हमारे संस्थापक स्वर्गीय डॉ. अंजी रेड्डी ने संस्मरणों की अपनी किताब को ऐन अनफिनिश्ड एजेंडा (अधूरा एजेंडा) नाम दिया-इस अधूरे हिस्से से डॉ. रेड्डी का आशय उनके अपने समय में एक नई दवा की खोज, उसका विकास और व्यवसायीकरण करने से था. हमारी कंपनी ने 1992 में नई दवाओं की खोज शुरू की. तब अपेक्षाकृत नई कंपनी के लिए शुरुआती चरण में खोज आगे बढ़ाने की लागत और जोखिम दोनों ही एक बड़ी बाधा साबित हुए. डॉ. अंजी रेड्डी का सपना था कि भारतीय दवा क्षेत्र सफलतापूर्वक नए तत्वों की पहचान करे और उन्हें बाजार में उतारे. वे इसे एक मूल इनोवेशन पर आधारित उद्योग बनाना चाहते थे.
मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल दबदबा : आज भारत वैश्विक स्तर पर जेनरिक दवाओं का सबसे बड़ा प्रोवाइडर है. विभिन्न टीकों की वैश्विक मांग की 50 फीसद आपूर्ति भारतीय फार्मा कंपनियां ही करती हैं. अमेरिका में जेनरिक दवाओं की 40 फीसद और यूके में सभी दवाओं की 25 फीसद आपूर्ति भारत ही करता है. वैश्विक स्तर पर भारत मात्रा के लिहाज से दवा उत्पादन में तीसरे स्थान पर और मूल्यों के लिहाज से 14वें स्थान पर है. हमने 20वीं सदी के मध्य में बल्क ड्रग्स या एपीआइ (एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट्स यानी दवाओं में इस्तेमाल प्रमुख कच्चा माल) में अपनी क्षमताएं विश्वस्तरीय बनाईं. 1990 के दशक में हमने अपना ध्यान दवाओं के फॉर्मुलेशन और खुराक के नए मानकों पर केंद्रित किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से अपनी धाक जमाने के लिए नए बाजारों में प्रवेश किया. हमने तमाम बाधाओं को पीछे छोड़कर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म, उपकरणों, नए रासायनिक तत्वों, बायोसिमिलर और बायोलॉजिक्स के साथ साधारण से जटिल मिश्रित तत्वों में हाथ आजमाया और वैल्यू चेन को आगे बढ़ाया.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.