एक हफ्ते बाद उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी प्रोफाइल से केजरीवाल की तस्वीर हटा दी और एक दशक पहले जिस पार्टी को स्थापित करने में मदद की थी, उसी पर चरित्र हनन करने और उनसे कथित मारपीट करने वाले शख्स को बचाने का आरोप लगा रही हैं. वहीं, आप का आरोप है कि मालीवाल 'भाजपा का मोहरा' हैं जिनका इस्तेमाल झूठी शिकायत से केजरीवाल को दबाने और चुनाव प्रचार से रोकने के लिए किया जा रहा है.
दरअसल, तेज-तर्रार ऐक्टीविस्ट-राजनेता और दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व प्रमुख मालीवाल ने 13 मई को शिकायत दर्ज करवाई कि केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी विभव कुमार ने सिविल लाइंस दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में उनके साथ मारपीट की.
पुलिस को दिए बयान में मालीवाल ने कहा, "उसने मुझे सात या आठ बार थप्पड़ मारे जब मैं चीख रही थी. खुद को बचाने के लिए मैंने उसे पैरों से दूर धकेला. फिर वह मुझ पर झपटा, जान-बूझकर मुझे घसीटा, और मेरी शर्ट खींची, जिससे बटन खुल गए." उनके मुताबिक, विभव ने उन्हें धमकी दी, “हम तुम्हारी हड्डियां तोड़ देंगे और (तुम्हें) ऐसी जगह गाड़ेंगे जहां कोई ढूंढ भी नहीं पाएगा."
तब से अपने-अपने दावों का दौर जारी है. भाजपा रोमांचित है कि 25 मई को हरियाणा और पंजाब में मतदान से पहले आप पर हमला करने के लिए उसे एक हथियार मिल गया. वहीं, आप ने इसे सियासी साजिश करार दिया. विभव की गिरफ्तारी के एक दिन बाद 12 मई को केजरीवाल ने कहा, "अब उन्होंने मेरे निजी सहायक को गिरफ्तार कर लिया है. जरा सोचिए, मैं कहता हूँ, आप हमारे नेताओं को एक-एक करके क्यों गिरफ्तार कर रहे हो? हम सबको एक बार में ही गिरफ्तार कर लो." केजरीवाल ने गिरफ्तारी देने के लिए मध्य दिल्ली में अपने पार्टी मुख्यालय से महज 300 मीटर दूर दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित भाजपा दफ्तर तक मार्च भी निकाला.
घटना के बारे में कुछ तथ्य निर्विवाद हैं. मालीवाल मिलने का वक्त लिए बगैर 13 मई की सुबह 8.40 बजे मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं. शुरू में सुरक्षाकर्मियों ने रोका, पर उन्होंने जोर दिया और बाली प्रतीक्षा क्षेत्र से ड्रॉइंग रूम तक चली गईं. पर सुबह 9.10 बजे से 9.33 बजे के बीच क्या हुआ, यह स्पष्ट नहीं है.
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