नतीजों के दिन 8 अक्तूबर की देर शाम हरियाणा में मिली बेहद चौंकाऊ जीत का जश्न अभी ठंडा नहीं पड़ा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के भाजपा मुख्यालय में आकर उत्साही पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. वे हर खास चुनावी जीत के बाद ऐसा ही करते हैं. जून में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के बहुमत के आंकड़े से चूक जाने के बाद माहौल में उदासी-सी छा गई थी और पार्टी नए सिरे से सोच-विचार करने पर मजबूर हुई थी. लेकिन अब, हरियाणा में चमत्कारिक 'विधानसभा जीत की हैट्रिक' और जम्मू-कश्मीर में अपेक्षाकृत अच्छे प्रदर्शन से भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश वापस आ गया है.
कहने की जरूरत नहीं कि चुनाव नतीजों ने हर जगह पार्टी काडर को फिर से तरोताजा कर दिया है. नतीजे खास तौर पर इसलिए भी सुकून देने वाले थे क्योंकि हरियाणा उन राज्यों में है, जहां लोकसभा चुनाव में पार्टी की सीटें 2019 में 10 से आधी घटकर पांच हो गईं. नतीजों ने इस कयास पर भी विराम लगा दिया कि 'मोदी मैजिक' राष्ट्रीय चुनाव में ही बेहतर काम करता है, राज्यों के चुनावों में नहीं. हरियाणा में भाजपा ने चुनाव लड़ने का जो मॉडल अपनाया, वह अगले विधानसभा चुनावों में भी काम आ सकता है. अगला मुकाम महाराष्ट्र है और वहां भी हरियाणा की तरह ही भाजपा को लोकसभा चुनाव में कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी. भाजपा और उसके सहयोगियों को राज्य की कुल 48 संसदीय सीटों में सिर्फ 17 पर ही जीत हासिल हो पाई. वहां माहौल मराठा समुदाय की नाराजगी, गुटबाजी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ बढ़ते गुस्से से सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के खिलाफ था. झारखंड में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन था, जहां एनडीए ने राज्य की कुल 14 लोकसभा सीटों में से नौ पर जीत हासिल की थी, लेकिन वहां भी भाजपा को आदिवासी समुदायों की नाराजगी पर मरहम लगाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी और बड़े पैमाने पर गुटबाजी पर लगाम लगानी होगी.
Esta historia es de la edición October 23, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición October 23, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही