100 शक्तिशाली महिलाएं
India Today Hindi|January 03, 2024
राजनीति, कारोबार, विज्ञान, कला, मनोरंजन, खेल, शिक्षा, कानून और प्रतिरक्षा आदि विभिन्न क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाली वे महिलाएं, जिनकी मौजूदगी हमें यह एहसास कराती है कि आखिर महिला सशक्तीकरण के मायने क्या हैं
मनीषा स्वरूप, सुहानी सिंह, सोनल खेत्रपाल
100 शक्तिशाली महिलाएं

कुछ बेहद खास उपलब्धि हासिल करने पर अंग्रेजी में कहा जाता है कि फलां ने ग्लास सीलिंग तोड़ दी. लेकिन क्या कभी आपने कांच की छत टूटने की आवाज सुनी है ? शायद नहीं. क्योंकि महिलाएं तो बड़ा से बड़ा मुकाम भी उसी खामोशी और धैर्य के साथ हासिल करती हैं, जैसे वे बिना शोर मचाए अपनी तमाम जिम्मेदारियों को पूरी शिद्दत से निभाती रहती हैं.

अब समय आ गया है. भारत में महिलाएं एक उभरती ताकत बन रही हैं. राजनैतिक मोर्चे पर उनका मत मायने रखने लगा है. चुनावों में महिला मतदाताओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है, फिर चुनाव चाहे लोकसभा के लिए हों या फिर राज्य विधानसभाओं के लिए. 2019 के आम चुनाव में महिलाओं का मतदान 67.2 फीसद रहा था, और यह आंकड़ा पहली बार पुरुषों की तुलना में कुछ ज्यादा था. जाहिर है कि राजनैतिक दलों ने भी महिला मतदाताओं की ताकत पहचानने में देरी नहीं की है, वे उन्हें गृहलक्ष्मी और लाडली बहना बताकर लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मुफ्त सिलेंडर और बस यात्रा की पेशकश, यहां तक कि स्वच्छ भारत और हर घर नल कार्यक्रम का भी उन्हें समर्पित होना यही दर्शाता है. इसी सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई, जिसमें उनके लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक-तिहाई सीटें सुरक्षित करने का प्रावधान है.

भारत में बुनियादी स्तर की शासन व्यवस्था-जहां पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में 50 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं-पहले से ही महिलाओं की अगुआई में बढ़ती संभावनाओं की गवाही दे रही है. गुजरात के जूनागढ़ जिले के जंबूर गांव में 70 वर्षीया हीरबाई इब्राहिम लोबी ने अपनी सिद्दी जनजाति की महिलाओं को सरल वित्तीय साक्षरता सिखाकर उन्हें कुछ हद तक अधिकार संपन्न बना दिया है. वहीं, युवा इंस्टापोएट रूपी कौर हैं, जिनकी रचनाओं पर साहित्य के आलोचक भले ही गौर न करें लेकिन उनके 47 लाख फॉलोअर्स के लिए उनका हर शब्द मायने रखता है. रूपी के शब्दों में "हम सभी तब आगे बढ़ते हैं, जब हम सच में समझ पाते हैं, हमारे आसपास की महिलाओं को, वे कितनी उदार और प्रभावशाली हैं..."

Esta historia es de la edición January 03, 2024 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición January 03, 2024 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE INDIA TODAY HINDIVer todo
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 minutos  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 minutos  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 minutos  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 minutos  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 minutos  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 minutos  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 minutos  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 minutos  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 minutos  |
December 25, 2025