हर सुबह जब मैं अपनी बालकनी में फेंका गया अखबार उठाती हूं, डॉन मैक्लीन के क्लासिक गीत अमेरिकन पाइ का यह मुखड़ा- 'बैड न्यूज ऑन द डोरस्टेप (दहलीज पर बुरी खबर)' – मेरे दिमाग में कौंधता है. निराशा की दैनिक खुराक–सार्वजनिक जीवन में लगातार आ रही गिरावट, हाशिए पर धकेल दिए गए समुदायों की तकलीफ, पर्यावरण का विनाश की खबरों के बीच मैं शुक्रगुजार होती हूं अंधेरे में रौशनी लाते इन रौशख्याल लोगों का, जो बेहतर दुनिया की कल्पना कर सकते हैं और उसे साकार करने की हिम्मत भी, उन नागरिकों का जिन्होंने सबसे गरीब और सबसे कमजोर के बारे में पहले सोचने के महात्मा गांधी के तावीज को आत्मसात किया, और जो दूसरों के प्रति करुणा और न्याय के लिए प्राणपण से जुटने को प्रतिबद्ध हुए.
भारत अपने गांवों में रहता है. हर दस में से छह भारतीय अब भी रोजी-रोटी के लिए खेती से जुड़े कामों पर निर्भर हैं. तिस पर भी बढ़ती लागतों, अनिश्चित बाजारों और अप्रत्याशित मौसम की निर्मम चक्की ऐसी है कि दो जून की रोटी भी कइयों के लिए मुश्किल है. काम के लिए शहरों में पलायन का ही रास्ता बचता है. तेलंगाना में डेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी (डीडीएस) और मोटे अनाजों पर उसके काम ने इस गतिरोध को तोड़ा. दलित महिला किसानों को जमीन हासिल करने और शुष्क भूमि पर उपयुक्त फसलें उगाने में मदद करके डीडीएस ने उन्हें कर्ज मुक्त होने और अपने ग्रह के प्रति दयालु होते हुए स्वस्थ खाना खाने में समर्थ बनाया. आंध्र प्रदेश में टिंबक्टू कलेक्टिव भी इसी जज्बे से काम करता है. उसने ऐसी सहकारी संस्थाएं बनाईं जो जैविक खेती की ओर लौटने और जंगलों को नवजीवन देने में ग्रामीणों की मदद करती हैं. दोनों मिलकर रसायन और जल सघन खेती की बंद गली से बाहर आने का रास्ता दिखा रहे हैं.
Esta historia es de la edición January 04, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición January 04, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं
एक गुलदस्ता 2025 का
अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.
मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए
टकराव की नई राहें
हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है