चंदेरी की एक अंधेरी गली में एक नौजवान नाइजीरियाई गायक रीमा और सेलेना गोमेज के हिट गाने 'काम डाउन' अपनी ही किस्म की धुन और अंदाज में गाने में खोया है. वह अपने उस दोस्त का इंतजार कर रहा है जिसने अभी-अभी अपनी गर्लफ्रेंड को "सॉफ्ट चिट्टी, वार्म चिट्टी" (द बिग बैंग थ्योरी के गाने "सॉफ्ट किटी " का संदर्भ) लोरी सुनाना खत्म किया है. तभी मोटा-तगड़ा, विशालकाय सिरविहीन दैत्य कमरे में दाखिल होता है. सिरकटा के अलावा इसे आप और क्या कहेंगे ! वह अपना कटा सिर बिस्तर के नीचे छिपाता है, और फिर चिट्टी को अगवा कर लेता है. दर्शक ज्यों-ज्यों हंसी और डर के इस विशाल झूले में लोटपोट होते जाते हैं, स्त्री 2 देखते-देखते भारत में अब तक की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन जाती है. इसके 554 करोड़ रुपए बटोरने वाली जवान को भी पीछे छोड़ देने का अनुमान है. स्त्री 2 तो शाहरुख खान की अदाकारी से सजी और ऐक्शन से भरपूर फिल्म के आधे से भी कम बजट में बनी है. तरह-तरह के अदाकारों, चुटीले जुमलों और 'पितृसत्तात्मकता को चकनाचूर करने के गूढ़ संदेश की बदौलत यह हॉरर कॉमेडी 530 करोड़ रुपए पहले ही छाप चुकी है.
स्त्री 2 कामयाबी के झंडे गाड़ने वाली इस साल की कोई पहली हॉरर-कॉमेडी नहीं है. बिना किसी नामी स्टार के, वीएफएक्स से रचे गए बाल राक्षस को आगे रखकर यही काम जून में मुंज्या ने किया था जिसने हैरतअंगेज ढंग से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाए थे. 1 नवंबर को भूल भुलैया 3 आने वाली है, जो सबसे पहली हॉरर-कॉमेडी फिल्मों में से एक का तीसरा संस्करण है. इससे भी बड़ी ओपनिंग की उम्मीद है. भूल भुलैया 2 (2022) ने 180 करोड़ रुपए बटोरे थे. ऐसे में यह पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि 2024 हॉरर-कॉमेडी फिल्मों का साल है.
Esta historia es de la edición September 25, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición September 25, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मिले सुर मेरा तुम्हारा
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया
शहरी छाप स लौटी रंगत
गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर
हम दो हमारे तीन!
जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?
उमरता कट्टरपंथ
बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.