मामला सामने आने पर तो पता लगा कि कई महिलाएं तो ग्राम पंचायत की सदस्य हैं, तो पीड़िताओं में पुलिस अफसर और सरकारी कर्मचारी भी हैं. सभी वीडियो में एक बात सामान्य है और वो स्टोररूम की हैं. यानी सभी वीडियो स्टोररूम में ही शूट किए गए हैं. दावा किया गया है कि स्टोररूम प्रज्वल रेवन्ना का है.
कर्नाटक की हासन सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होनी थी. इस को ले कर चुनावी प्रचार जोरशोर से चल रहा था. कर्नाटक में 2 दिवसीय चुनावी जनसभाओं के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी आए थे. मैसूर लोकसभा सीट के लिए 14 अप्रैल को एनडीए के मंच पर 91 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा को 2 लोगों ने पकड़ कर कुरसी तक पहुंचाया था. उन्हें देख कर स्थानीय लोग काफी खुश थे.
पीएम मोदी ने कन्नड़ भाषा में अपने संबोधन की शुरुआत कर उन्हें और भी जोश में भर दिया था. जनता का अभिवादन और आभार जताते हुए मोदी ने मैसूर के बीजेपी उम्मीदवार और हासन सीट से जनता दल (सेक्युलर) के युवा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के लिए जनता से वोट मांगे थे.
कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार के लिए चुनावी जनसभाएं कर रही थी. जैसेजैसे वोट की तारीख नजदीक आ रही थी, वैसेवैसे हासन में चुनावी गहमागहमी बढ़ती जा रही थीं.
इसी बीच कुछ गुमनाम लोगों ने 25 अप्रैल, 2024 को बाजार, चाय की दुकानों और घरों में पेनड्राइव फेंक दिए थे. लोगों ने पेन ड्राइव देखी तो उन की आंखें खुली की खुली रह गईं. उस में जेडीएस उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के हैरान कर देने वाले अलगअलग महिलाओं के साथ के सैक्स वीडियो भरे पड़े थे. पेनड्राइव में साफतौर पर दिख रहा था कि प्रज्वल रेवन्ना के द्वारा महिलाओं से जबरदस्ती की जा रही है.
लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदान के ठीक एक दिन पहले हासन में सैकड़ों पेनड्राइव के जरिए फैले वीडियो का असर हुआ. तुरंत कर्नाटक महिला आयोग की प्रमुख नागलक्ष्मी चौधरी ने पहल की. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पुलिस को चिट्ठी लिख कर इस मामले की जांच करने की मांग की.
27 अप्रैल, 2024 को कर्नाटक सरकार ने वीडियो की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दे दिया. इसी बीच 26 अप्रैल के मतदान के बाद प्रज्वल रेवन्ना के अचानक यूरोप दौरे पर चले जाने की खबर भी आ गई.
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