अच्छी बरसात की वजह से खेती लहलहाई और जंगलों में फिर से जान आ गई. हालांकि काठियावाड़ को यह उम्मीद कतई नहीं थी कि यह वरदान आखिरकार इस क्षेत्र के लिए एक तरह का अभिशाप बन जाएगा. पिछले दो वर्षों में यहां के कई क्षेत्रों में भूकंप के झटके लग रहे हैं. रिक्टर पैमाने पर 3.4 से कम तीव्रता वाले कई छोटे भूकंप बार-बार आते रहते हैं. इन कम तीव्रता वाले झटकों से यहां के लोगों के मन में घबराहट है.
गांधीनगर में भूकंप शोध संस्थान (आइएसआर) के एक अध्ययन के मुताबिक, जरूरी नहीं कि ये हल्के झटके किसी बड़े भूकंप के पूर्व-संकेत हैं लेकिन टेक्नोलॉजी में भारी प्रगति के बावजूद भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. आइएसआर के निदेशक डॉ. सुमेर चोपड़ा बताते हैं कि गुजरात और आसपास के राज्य " दक्कन चट्टानों " पर स्थित हैं, जो लंबी कठोर चट्टान है और उसमें कई दरारे हैं. वे कहते हैं, "प्लेट अपने टेक्टोनिक सेटअप के कारण हाइड्रोलॉजिकल लोडिंग (धरती में पानी के रिसाव) से जूझ रही है. मसलन, अमरेली में पिछले कुछ वर्षों से औसत से अधिक बारिश हो रही है.' चोपड़ा बताते हैं, “इस क्षेत्र में 3 से 24 किमी की गहराई के भीतर मध्यम और कम तीव्रता वाले भूकंप आने का खतरा है."
पिछले अध्ययन से पता चला है कि जामनगर में भूकंप के झटके मानसून के मौसम में महसूस किए गए थे. भारी बारिश के बाद जल स्तर 24 मीटर तक बढ़ गया था, जिससे दबाव 2.0 बार तक बढ़ गया था. तनाव परिवर्तन से हल्के झटके आ सकते हैं.
Esta historia es de la edición July 19, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición July 19, 2023 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मिले सुर मेरा तुम्हारा
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया
शहरी छाप स लौटी रंगत
गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर
हम दो हमारे तीन!
जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
उमरता कट्टरपंथ
बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.