कुपवाड़ा का गांव मवार इस समय जश्न में है। आम चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन जैसे नेताओं को हराने वाले इंजीनियर राशिद मवार के ही हैं। उन्होंने दोनों नेताओं को जेल के भीतर से ही बारामूला में शिकस्त दे दी। राशिद 2019 से गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कैद हैं। राशिद ने एआइपी नाम से पार्टी बनाई थी लेकिन वे स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर लड़े क्योंकि उनकी पार्टी पंजीकृत नहीं है।
चार जून को बारामूला में जब वोटों की गिनती शुरू हुई, तो राशिद बढ़त बनाते दिखे। अब्दुल्ला तब गोल्फ कोर्स में वर्जिश कर रहे थे। उन्होंने संवाददाताओं से अगले दौर की गिनती तक इंतजार करने को कहा,लेकिन राशिद की जीत का अंतर बढ़ता गया और उमर हार गए। कई लोग राशिद की जीत को उनकी लंबी कैद की रोशनी में देख रहे हैं। उनका मानना है कि यह उत्पीडि़तों की राजनीतिक जीत है, जो लगातार कश्मीर में अहम होता जा रहा है।
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