पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अभी तक तो गौतम अदाणी का बखान करते नहीं अघाती थीं, क्योंकि उन्होंने अप्रैल 2022 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान पश्चिम बंगाल में 10,000 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की थी और अदाणी समूह की ओर से निकट भविष्य में ताजपुर में 25,000 करोड़ रुपए की लागत से डीप-सी पोर्ट विकसित करने की तैयारी को भी ममता अपनी सरकार की उपलब्धियों में मील का पत्थर बताती थीं. लेकिन, हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर समूह के विवादों में घिरते ही मुख्यमंत्री ने उन पर हमला करते हुए उन्हें अदार ब्यापारी (अल्पकालिक कारोबारी) तक करार दे डाला. अदाणी को लेकर उठे सियासी तूफान के बीच सरकार को अरबपति के साथ अपने समझौतों के बारे में चुप्पी साधना बेहतर लग रहा है. अब, यह 2022 में अदाणी पावर की ओर से एक परियोजना के लिए भूमि खरीदने के बारे में कोई सूचना न होने का दावा कर रही, जिसकी वजह से मुर्शिदाबाद के ग्रामीणों में असंतोष फैल गया था. आरोप गंभीर हैं- कथित तौर पर जबरन भूमि अधिग्रहण हुआ और मुआवजा भी कम दिया गया.
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