सबसे पहले वस्तुस्थिति पर एक नजर डालते हैं. 1990 में महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बीते 30 साल में राज्य में छह विधानसभा चुनाव हुए हैं, और उसमें किसी भी पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला. इसका मतलब है कि गठबंधन सरकारें राज्य की नियति बन चुकी हैं. भारत की आर्थिक राजधानी में आगामी विधानसभा चुनाव भी ज्यादा अलग नहीं होंगे, सिवाय इसके कि राज्य ने बीते पांच वर्ष में तीन मुख्यमंत्री और तीन सरकारें देखी हैं. दो बड़े क्षेत्रीय दल दो-फाड़ हो चुके हैं. इससे अप्रत्याशित गठबंधन वजूद में आए और सियासी दशा-दिशा भी बहुत विखंडित हो चुकी है. इस बार दो प्रमुख गठबंधन चुनाव मैदान में हैं. एक ओर सत्तारूढ़ महायुति (महागठबंधन) है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाला शिवसेना गुट और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल है. उनका मुकाबला इंडिया ब्लॉक के एमवीए यानी महा विकास अघाड़ी (महाराष्ट्र के विकास के लिए महागठबंधन) से है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) यानी शिवसेना (यूबीटी), गठबंधन के मुख्य सूत्रधार शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं.
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रेशमा ने अंखियां दीं खोल
गायिका शिल्पा राव लोकगीत का रीमिक्स गाने, हरिहरन से सीखने और ए. आर. रहमान की संगत जैसे मुद्दों पर
छत से छन-छन उतरी क्रांति
सरकार की छत पर सोलर पैनल की योजना आखिरकार दौड़ने लगी है और पीएम- सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ आवेदन हो चुके हैं. इससे न केवल परिवारों की बचत होगी बल्कि यह देश को अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के नजदीक ले जाने में भी मददगार होगी
ऑपरेशन गड़बड़झाला
खालिस्तानी नेता की हत्या की कथित साजिश में रॉ के पूर्व एजेंट पर अमेरिकी अदालत में मुकदमा चलना अभियान की विफलता की कहानी है. इससे भारत-अमेरिका के बीच खुफिया सहयोग का भविष्य भी दांव पर लगा
बाहर के बाबुओं ने बढ़ाया सरदर्द
ट्रेडमार्क जारी कराने की व्यवस्था अनधिकृत और आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे होने के चलते देश भर के ट्रेडमार्क दफ्तरों में हजारों मामले अटके. इनकी समीक्षा का जिम्मा अब एक समिति के हवाले. बेचारे कारोबारी पसोपेश में
पीकर मरना नियति बना 'मद्य' प्रदेश में
पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार के सीवान सारण जिलों में फिर से जहरीली शराब की वजह से 37 लोगों की मौत. प्रदेश में इस वजह से मरने वाले हर तीन में से दो व्यक्ति इसी इलाके से ऐसे हर हादसे के बाद लोगों और सरकारी कर्मियों को खिलाई जाती हैं कसमें. मगर घटनाएं हैं कि कमबख्त रुकने का नाम नहीं ले रहीं
पहाड़ सी चुनोती
प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन को बचे सिर्फ ढाई महीने. लेकिन तैयारियां अभी भी लक्ष्य से काफी पीछे. सीएम योगी ने इन्हें 10 दिसंबर तक पूरे कराने की तय की डेडलाइन और झोंकी ताकत
गली-गली गिरजाघरों से मची खलबली
राजस्थान के खासकर आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण के मुद्दे ने खासा तूल पकड़ा. प्रदेश सरकार अब इसके खिलाफ ला रही सख्त कानून. एक जमीनी पड़ताल
कौन जीत पाएगा आदिवासी दिल
राज्य में आदिवासियों के बीच झामुमो की स्वाभाविक बढ़त को तोड़ने के लिए भाजपा को कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने प्रतिद्वंद्वियों से सत्ता छीनने के लिए विकास के अफसाने पर जोर-शोर से आगे बढ़ना होगा
अपने वजूद बचाने की एक बड़ी जंग-
महाराष्ट्र के चुनाव में बहुत कुछ दांव पर है. छह पार्टियों के साथ दो गठबंधनों के बीच जटिल मुकाबला. ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया. यह दो क्षेत्रीय गठजोड़ों को गुमनामी में भेज सकता है तो दो को ताज भी दिला सकता है. राष्ट्रीय राजनीति पर भी उसका सीधा असर पड़ने जा रहा
आखिर प्रियंका उतर पड़ीं मैदान में
वायनाड ने 23 अक्तूबर को कांग्रेस ने प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा का नृत्य-संगीत से जोरदार स्वागत किया, युवा और बुजुर्ग, उनके सभी मुरीद ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए.