भारतीय सिनेमा की मुख्यधारा के बादशाह शाहरुख खान ने पिछले साल जबरदस्त वापसी की और सितारों की जगमग भी तेज हो गई। 2023 बॉलीवुड के लिए सुनहरा वर्ष रहा। हिंदी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया। इसमें शाहरुख ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने चार साल के लंबे इंतजार के बाद सिनेमाघरों में वापसी की। वापसी भी ऐसी कि उनके सभी आलोचक नतमस्तक हो गए। 2023 में रिलीज हुई फिल्म पठान, जवान, डंकी की कामयाबी ने स्पष्ट कर दिया कि आज भी फिल्में केवल शाहरुख खान या उन जैसे सुपरस्टार के स्टारडम पर चलती हैं। ये फिल्में कंटेंट के स्तर पर साधारण थीं लेकिन शाहरुख फैक्टर के बलबूते बॉक्स ऑफिस पर तूफान खड़ा कर दिया।
2017 और 2018 में शाहरुख खान की फिल्में जब हैरी मेट सेजल और जीरो सिनेमाघरों में रिलीज हुई थीं। दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थीं। दोनों से ही फिल्म समीक्षक और शाहरुख के फैन निराश हुए थे। बातें शुरू हो गईं थीं कि हिंदी सिनेमा में खान तिकड़ी (शाहरुख, आमिर खान और सलमान खान) का दौर समाप्त हो गया है। शाहरुख खान हिंदी सिनेमा में रोमांस के किंग कहे जाते हैं। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कुछ कुछ होता है, दिल से, दिल तो पागल है जैसी फिल्मों से शाहरुख खान ने एक पूरी पीढ़ी को इश्क करना सिखाया, लेकिन वे ढलती उम्र में भी पच्चीस साल वाला रोमांस कर रहे थे। इससे इतर, एक पूरी नई पीढ़ी तैयार हो चुकी थी, जो शाहरुख खान के पुराने अंदाज से अपरिचित थी। उसने जब हैरी मेट सेजल और जीरो में उनके रोमांटिक किरदार में पूरी तरह अस्वीकार कर दिया।
Esta historia es de la edición April 01, 2024 de Outlook Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición April 01, 2024 de Outlook Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम