानी छिपी है, जिस पर यकीन करना भी मुश्किल है. इन सभी मरीजों का इलाज एक ही डाक्टर ने किया था और उस निर्दयी डा. समीर सर्राफ ने चंद रुपयों के लालच में मरीजों को घटिया क्वालिटी के पेसमेकर लगा दिए थे. जिस का नतीजा यह हुआ कि कुछ दिनों तक सस्ते और घटिया पेसमेकर से जूझने के बाद करीब 200 मरीजों की जान चली गई.
सरकारी अस्पतालों में आमतौर पर पेसमेकर लगाने में 75 हजार रुपए से ले कर डेढ़ लाख रुपए तक खर्च आता है, लेकिन डा. समीर पेसमेकर लेने और इस के लिए अलग से रुपए खर्च करने की सलाह देता था. इस तरह वह एक मरीज से 4 से 5 लाख रुपए तक चार्ज कर लिया करता था.
हाल ही में एक दिल को झकझोर देने वाली खबर देश के सब से बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से सामने आई है. यह खबर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के पिता स्व. मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का गढ़ कहे जाने वाले सैफई से है.
उत्तर प्रदेश के सैफई में एक डाक्टर की काली करतूत पूरे देश और समूचे विश्व के सामने आई है. सैफई की मैडिकल यूनिवर्सिटी के डाक्टर की काली करतूत ने भारत को समूचे विश्व के सामने शर्मसार कर के रख दिया है. डा. समीर सर्राफ, जो मैडिकल यूनिवर्सिटी का हार्ट स्पैशलिस्ट था, उसे घटिया और नकली पेसमेकर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
सैफई मैडिकल यूनिवर्सिटी में तैनात रहे कार्डियोलोजिस्ट डा. समीर सर्राफ पर बेहद संगीन आरोप लगा है कि उस ने 600 मरीजों में खराब पेसमेकर इंप्लाट किए थे, जिन में से अब तक करीब 200 मरीजों की मौत हो चुकी है. डा. समीर सर्राफ पर मरीजों से अधिक पैसे वसूलने सहित कई संगीन आरोप भी लगे हैं.
कैसे खुला नकली पेसमेकर लगाने का मामला?
नकली पेसमेकर लगाने का मामला तब प्रकाश में आया, जब मोहम्मद ताहिर ने यह मामला मीडिया और पुलिस के सामने उजागर किया. मोहम्मद ताहिर ने 12 जून, 2019 को अपनी बीवी रेशमा की तबीयत खराब होने और कमजोरी महसूस होने पर सैफई यूनिवर्सिटी में भरती कराया था. उन की गैरमौजूदगी में डाक्टर ने उन्हें पेसमेकर लगा दिया.
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