जेहाद की जद में उत्तराखंड
DASTAKTIMES|May 2024
देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक जेहाद की जद में है। आलम यह है कि जेहाद की तपिश इतनी बढ़ गई कि इसे थामने के लिए सामाजिक विरोध के साथ ही कानूनी-प्रशासनिक कोशिशें करनी पड़ रही हैं। स्थानीय लोग बाहरियों को भगा रहे हैं। तो सरकार बाहर से आने वालों के लिए कानून बना रही है। हालांकि मर्ज गहरा है और इसे केवल धर्म के आधार पर रोक पाना समाज व सरकार दोनों के लिए खासा चुनौतीभरा है।
पंकज सिंह
जेहाद की जद में उत्तराखंड

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद ही यह एक शांतप्रिय और पर्यटक मित्र राज्य रहा है। पुलिस व कानून-व्यवस्था बहुत बड़ी समस्या नहीं थी। गठन के डेढ़ दशक बाद तक राज्य के दो तिहाई हिस्से में राजस्व पुलिस यानी पटवारियों के जिम्मे ही पुलिसिंग के कार्य थे। पर्यटक के रूप में उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों से आने वाले अपराधियों के लिए यह सुखद शरणस्थली बन गया। वहीं पर्यटकों की आमद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छोटे व्यवसायी और कारोबारियों की आवाजाही बढ़ी। इसी दौर में विकास के कार्यों, सड़कों के निर्माण से आवागमन आसान हुआ और व्यवसाय बढ़ा। रेड़ी-ठेले लगाने वाले छोटे कारोबारियों के लिए यह बेहतरीन कमाई का केन्द्र बन गया। इसी बहाने मुस्लिम समुदाय का भी एक वर्ग इन छोटे व्यवसाय की आड़ में उत्तराखंड में बसने लगा।

पिछले डेढ़ दो दशकों में जो आबादी बस चुकी है उससे आसन्न संकट से निपटना उत्तराखंडी संस्कृति, समाज और सरकार सभी के लिए खासा चुनौतीभरा रहने वाला है, क्योंकि ये नियमों के तहत यहां बस चुके हैं। - पृथ्वीराज सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

इसी बीच, इस्लामी जेहाद चलाने वाले कुछ हार्डकोर संगठनों ने सरकारी जमीनों को कब्जाने की कवायद शुरू की। इसमें सबसे आसान था जंगल की जमीनों पर अतिक्रमण। जंगलों में मजारें बनने लगीं और धीरे-धीरे वहां बसावट हो गई। यह इतना धीरे और योजनाबद्ध तरीके से हुआ कि सरकार, प्रशासन और आम लोग तक इसे समझ नहीं पाए। कई बड़े बिल्डरों ने कॉलोनी विकसित कर मुस्लिम आबादी को बसाने की रणनीति पर काम किया। लाखों एकड़ जमीनों को मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम बिल्डरों ने खरीद लिया, जिस पर बाहर से आई मुस्लिम आबादी बसती चली गई। 

Esta historia es de la edición May 2024 de DASTAKTIMES.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición May 2024 de DASTAKTIMES.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE DASTAKTIMESVer todo
बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में
DASTAKTIMES

बेगम स्वरा का नया लुक चर्चा में

स्वरा का जीवन एक दिलचस्प सफर है, जिसमें फिल्मी करियर, राजनीतिक सक्रियता और व्यक्तिगत जीवन की कई अहम घटनाओं ने उन्हें मीडिया और दर्शकों के बीच खास स्थान दिलाया है। 1988 में दिल्ली के एक हिन्दू परिवार में स्वरा भास्कर का जन्म हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सीनियर स्कूल से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, स्वरा भास्कर ने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

time-read
4 minutos  |
December 2024
ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग
DASTAKTIMES

ऋषभ पंत आईपीएल के नए किंग

आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इस बार कुछ ऐसा देखने को मिला जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। टीम इंडिया के सुपरस्टार प्लेयर ऋषभ पंत आईपीएल के नये महाराज बन गये। पंत को लखनऊ सुपर जाएंट्स ने अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए 27 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, जिससे वह ऑक्शन के इतिहास में सबसे महंगे प्लेयर बन गए। ऋषभ पंत का दमदार प्रदर्शन उनकी छप्पड़फाड़ सैलरी की वजह बना।

time-read
6 minutos  |
December 2024
प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श
DASTAKTIMES

प्रकृति, संस्कृति और स्त्री का बहुआयामी विमर्श

स्त्री चेतना, पर्यावरण और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सुप्रतिष्ठित लेखिका आकांक्षा यादव के आलेखों का संग्रह 'प्रकृति, संस्कृति और स्त्री' को पढ़ते हुए जहां हम विषयवार उनके विचारों, विवरणों और विवेचनों से प्रभावित होते हैं, वहीं हम निबंध विधा के महत्व को भी जान पाते हैं।

time-read
4 minutos  |
December 2024
जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान
DASTAKTIMES

जन-गण-मन का भाग्य विधाता है संविधान

भारतीय गणतंत्र अमर है लेकिन राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा है। न्यायपालिका संविधान की जिम्मेदार संरक्षक है। न्यायपीठ ने प्रशंसनीय फैसले किए हैं। अदालतों में लंबित लाखों मुकदमे 'न्याय में देरी से अन्याय के सिद्धांत' की गिरफ्त में हैं। अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति का स्वातंत्र्य देता है। अनुच्छेद 20 अन्य बातों के अलावा, 'किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को अपने ही विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य करने से रोकता' है।

time-read
4 minutos  |
December 2024
संकट में पाकिस्तानी शिया
DASTAKTIMES

संकट में पाकिस्तानी शिया

2023 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में आबादी 7.85 लाख है। इसमें 99 फीसदी पश्तून हैं। पश्तून आबादी में तुरी, बंगरा, जैमुश्त, मंगल, मुकबल, मसुजाई और परचमकानी जनजातियां हैं। तुरी और कुछ बंगश शिया हैं बाकी सब सुन्नी हैं। कुर्रम जिले में 45 प्रतिशत आबादी शिया समुदाय की है जबकि पूरे पाकिस्तान में इस समुदाय की आबादी करीब 15 फीसद है।

time-read
4 minutos  |
December 2024
डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!
DASTAKTIMES

डिजिटल अरेस्ट डर के आगे हार!

आज के युग में मोबाइल या लैपटॉप आम आदमी के जीवन में काफी प्रसांगिक ये हैं। लेकिन डिजिटल विकास तमाम खूबियां के साथ कुछ खामियां भी लाया है। सात समुंदर पार बैठा शख्स भी किसी से नजदीकियां बढ़ा सकता है, लेकिन इस शख्स की सोच के बारे में कोई डिवाइस नहीं बता सकती है कि वह किस श्रेणी का इंसान है। यहीं से साइबर क्राइम की शुरुआत होती है।

time-read
10 minutos  |
December 2024
शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि
DASTAKTIMES

शीतकालीन चारधाम यात्रा में भी गुलजार होगी देवभूमि

शीतकाल के छह महीने भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमशः उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमट) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

time-read
7 minutos  |
December 2024
कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस
DASTAKTIMES

कैसे अमेरिकी जासूसों की चीफ बनी - प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस

बहुत जल्द अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों की कमान नवनियुक्त निदेशक तुलसी गबाई के हाथ में होगी। अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी का आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुराना रिश्ता रहा है। संघ परिवार से जुड़े भारतीय मूल के अमेरिकी हिंदू नागरिक उनके लिए हर चुनाव में लाखों डालर का चंदा जुटाते हैं। आरएसएस के इसी दुलार के कारण अमेरिका में तुलसी 'प्रिंसेज ऑफ द आरएसएस' के नाम से चर्चित हैं। पहले तुलसी का डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ना फिर अचानक डोनाल्ड ट्रम्प को समर्थन देना और फिर रिपब्लिकन पार्टी का दामन थामकर इस मुकाम तक पहुंचना हॉलीबुड के किसी हाई प्रोफाइल पॉलिटिकल ड्रामे से कम नहीं। भारतीय मामलों में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बेवजह 'अति सक्रिय' होने के बाद अचानक खुफिया एजेंसियों की कमान तुलसी गबार्ड को दिए जाने को भारत के कूटनीतिक दांव के रूप में देखा जा रहा है।

time-read
4 minutos  |
December 2024
प्रदूषण से सांसत में जान
DASTAKTIMES

प्रदूषण से सांसत में जान

दिल्ली राजधानी क्षेत्र में आजकल हवा में पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है जिसके फिलहाल कम होने की उम्मीद बेमानी है। जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम ही उचित माना जाता है। खतरनाक स्थिति यह है कि दिल्ली के आसमान पर अब धुंध की परत साफ दिखाई दे रही है।

time-read
4 minutos  |
December 2024
पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल
DASTAKTIMES

पीके अपनी पार्टी की रणनीति में हुए फेल

पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी बनाने के करीब 40 दिन बाद अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाया। प्रत्याशियों का चयन बहुत सोच-समझ किया गया। पीके की ओर से जीत के दावे भी थे, लेकिन वह परिणाम के रूप में सामने नहीं आ सके। हालांकि, पीके इस बात से थोड़े खुश जरूर होंगे कि तीन सीटों पर जनसुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे।

time-read
2 minutos  |
December 2024