बेटा शहीद, मां-बाप का तो निवाला छिना
India Today Hindi|August 14, 2024
देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शेखावाटी के सैनिकों के इन बूढ़े माता-पिता के मुंह में एक निवाला डालने वाला तक कोई नहीं. ऐसे में शहीदों के 'नेक्स्ट ऑफ किन' को मिलने वाले लाभ को लेकर बने नियमों पर छिड़ी बहस
आनंद चौधरी
बेटा शहीद, मां-बाप का तो निवाला छिना

करगिल शहीद दिवस, यानी बीती 26 जुलाई, 2024 की उमस भरी दुपहरी. करीब 12:30 बजे का वक्त. झुंझुनूं जिले के सीथल गांव के आखिरी छोर पर एक खेत से लगे शहीद मनीराम और उनके तीन भाइयों के घर हैं. 1999 के 'ऑपरेशन विजय' में अपने साहस, शौर्य और पराक्रम का परिचय देने वाले शहीद मनाराम के सबसे छोट भाइ राहिताश्व के छह-सात कमरा वाल बंद घर में उनकी 90 वर्षीया मां चावली देवी बीमार पड़ी दिखती हैं. इस बुजुर्ग महिला की चारपाई के नीचे बासी हो चला खाना रखा हुआ था जिसे देखकर पता चलता था कि किसी उपेक्षा के बजाय न खा पाने की मजबूरी के चलते इसमें से एक-दो निवाले से ज्यादा नहीं खाया गया है. घर में कोई भी नहीं था जो बीमार महिला को खाना खिला सके या तीमारदारी कर सके. करवट बदलतीं चावली देवी की फूलती सांसें मानो किसी अपने को पुकार रही थीं.

करगिल में 36 साल का जवान बेटा खोने वाली इस मां के दुख उसकी उम्र से भी बड़े हैं. वे लगभग 30 साल पहले हुई अपने पति की मौत से उबर भी नहीं पाई थीं कि 25-26 साल पहले सबसे बड़े बेटे सुभाष की दुर्घटना में मौत हो गई. सुभाष के के तीन साल बाद ही मनीराम करगिल युद्ध के दौरान 3 जुलाई, 1999 को द्रास सेक्टर में दुश्मनों से मुकाबला करते हुए शहीद हो हुए शहीद हो गए थे. 2015 में उनके तीसरे बेटे शीशराम हार्ट अटैक से चल बसे तो उसके तीन साल बाद ही सबसे छोटे बेटे रोहिताश्व की एक दुर्घटना में मौत हो गई. 35 साल की इस अवधि में बेटे और पति ही नहीं, चावली की चार बेटियों के पतियों की भी असमय मौत हो चुकी है. पूरी तरह टूट चुकीं चावली कहती हैं, " 'अब तो दवा ऊं भी आराम कौनी, मैं तो दिन-रात भगवान ऊं या ही प्रार्थना करूं कि अब मनैं भी मुसाणा माईं भेज दे. ( अब तो दवा से भी आराम नहीं मिलता, मैं तो दिन रात भगवान से यही प्रार्थना करती हूं कि मुझे भी श्मशान भेज दे.)"

Esta historia es de la edición August 14, 2024 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición August 14, 2024 de India Today Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE INDIA TODAY HINDIVer todo
परदेस में परचम
India Today Hindi

परदेस में परचम

भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.

time-read
4 minutos  |
November 13, 2024
भारत का विशाल कला मंच
India Today Hindi

भारत का विशाल कला मंच

सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.

time-read
3 minutos  |
November 13, 2024
सपनों के सौदागर
India Today Hindi

सपनों के सौदागर

हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.

time-read
4 minutos  |
November 13, 2024
पासा पलटने वाले महारथी
India Today Hindi

पासा पलटने वाले महारथी

दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.

time-read
4 minutos  |
November 13, 2024
गुरु और गाइड
India Today Hindi

गुरु और गाइड

अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.

time-read
4 minutos  |
November 13, 2024
निडर नवाचारी
India Today Hindi

निडर नवाचारी

खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.

time-read
4 minutos  |
November 13, 2024
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
India Today Hindi

अलहदा और असाधारण शख्सियतें

किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.

time-read
6 minutos  |
November 13, 2024
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
India Today Hindi

अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे

महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.

time-read
10 minutos  |
November 13, 2024
बोर्डरूम के बादशाह
India Today Hindi

बोर्डरूम के बादशाह

ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.

time-read
9 minutos  |
November 13, 2024
देश के फौलादी कवच
India Today Hindi

देश के फौलादी कवच

लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.

time-read
10 minutos  |
November 13, 2024