अक्सर वामपंथी उग्रवाद की वजह से सुर्खियों में रहने वाला दक्षिण छत्तीसगढ़ इस बार सांप्रदायिक घटनाओं से हिल गया है. पिछले तीन हफ्तों में नारायणपुर और कोंडागांव जिलों में कथित हिंदू आदिवासियों ने धर्मांतरित आदिवासी ईसाइयों पर हमले किए हैं. इसकी वजह से सैकड़ों ईसाई आदिवासी अपने घरों को छोड़कर भागने को मजबूर हो गए हैं.
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसने आदिवासियों के बीच कलह के बीज बोने का प्रयास किया है. वहीं भाजपा ने इन हमलों को 'स्वाभाविक' करार दिया है. हालिया घटना 2 जनवरी की है जब आदिवासी हिंदुओं की ओर से नारायणपुर जिले के भाजपा अध्यक्ष रूप सिंह सलाम की अगुआई में किया गया प्रदर्शन हिंसक हो उठा. प्रदर्शनकारियों ने एक चर्च और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार पर हमला कर दिया. अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए. सलाम समेत दोनों पक्षों के 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
वैसे, राज्य भाजपा के कार्यकारी सदस्य प्रबल प्रताप जूदेव कहते हैं, "भाजपा का इन हमलों से कोई वास्ता नहीं है. पर यह सच है कि पिछले कुछ समय से बस्तर में जबरन धर्मांतरण एक मुद्दा रहा है. अगर आपको याद हो तो सुकमा के एसपी ने जुलाई 2021 में आगाह किया था कि धर्मांतरित, गैरधर्मांतरित आदिवासियों के बीच तनाव से बलवे का अंदेशा है." उनके पिता और भाजपा के दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव ने ही आदिवासी ईसाइयों के लिए 'घर वापसी' अभियान शुरू किया था.
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