विधानसभा की 200 सीटों वाले राजस्थान में 2023 के चुनाव की तैयारियां आखिरी दौर में हैं। पिछले तीस साल में पहली बार कांग्रेस सत्ता में होने के बावजूद आक्रामक दिख रही है और भाजपा नेतृत्वविहीन लग रही है। भाजपा पीढ़ीगत बदलाव की चाहत रखती है, लेकिन वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पुरानी पीढ़ी को हाशिये पर धकेलने का साहस नहीं जुटा पा रही है। यह बात अलग है कि भाजपा आलाकमान ने एक नई पीढ़ी राजस्थान में तैयार कर दी है।
ये चेहरे प्रदेश में कई इलाकों, वर्गों और जातियों से आते हैं, लेकिन वे खुद भी इस चुनाव में बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। कांग्रेस के विधायकों के प्रति मतदाताओं का असंतोष जाहिर है, लेकिन सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुले रोष से बचे हुए हैं।
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