महाशक्तियों के खेल में बांग्लादेश
Outlook Hindi|September 30, 2024
बांग्लादेश का घटनाक्रम दक्षिण एशिया के भीतर शक्ति संतुलन और उसमें अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में देखे जाने की जरूरत
सुब्रत साहा
महाशक्तियों के खेल में बांग्लादेश

बांग्लादेश की फौज के मुखिया जनरल वकारुज्जमां ने 5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा था, अब सेना देश में एक अंतरिम सरकार का गठन करेगी। इस संदर्भ में उन्होंने कार्यवाहक सरकार बनाने में राष्ट्रपति से परामर्श लेने की अपनी योजना का ऐलान किया था। इसके तीन दिन के भीतर 8 अगस्त को मुहम्मद यूनुस ने देश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की शपथ ले ली।

पिछले महीने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के कोटे पर जो प्रदर्शन शुरू हुए थे, वे बहुत तेजी से एक राजनीतिक आंदोलन में तब्दील हो गए। उनकी मांग थी कि प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा दें। इस सिलसिले में हुई हिंसा में अब तक 400 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इस हिंसा की सबसे ज्यादा मार हिंदू आबादी पर पड़ी है, जिसकी संख्या आठ प्रतिशत तक सिमट कर रह गई है। पहले भी बांग्लादेश की राजनीतिक उथल-पुथल का शिकार अल्पयसंख्यक हिंदू होते रहे हैं। जानमाल के नुकसान के अलावा जो सबसे चौंकाने वाला दृश्य देखने में आया, वह शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा के ऊपर चढ़े प्रदर्शनकारियों का था। बांग्लादेश की मुक्ति के नायक की प्रतिमा पर वे हथौड़े चला रहे थे। यह इत्तेफाक नहीं है कि शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या बांग्लादेशी फौज के कुछ असंतुष्ट अधिकारियों ने 15 अगस्त, 1975 में की थी। उनके ज्यादातर परिवार का सफाया कर दिया गया था, सिवाय दो बेटियों के, जिनमें एक शेख हसीना हैं।

बांग्लादेश के 1971 में मुक्ति होने तक करीब तीस लाख लोग फौजी दमन में मारे गए थे। पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल याहया खान ने 'ऑपरेशन सर्चलाइट', के तहत बंगालियों राष्ट्रवादी आंदोलन को कुचला था। पाकिस्तान की सरकार के खास निशाने पर शेख मुजीबुर्रहमान की अवामी लीग और हिंदू थे। इस नीति के तहत जनता का इस्लामीकरण किया जाना था।

द संडे गार्डियन के अनुसार मारे गए हिंदुओं की संख्या 12 लाख से 24 लाख के बीच थी। शर्मिला बोस अपनी पुस्तक 'अनालिसिस ऑफ सिविल वॉर इन ईस्ट पाकिस्तान इन 1971' में लिखती हैं, सरकार, फौज और बहुसंख्य आबादी के बीच अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारत समर्थक और गद्दार के रूप में देखा जाता था। इसलिए गृहयुद्ध के दौरान वे खास तौर से बहुत नाजुक स्थिति में थे।

Esta historia es de la edición September 30, 2024 de Outlook Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición September 30, 2024 de Outlook Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE OUTLOOK HINDIVer todo
हिंदी सिनेमा में बलात्कार की संस्कृति
Outlook Hindi

हिंदी सिनेमा में बलात्कार की संस्कृति

बलात्कार की संस्कृति को हिंदी फिल्मों ने लगातार वैधता दी है और उसे प्रचारित किया है

time-read
5 minutos  |
September 30, 2024
कहानी सूरमाओं की
Outlook Hindi

कहानी सूरमाओं की

पेरिस में भारत के शानदार प्रदर्शन से दिव्यांग एथलीटों की एक पूरी पीढ़ी को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली

time-read
4 minutos  |
September 30, 2024
शेखपुर गुढ़ा की फूलन देवियां
Outlook Hindi

शेखपुर गुढ़ा की फूलन देवियां

शेखपुर गुढ़ा और बेहमई महज पचास किलोमीटर दूर स्थित दो गांव नहीं हैं, बल्कि चार दशक पहले फूलन देवी के साथ हुए अन्याय के दो अलहदा अफसाने हैं

time-read
9 minutos  |
September 30, 2024
महाशक्तियों के खेल में बांग्लादेश
Outlook Hindi

महाशक्तियों के खेल में बांग्लादेश

बांग्लादेश का घटनाक्रम दक्षिण एशिया के भीतर शक्ति संतुलन और उसमें अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में देखे जाने की जरूरत

time-read
6 minutos  |
September 30, 2024
तलछट से उभरे सितारे
Outlook Hindi

तलछट से उभरे सितारे

फिल्मों में मामूली भूमिका पाने के लिए वर्षों कास्टिंग डायरेक्टरों के दफ्तरों के चक्कर लगाने वाले अभिनेता आजकल मुंबई में पहचाने नाम बन गए हैं, उन्हें न सिर्फ फिल्में मिल रही हैं बल्कि छोटी और दमदार भूमिकाओं से उन्होंने अपना अलग दर्शक वर्ग भी बना लिया

time-read
9 minutos  |
September 30, 2024
"संघर्ष के दिन ज्यादा रचनात्मक थे"
Outlook Hindi

"संघर्ष के दिन ज्यादा रचनात्मक थे"

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के लगभग सभी कलाकार आज बड़े नाम हो चुके हैं, लेकिन उसके जरिये एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने वाले फैसल मलिक के लिए संघर्ष के दिन कुछ और साल तक जारी रहे। बॉलीवुड में करीब 22 साल गुजारने वाले फैसल से राजीव नयन चतुर्वेदी की खास बातचीत के संपादित अंश:

time-read
2 minutos  |
September 30, 2024
ग्लोबल मंच के लोकल सितारे
Outlook Hindi

ग्लोबल मंच के लोकल सितारे

सिंगल स्क्रीन सिनेमाहॉल का दौर खत्म होने और मल्टीप्लेक्स आने के संक्रमण काल में किसी ने भी गांव-कस्बे में रह रहे लोगों के मनोरंजन के बारे में नहीं सोचा, ओटीटी का दौर आया तो उसने स्टारडम से लेकर दर्शक संख्या तक सारे पैमाने तोड़ डाले

time-read
9 minutos  |
September 30, 2024
बलात्कार के तमाशबीन
Outlook Hindi

बलात्कार के तमाशबीन

उज्जैन में सरेराह दिनदहाड़े हुए बलात्कार पर लोगों का चुप रहना, उसे शूट कर के प्रसारित करना गंभीर सामाजिक बीमारी की ओर इशारा

time-read
5 minutos  |
September 30, 2024
कांग्रेस की चुनौती खेमेबाजी
Outlook Hindi

कांग्रेस की चुनौती खेमेबाजी

पार्टी चुनाव दोतरफा होने के आसार से उत्साहित, बाकी सभी वजूद बचाने में मशगूल

time-read
6 minutos  |
September 30, 2024
भगवा कुनबे में बगावत
Outlook Hindi

भगवा कुनबे में बगावत

दस साल की एंटी-इन्कंबेंसी और परिवारवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसे समीकरण साधने के चक्कर में सत्तारूढ़ भाजपा कलह के चक्रव्यूह में फंसी

time-read
6 minutos  |
September 30, 2024