भारतीय खुफिया प्रतिष्ठान के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात यह है कि कभी उसके साथ काम कर चुके एक अधिकारी को स्पष्ट साक्ष्यों के साथ जून 2023 में न्यूयॉर्क में खालिस्तानी अलगाववादी और सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पकड़ा गया. अमेरिकी न्याय विभाग (यूएसडीओजे) की तरफ से 18 अक्तूबर को न्यूयॉर्क में एक अमेरिकी जिला न्यायालय में दायर मुकदमे में विकाश यादव उर्फ विकास उर्फ अमानत और उसके सहयोगी निखिल गुप्ता उर्फ निक पर पन्नू की हत्या के लिए सुपारी देने, हत्या की साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व अधिकारी यादव घटना के समय कथित तौर पर रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) के साथ काम कर रहे थे. आरोप और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि 18 पन्नों के अभियोग पत्र में पन्नू की हत्या की साजिश और उसी माह कनाडा में एक अन्य खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या एक-दूसरे से जुड़े होने की बात कही गई है.
यूएसडीओजे का कहना है कि यादव ने खुद को 'सीनियर फील्ड ऑफिसर' बताया था, जिसे 'सुरक्षा प्रबंधन' और 'खुफिया' सूचनाएं जुटाने की जिम्मेदारी मिली है. वह भारत का रहने वाला है और उस पर अपने देश में ही बैठकर साजिश रचने का आरोप है. कहा जा रहा है कि इस मिशन को अंजाम देने के लिए ही यादव ने गुप्ता की भर्ती की, जिसे भारत में उसके खिलाफ दर्ज मामला रद्द कराने के आश्वासन के साथ यह काम सौंपा गया. उसे किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढना था जो साजिश को अंजाम दे सके. दरअसल गुप्ता पर "अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी में संलिप्तता" का मामला विचाराधीन था. यहीं भारतीय जासूसों का नौसिखियापन सामने आता है.
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