बिहार में कहां से हैं ? बिहार के रहने वाले नहीं हैं. वहां जॉब मिली है, इसीलिए वहां जा रहे हैं. बिहार में कौन-सा जॉब है? वहां के लोग तो दुनियाभर में काम करने जाते हैं और आप बिहार जा रहे हैं?
यह संवाद हाल ही में आई वेब सीरीज खाकी: द बिहार चैप्टर का है. इसके संवाद लेखक उमाशंकर सिंह बताते हैं, "यह संवाद मैंने सीरीज के नायक पुलिस अधिकारी अमित लोढ़ा के बारे में लिखा है. राजस्थान के रहने वाले लोढ़ा ने आइआइटी में पढ़ाई की है. मगर उन्होंने तकनीक के क्षेत्र में न जाकर यूपीएससी की परीक्षा दी और आइपीएस बने. इतना ही नहीं, उस वक्त बिहार आए, जब यहां हिंसा का जबरदस्त बोलबाला था. यहां आकर उन्होंने एक खूंखार अपराधी को पकड़ा, उसका साम्राज्य खत्म किया. इस सच्ची कहानी ने हमारी प्रोडक्शन कंपनी को इतना ट्रिगर किया कि हमने इस पर वेब सीरीज बनाने का फैसला कर लिया."
उमाशंकर सिंह जिस अमित लोढ़ा का जिक्र कर रहे हैं, वे इन दिनों बिहार पुलिस में आइजी हैं. खाकी: द बिहार चैप्टर उनकी बेस्ट सेलर किताब बिहार डायरीज और 2002-2006 के दौरान उनके जीवन में घटी सच्ची घटनाओं पर आधारित है. अमित इन दिनों स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के प्रमुख हैं और राजधानी पटना में रह रहे हैं.
इस सीरीज ने लोढ़ा को भले ही नायकत्व प्रदान किया है मगर बिहार का पुलिस महकमा उन्हें हीरो नहीं बल्कि एक संदिग्ध आरोपी मानता है और उनके खिलाफ कई आरोपों की जांच कर रहा है. इंडिया टुडे को पुलिस सूत्रों से इस रिपोर्ट का एक हिस्सा मिला है. इसमें उनके बारे में लिखा गया है, "यह सूचना मिली है कि संदिग्ध पुलिस अधिकारी अमित लोढ़ा की किताब बिहार डायरीज पर आधारित एक फिल्म बन रही है. सूत्रों से पता चला है कि उन्होंने इस फिल्म में बड़ा निवेश किया है और मगध मेडिकल पुलिस थाना के केस संख्या 197/2021 में रुचि रखने वाली पार्टी राकेश रंजन इस फिल्म के लिए धन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं." यह रिपोर्ट इस साल मई में तैयार की गई थी और बीते 7 दिसंबर को इसी मामले में बिहार की विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने अमित के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है. एसवीयू का कहना है कि सरकारी सेवा में रहने के बावजूद अमित ने नेटफ्लिक्स और सीरीज की प्रोडक्शन कंपनी के साथ व्यवसायिक कार्य किया जो गैरकानूनी था.
Esta historia es de la edición December 21, 2022 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición December 21, 2022 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही