पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. मृतक गुरुचरण की उम्र 38 वर्ष के आसपास थी. उस का शव झाड़ियों के पास पड़ा था. पैरों पर बाइक पलटी पड़ी थी. शव के पास ही शराब का एक क्वार्टर पड़ा था. वह सफेद रंग की कमीज व पैंट पहने था. उस के शरीर पर चोट के निशान थे.
शुरुआती जांच में पुलिस को यही लगा कि गुरुचरण की मौत दुर्घटना नहीं है. क्योंकि उस के शरीर पर कोई गंभीर चोट नहीं थी.
सूचना पाकर एसपी (कानपुर देहात) बी.बी.जी.टी. एस. मूर्ति तथा सीओ शिव ठाकुर भी मौका ए वारदात पर आ गए. उन्होंने मौके पर फोरैंसिक टीम को भी बुला लिया.
उस दिन जुलाई 2024 की 26 तारीख थी. सुबह से ही आसमान में काली घटाएं छाई थीं. पुरवइया की ठंडी हवा भी चल रही थी. ऐसे सुहावने मौसम में मनकापुर गांव का युवक जसवंत अपने कंधों पर दोनों हाथों से लाठी टिकाए कोई गीत गुनगुनाता हुआ और मस्ती में झूमता हुआ अपने खेत की ओर जा रहा था.
वह जैसे ही खेत पर पहुंचा तो उस के मुंह से चीख निकल पड़ी. खेत में झाड़ियों के पास एक लाश पड़ी थी. उस के पैरों पर बाइक पलटी पड़ी थी. उस ने लाश को गौर से देखा तो उस के आश्चर्य का ठिकाना न रहा. क्योंकि वह लाश गांव के ही युवक गुरुचरण संखवार की थी.
जसवंत खेत से भागता हुआ गांव आया. उस ने गुरुचरण की लाश खेत में पड़ी होने की सूचना उस के घर वालों को दी. इस के बाद तो घर व गांव में कोहराम सा मच गया. जिस ने भी सुना, वही खेत की ओर दौड़ पड़ा. देखते ही देखते खेत पर लोगों की भीड़ जुट गई. घर वाले भी हांफते हुए वहां पहुंचे.
लाश देख कर मृतक की पत्नी पूजा छाती पीटपीट कर रोने लगी. मां रानी देवी भी जवान बेटे का शव देख कर फफक पड़ी. इसी बीच किसी व्यक्ति ने इस की सूचना कानपुर देहात के थाना मंगलपुर पुलिस को दे दी.
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