नोएडा निवासी 37 वर्षीय अरविंद त्रिपाठी कॉम्पैक्ट वैगन आर चलाने के छह साल बाद मारुति ब्रेजा खरीदने की योजना बना रहे हैं. इस क्रॉसओवर एसयूवी की कीमत लगभग 15 लाख रुपए है और त्रिपाठी अपनी पुरानी कार के बदले नई कार ले रहे हैं, जिससे ब्रेजा की कीमत कुछ लाख रुपए और घट जाएगी. उनका परिवार इस बदलाव को लेकर उत्साहित है, उनके दोनों बच्चे नई गाड़ी में लंबी दूरी की सैर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. त्रिपाठी कहते हैं, “मेरी पुरानी कार पर मामूली-सा डाउन पेमेंट और कार एक्सचेंज के साथ डीलर की ओर से दिए गए कुछ लॉयल्टी डिस्काउंट के साथ ब्रेजा के लिए फंडिंग आसान लगती है, जिससे ईएमआइ अफोर्डेबल हो जाती है."
त्रिपाठी अच्छी तरह से जानते हैं कि मोटर बीमा को पुरानी कार से नई कार में ट्रांसफर किया जा सकता है. उन्होंने 45 फीसद एनसीबी (नो क्लेम बोनस) अपने वैगन आर पर जमा किया है, उसकी बदौलत वे ऐसा ही करने की योजना बना रहे हैं. इससे ब्रेजा पर प्रीमियम व्यय में काफी कमी आएगी, जो अन्यथा 2,000 रुपए से थोड़ा ज्यादा होता. त्रिपाठी कहते हैं, “लेकिन, मैं सुझाए जा रहे ऐड-ऑन मोटर बीमा को लेकर उलझन में हूं." जिन्हें नहीं मालूम है वे जान लें कि ऐडऑन वाहन बीमा अतिरिक्त और विशिष्ट जोखिम कवर है जिसे कोई भी अपने कार बीमा के साथ जोड़ सकता है.
भारत में हर वाहन मालिक के पास मोटर बीमा होना जरूरी है. इसके दो घटक होते हैं: दायित्व (लाइबिलटी) कवर और अपनी क्षति से सुरक्षा अनिवार्य तृतीय-पक्ष (थर्ड पार्टी) देयता बीमा आपको दुर्घटना की स्थिति में किसी तीसरे पक्ष के व्यक्ति या संपत्ति या वाहन को चोट या क्षति पहुंचाने वाले बीमाकृत वाहन पर उत्पन्न होने वाली कानूनी देनदारियों से बचाता है. खुद को नुक्सान बीमा उन दुर्घटनाओं से बीमा कवर प्रदान करता है जिनमें वाहन को फिर से इस्तेमाल के लायक बनाने के लिए मरम्मत और किसी कल-पुर्जे को बदलने की जरूरत हो सकती है.
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