समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव पर दुनिया भर की नजरें थीं. मुलायम की बहू और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 14 नवंबर को जब नामांकन भरने मैनपुरी कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचीं तो सभी की निगाहें मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को ही खोज रही थीं. डिंपल की उम्मीदवारी को लेकर मुलायम के पैतृक गांव सैफई में जश्न तो था लेकिन शिवपाल की गैरमौजूदगी कई सारी आशंकाओं को जन्म दे रही थी. हालांकि अखिलेश ने सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम शामिल कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की थी लेकिन इतना नाकाफी था. अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल के बीच भले ही पिछले कुछ वर्षों से दूरियां बनी थीं लेकिन डिंपल ने चाचा के परिवार से सामान्य संबंध बनाए रखे थे. डिंपल ने ही सारे गिले-शिकवे भुलाकर अखिलेश को शिवपाल के पास चलने को राजी किया. 17 नवंबर को दोनों साथ-साथ सैफई में शिवपाल से मिलने उनके आवास पहुंचे. शिवपाल से मुलाकात के बाद डिंपल और अखिलेश ने फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, "नेता जी (मुलायम सिंह यादव) और घर के बड़ों के साथ-साथ मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है." कुछ देर बाद मुलाकात की फोटो के साथ शिवपाल ने भी एक ट्वीट किया और लिखा: "जिस बाग को सींचा हो खुद नेता जी ने, उस बाग को अब हम सीचेंगे अपने खून, पसीने से."
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