लोगों के अधिकार सरकार का कर्तव्य
India Today Hindi|January 04, 2023
तमाम नागरिकों के लिए कल्याणकारी राज्य के निर्माण की भारत की कोशिशें उम्मीद जगाने वाली हैं और विचारणीय भी उम्मीद जगाने वाली इसलिए क्योंकि कल्याणकारी राज्य का मौजूद होना भर लोकतंत्र की जीत है. लोकतंत्र ने भारत के आखिरी नागरिक की आवाजों और हितों का सुना जाना पक्का किया. लेकिन विचारणीय इसलिए कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत कल्याण कार्यक्रमों पर अपने स्तर की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बहुत कम खर्च करता है. कल्याणकारी योजनाओं में निवेश सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन 'मुफ्त की रेवड़ी' कहकर इसका मजाक उड़ाया जाता है. यही नहीं, ये योजनाएं खराब अमल से बेजार हैं. इस सबके बावजूद आखिरी नागरिक - की, के लिए और के द्वारा इस लड़ाई ने उन दुस्साहसी प्रयोगों की आग में घी का काम किया जिनमें राज्यों और केंद्र की सरकारों और सिविल सोसाइटी ने बेहद अहम भूमिका अदा की है. भारत में कल्याणकारी राज्य का विकास लोकतांत्रिक भागीदारी की ताकत की कहानी बयान करता है- ऐसी कहानी जिसने राष्ट्रीय और वैश्विक विमर्श को गढ़ा है. यहां मैं इनमें से 10 बेहतरीन कल्याणकारी कदमों का जिक्र कर रही हूं.
यामिनी अय्यर
लोगों के अधिकार सरकार का कर्तव्य

भूख की चुनौती

खाद्य सुरक्षा भारत के कल्याणकारी राज्य की नींव है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए अनाज और इसके अलावा गर्म, पके हुए मिड-डे मील (एमडीएम) का वितरण इसके बेहद अहम स्तंभ हैं. कभी भ्रष्ट सरकार के प्रतीक चिह्न के तौर पर देखी गई पीडीएस-जिसकी जड़ें हरित क्रांति में हैं- ने महामारी और उसके बाद के घटनाक्रम के दौरान भारत को बचाया. 1920 के दशक में तमिलनाडु से शुरू हुआ एमडीएम आज पूरे भारत में रोज करीब 11 करोड़ बच्चों का पेट भर रहा है. इसे स्कूल नामांकनों में अच्छा-खासा सुधार लाने का श्रेय दिया जाता है और यह हमारी कुपोषण की चुनौती से निबटने का बेहद जरूरी औजार भी है.

पल्स पोलियो अभियान 

दोबूंद 'जिंदगी की'- अमिताभ बच्चन की आवाज में 2000 के दशक की शुरुआत का मशहूर पोलियो टीकाकरण अभियान भारत की सबसे शानदार जनस्वास्थ्य उपलब्धि का पर्याय बन गया है. 1994 में दुनिया के 60 फीसद पोलियो के मामलों के लिए जिम्मेदार भारत दो दशक बाद पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया. इसमें वित्तीय संसाधन मुहैया कराने, अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं की फौज को ताकतवर बनाने से लेकर साधारण नागरिकों को जोड़ने तक के प्रयास लगे. यह इस बात का शानदार उदाहरण है कि नागरिक और सरकार साथ आ जाएं तो क्या हासिल कर सकते हैं. भूलिए मत कि इसने भारत के कामयाब कोविड-19 टीकाकरण अभियान का भी मार्ग प्रशस्त किया.

पूर्ण साक्षरता अभियान 

करीब 78 फीसद भारतीय आज साक्षर हैं जबकि 1950 में भारतीय गणतंत्र की पौ फटने पर देश की साक्षरता दर 18 फीसद थी. साक्षरता दर की इस लंबी छलांग को मुमकिन बनाने में 1989 में शुरू किए गए पूर्ण साक्षरता अभियान ने अहम भूमिका अदा की. केरल के एरणाकुलम में जिला प्रशासन और लोकप्रिय विज्ञान आंदोलन केरल शास्त्र साहित्य परिषद की संयुक्त कोशिश के रूप में जन्मा पूर्ण साक्षरता अभियान जल्द ही राज्यव्यापी और फिर राष्ट्रीय अभियान में बदल गया. इसने नौकरशाही और सिविल सोसाइटी को मिल-जुलकर एक साथ काम करने और भारत में स्कूली शिक्षा के विस्तार के लिए कई अहम कोशिशों को आकार देने के लिए लामबंद किया. इससे 1.5 करोड़ स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं और 15 करोड़ लोगों को साक्षरता कक्षाओं में लाया जा सका.

Esta historia es de la edición January 04, 2023 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición January 04, 2023 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE INDIA TODAY HINDIVer todo
सबसे अहम शांति
India Today Hindi

सबसे अहम शांति

देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं

time-read
1 min  |
January 15, 2025
एक गुलदस्ता 2025 का
India Today Hindi

एक गुलदस्ता 2025 का

अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.

time-read
4 minutos  |
January 15, 2025
मौन सुधारक
India Today Hindi

मौन सुधारक

आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.

time-read
10+ minutos  |
January 15, 2025
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
India Today Hindi

हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर

भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं

time-read
5 minutos  |
January 15, 2025
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
India Today Hindi

स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा

time-read
6 minutos  |
January 15, 2025
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
India Today Hindi

ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही

time-read
5 minutos  |
January 15, 2025
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
India Today Hindi

ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे

स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है

time-read
5 minutos  |
January 15, 2025
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
India Today Hindi

अब ग्रीन भारत अभियान की बारी

देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए

time-read
6 minutos  |
January 15, 2025
टकराव की नई राहें
India Today Hindi

टकराव की नई राहें

हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत

time-read
5 minutos  |
January 15, 2025
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए‍ उचित माहौल
India Today Hindi

महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए‍ उचित माहौल

यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है

time-read
6 minutos  |
January 15, 2025