गांधीनगर सीट से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 में पहली बार 5,57,000 से ज्यादा वोटों के जबरदस्त अंतर से जीत दर्ज की थी और इस बार दूसरे कार्यकाल के लिए अपना परचा दाखिल करने से ठीक दो दिन पहले वे उन 30 वोटरों से मिलने गए जिन्हें पन्ना प्रमुख बनाया गया है. पन्ना मतदाता सूची का वह पन्ना है जिस पर दर्ज वोटरों का समर्थन जुटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक प्रमुख या प्रभारी नियुक्त किया है. अगले दिन गहन चुनाव अभियान के बीच एक करीबी के घर पर पत्नी सोनल के साथ पारंपरिक गुजराती भोजन के लिए आए शाह बताते हैं, "सत्ताइस मतदाताओं ने पुष्टि की कि वे मतदान के दिन 10.30 बजे से पहले अपना वोट (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी के पक्ष में देंगे. बाकी तीन का बाहर जाने का कार्यक्रम है, मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे कार्यक्रम बदलें और बाद में बाहर जाएं."
उसी दिन 18 अप्रैल को 59 वर्षीय शाह ने मिनी ट्रक पर बनाए गए अस्थायी रथ पर सवार होकर चिलचिलाती धूप में अपने नेता की एक झलक पाने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे समर्थकों की तरफ हाथ हिलाया. 10 घंटे के अपने रोड शो के खत्म होने पर वेजलपुर की सभा में उन्होंने कहा, "अपने हाथ उठाकर संकल्प लें कि 7 मई को सुबह 10.30 बजे से पहले कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) को वोट देंगे," और एक साथ सारे हाथ ऊपर उठ गए. उन्होंने आगे कहा, "अब मैं निश्चित होकर देश के दूसरे हिस्सों में चुनाव अभियान के लिए जाऊंगा और यहां वोट के दिन ही लौटूंगा."
गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र में बीस लाख से ज्यादा मतदाता हैं और शाह का दावा है कि उनकी टीम तकरीबन हरेक घर में कम से कम एक बार जा चुकी है. हरेक ब्योरे पर बारीकी से ध्यान देना, हजारों समर्पित पैदल कार्यकर्ताओं की मौजूदगी, और साथ ही प्रधानमंत्री पद के लिए आपड़ो मानस (अपना आदमी/गुजराती) को वोट देने की चुनावी अपील शाह के आत्मविश्वास की कुंजी हैं-इस कदर कि 19 अप्रैल को अपना परचा दाखिल करने से पहले उन्होंने मात्र एक दिन रैलियां और रोड शो करते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र में बिताया.
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