मसलन, वडोदरा की एक मुस्लिम महिला का मामला देखिए. इस 44 वर्षीया एकल मां को 2018 में शहर में निम्न आय समूह सोसाइटी में सीएम आवास योजना के तहत एक फ्लैट आवंटित हुआ. सोसाइटी के 462 में से 33 निवासियों ने कथित रूप से उनके धर्म के कारण उनके आवंटन का विरोध किया और दावा किया कि आवंटन उस अधिनियम का उल्लंघन है. उनके विरोध की वजह से छह साल बाद भी महिला को फ्लैट पर कब्जा नहीं मिल सका है. इस जून में कलेक्टर को लिखित शिकायत में, विरोध करने वाले निवासियों ने " उस एकमात्र मुस्लिम आवंटी की मौजूदगी की वजह से संभावित खतरे और उपद्रव का हवाला दिया. " वहीं, वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) ने दावा किया है कि आवंटन में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था. वैसे, सूत्र इंडिया टुडे को बताते हैं कि वीएमसी महिला के नाम सरीखे धार्मिक पहचान पर ध्यान देने में नाकाम रहा, इसलिए यह विवादास्पद आवंटन हुआ.
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परदेस में परचम
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अलहदा और असाधारण शख्सियतें
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बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
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लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.