आम चुनाव 2024 का परिणाम आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक ली। मोदी ने उन्हें 400 सीटों का लक्ष्य पूरा न कर पाने के कारण हुई निराशा से उबारने की कोशिश की। हालांकि भाजपा लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है और उसके गठजोड़ एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत भी है, इसलिए उसकी निराश अचंभित करने वाली है। दरअसल इस निराशा भाव के पीछे तीन कारण गिनवाए जा सकते हैं।
पहला तो पार्टी का चुनावी नारा ही है- “अबकी बार चार सौ पार।" पार्टी 240 सीटें लाकर अपने बल पर सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के लक्ष्य से अभी 32 सीटें पीछे है जबकि भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) चार सौ के नारे से 106 सीटें पीछे है। अब पार्टी को यह सोचना होगा कि अपना लक्ष्य पूरा न कर पाने में उससे क्या और कहां-कहां गलतियां हुई हैं।
Esta historia es de la edición June 24, 2024 de Outlook Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición June 24, 2024 de Outlook Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी