दोतरफा जंग के कई रूप
Outlook Hindi|November 25, 2024
सीधी लड़ाई भले भाजपा और झामुमो के बीच, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों की भूमिका नतीजों को तय करने में अहम
नवीन कुमार मिश्र
दोतरफा जंग के कई रूप

खनिज और वन संपदा से भरपूर झारखंड विधानसभा चुनाव में कांटे का संघर्ष है। भाजपा सत्ता में वापसी की जंग लड़ रही है, तो झारखंड अलग राज्य के लिए संघर्ष करने वाले शिबू सोरेन के पुत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कुर्सी पर अपना कब्जा कायम रखने और विरासत बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। बेशक, लड़ाई में संसाधनों पर भी नजर हो सकती है और आदिवासी पहचान की भी। भाजपा में स्टार प्रचारकों की फौज है तो झामुमो में हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना ही स्टार प्रचारक की भूमिका में हैं।

हेमंत सोरेन के साथ-साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, छोटा भाई बसंत सोरेन भी चुनाव मैदान में हैं। मामूली परिवार से आने वाले शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा, आदिवासियों के हक और अलग प्रदेश की लड़ाई लड़कर आदिवासियों के हृदय में दिशोम गुरु की अपनी पहचान बनाई। उम्र के चलते वे अस्वस्थ हैं मगर आदिवासियों की उनके प्रति आस्था आज भी वैसी ही है। उनके प्रति श्रद्धा इसी से समझी जा सकती है कि भाजपा की रघुवर सरकार में मंत्री रहीं लुईस मरांडी टिकट से वंचित होने के बाद जब झामुमो की शरण में आईं, तो वे भी शिबू सोरेन के पांव छूकर आशीर्वाद लेना नहीं भूलीं। लुईस की तरह पार्टी में आने वाले तमाम लोग और पार्टी के कार्यकर्ता आदिवासी वोटों की चाहत में बाबा यानी शिबू सोरेन का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते हैं।

शिबू सोरेन ने अपने संघर्ष के बूते जगह बनाई है।  उनके बाद एक-एक कर परिवार के बाकी सदस्य राजनीति में आए। शिबू सोरेन के तीन बेटे और एक बेटी, सभी राजनीति में रहे। बड़ा बेटा स्व. दुर्गा सोरेन, मंझला हेमंत सोरेन, छोटा बसंत सोरेन बाद के दिनों में राजनीति में आए। हेमंत सोरेन फिलहाल राज्य में मुख्यमंत्री हैं और उनकी पत्नी कल्पना भी उपचुनाव लड़कर गांडेय से विधायक हैं। दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन भी तीन बार एमएलए रहीं। परिवार में उपेक्षा के बाद लोकसभा चुनाव के मौके पर सीता ने भाजपा का दामन थाम लिया। वे दुमका से लड़ीं मगर पराजय का सामना करना पड़ा। भाजपा अब उन्हें जामताड़ा से चुनाव लड़ा रही है। 2019 में हेमंत सोरेन की छोड़ी दुमका सीट से बसंत सोरेन पहली बार एमएलए बने। हेमंत की बड़ी बहन अंजनी सोरेन ओडिशा झामुमो की अध्यक्ष हैं।

Esta historia es de la edición November 25, 2024 de Outlook Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición November 25, 2024 de Outlook Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE OUTLOOK HINDIVer todo
'वाह उस्ताद' बोलिए!
Outlook Hindi

'वाह उस्ताद' बोलिए!

पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते

time-read
4 minutos  |
January 06, 2025
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
Outlook Hindi

सिने प्रेमियों का महाकुंभ

विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव

time-read
3 minutos  |
January 06, 2025
विश्व चैंपियन गुकेश
Outlook Hindi

विश्व चैंपियन गुकेश

18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा

time-read
3 minutos  |
January 06, 2025
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
Outlook Hindi

सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप

भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात

time-read
10 minutos  |
January 06, 2025
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
Outlook Hindi

रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना

एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी

time-read
5 minutos  |
January 06, 2025
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
Outlook Hindi

हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान

मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी

time-read
5 minutos  |
January 06, 2025
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
Outlook Hindi

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे

रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी

time-read
10 minutos  |
January 06, 2025
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
Outlook Hindi

'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'

लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।

time-read
5 minutos  |
January 06, 2025
आधी हकीकत, आधा फसाना
Outlook Hindi

आधी हकीकत, आधा फसाना

राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां

time-read
8 minutos  |
January 06, 2025
संभल की चीखती चुप्पियां
Outlook Hindi

संभल की चीखती चुप्पियां

संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी

time-read
6 minutos  |
January 06, 2025