पुलिस और शिक्षक दोनों का काम समाज के हित में होता है। शिक्षक अगर अपना काम अच्छे से करे, तो पुलिस का काम भविष्य में आसान हो जाता है क्योंकि उसे कानून का पालन करने वाले अच्छे नागरिक मिलते हैं। उसी तरह पुलिस अगर कानून व्यतवस्था कायम रखे, तो शिक्षा जैसी सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहें। इस लिहाज से दोनों पेशे एक दूसरे के पूरक भी हैं। इसके बावजूद विडंबना यह है कि लोग शिक्षक को अच्छी नजर से देखते हैं और पुलिस को बुरी नजर से देखते हैं। यह विडंबना और किन्हीं दो सरकारी पेशों के बीच देखने को नहीं मिलती। जनधारणा के स्तर पर दो पूरक लोक सेवाओं के बीच का यह फर्क ही शायद पुलिसवालों को दूसरे सम्मानजनक पेशों की ओर मुड़ने को प्रेरित करता होगा। बीते कुछ वर्षों के दौरान पुलिसवालों के लेखक, समाजकर्मी और शिक्षक बनने के कई उदाहरण सामने आए हैं। कुछ तो बहुत चर्चित भी हुए हैं। यह जरूरी नहीं कि लेखक या शिक्षक बनने वाला हर पुलिसकर्मी बुरी धारणा का ही मारा हो और अपनी इज्जत बढ़ाने के लिए पढ़ाई-लिखाई की तरफ मुड़ा हो। इस मामले में सबकी अपनी-अपनी वजहें हैं।
इन वर्दीधारी मास्टरों की खेप हर उस जगह से निकल रही है जहां के लोग किसी कारणवश शिक्षा के प्रति उदासीन हैं। चाहे वे दिल्ली के कॉन्स्टेबल थान सिंह हो या राजस्थान के धर्मवीर जाखड़ या मध्यप्रदेश के सब इंस्पेक्टर भखत सिंह ठाकुर- सभी ने अपनी-अपनी जगह पर पुलिसिया दायित्व के अलावा पिछड़े इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया है।
इस मामले में मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में तैनात सब-इंस्पेक्टर भखत सिंह का केस खास है क्योंकि उनका पहला पेशा 'मास्टर' का ही था। वे पहले सरकारी शिक्षक थे। बाद में वे पुलिस महकमे में शामिल हुए। इसके बावजूद उन्होंने अपने 'पहले प्यार' को नहीं छोड़ा। वे अपने इलाके में गरीब बच्चों को शिक्षा देते हैं।
आउटलुक हिंदी से एक खास बातचीत में वे कहते हैं, “आज मेरे पास करीब 300-400 गरीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इससे इस क्षेत्र की साक्षरता के स्तर में सुधार आया है।”
भखत सिंह बताते हैं कि 2020 में जब वे बृजपुर थाने में आए थे तब थाने पर विभिन्न किस्मच के 324 अपराध दर्ज थे, लेकिन 2022 में ऐसे मामले घटकर केवल 185 रह गए। उनका मानना है कि पुलिसिंग के साथ यह शिक्षा का भी कमाल है।
Esta historia es de la edición March 04, 2024 de Outlook Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición March 04, 2024 de Outlook Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम