सोशल मीडिया के पीछे काम करने वाला अलगोरिद्म या कंप्यूटर प्रोग्राम किसी भी हरकत को वायरल कर सकता है। इसलिए अक्सर लोग वायरल होने के लिए ऊटपटांग हरकतें करते हैं। यही कारण है कि लोगों का जल्दी से ध्यान खींचने वाले अश्लील, हिंसक और आपत्तिजनक कंटेंट की आजकल बाढ़ आ गई है। कंटेंट वायरल करने और उससे झटपट लोकप्रियता हासिल कर पैसा कमाने के उद्देश्य से लोग अब कुछ रचने के बजाय खुद को ही बेच रहे हैं। ऐसे लोगों का कला या रचना से कोई लेना-देना नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य वायरल होना है। सोशल मीडिया के कुछ ऐसे ही कंटेंट क्रिएटरों की झलक।
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'वाह उस्ताद' बोलिए!
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विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
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'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
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आधी हकीकत, आधा फसाना
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संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी