Panchjanya - November 13, 2022Add to Favorites

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In this issue

Tech और टकराव
दिग्गज टेक कंपनियां अब विमर्शों को मंच देने के साथ ही उन्हें गढ़ने, दिशा देने
और नियंत्रित करने में जुटीं. मेटा बनाम वायर प्रकरण हो या ट्विटर का अधिग्रहण,
तकनीक के जरिए जंग चल रही है. इस जंग के बीच सत्य का क्या होगा?

झूठ की उघड़ती परतें

वैचारिक विमर्श में पिछड़ने पर अपना नैरेटिव स्थापित करने के लिए वामपंथी मीडिया किस हद तक झूठ बोल सकती है, छाप सकती है और फर्जीवाड़ा कर सकती है, यह वायर बनाम मेटा प्रकरण से साफ हो जाता है | द वायर ने भाजपा को बदनाम करने के लिए न सिर्फ फर्जी आलेख लिखा बल्कि उसमें उल्लिखित तथ्यों को सही साबित करने के लिए एक के बाद एक फर्जी दस्तावेज गढ़े। अब खुल रही हैं झूठ की परतें

झूठ की उघड़ती परतें

7 mins

नए पिंजरे में पंछी

ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क स्वतंत्र अभिव्यक्ति के पैरोकार माना जाना पसंद करते हैं परंतु ट्विटर खरीदने के बाद वे यह बताते हैं कि वे किसे इसका उपयोग करने देना नहीं चाहते। मस्क के आने से ट्विटर पर बहुत कुछ बदलने के आसार दिख रहे हैं

नए पिंजरे में पंछी

6 mins

तकनीक - प्रेरित मीडिया नैरेटिव

इंटरनेट की बढ़ती पहुंच को देखते हुए विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी का सही आकलन करने के लिए इंटरनेट साक्षरता जरूरी, डेटा सुरक्षा पर विधायी ढांचा महत्वपूर्ण

तकनीक - प्रेरित मीडिया नैरेटिव

3 mins

तकनीकी और रणनीति बड़ी चुनौती

आजादी के 75 साल बाद आंतरिक समस्याओं पर अब भी बहुत काम करना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फरीदाबाद में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर में न केवल इस पर शीघ्र कदम उठाने की बात कही, बल्कि एक देश-एक पुलिस वर्दी और सीमा पार अपराध से निपटने के लिए साझा कदम उठाने के सुझाव भी दिए

तकनीकी और रणनीति बड़ी चुनौती

6 mins

वनवासी अस्मिता का गौरव गान

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में मानगढ़ पहाड़ी पर 1913 में ब्रिटिश सेना द्वारा किए गए नरसंहार में 1,500 से अधिक वनवासियों ने अपने प्राण त्यागे थे। उनकी याद में हर साल 17 नवंबर को मानगढ़ बलिदान दिवस मनाया जाता है

वनवासी अस्मिता का गौरव गान

3 mins

विदेशी चंदा, कन्वर्जन का धंधा

कोरोना महामारी के दौरान ईसाई मिशनरियों ने असम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में कन्वर्जन गतिविधियां तेज कर दी थीं। ऊपरी असम के सुदूर गांवों में तो ये काफी सक्रिय हैं। कन्वर्जन के लिए इन्हें विदेश से चंदा मिलता है। हाल में राज्य पुलिस ने पर्यटक वीजा पर आए स्वीडन और जर्मनी के 10 ईसाई मिशनरियों को गिरफ्तार किया

विदेशी चंदा, कन्वर्जन का धंधा

4 mins

अब क्या होगा 'मंडल' का?

केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी के आने के बाद देश की राजनीति की दशा और दिशा बदली है। तो क्या जेपी-लोहिया के समाजवादी प्रयोग की ‘देन’ मुलायम सिंह यादव के निधन के साथ मंडल की राजनीति खत्म हो जाएगी

अब क्या होगा 'मंडल' का?

4 mins

बुद्धि-शुद्धि के लिए 'डिजिटल यज्ञ'

बॉलीवुड में सक्रिय हिंदू और हिंदुत्व विरोधी जमात के विरुद्ध सोशल मीडिया पर बीते दिनों एक अभियान छिड़ा है। इसे ‘डिजिटल यज्ञ' नाम दिया गया। उम्मीद है कि इस पहल से मायानगरी की बुद्धि 'शुद्ध' हो सकेगी

बुद्धि-शुद्धि के लिए 'डिजिटल यज्ञ'

5 mins

जहर उगल रहा ‘खालिस्तानी अमृत'

पंजाब में पिछले कुछ समय से खालिस्तानी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। इस सबके पीछे 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह है, जो खुलेआम लोगों को भड़का रहा है। उसे विदेश से संचालित सोशल मीडिया हैंडलों में कट्टरपंथियों द्वारा एक ‘नायक' के रूप में पेश किया जा रहा

जहर उगल रहा ‘खालिस्तानी अमृत'

4 mins

स्वयंसेवक बने सेवादूत

मोरबी में पुल टूटने की घटना के बाद 10 मिनट के अंदर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 200 स्वयंसेवक घटनास्थल पर पहुंचे और एनडीआरएफ और सेना के जवानों के साथ राहत और बचाव कार्य करने लगे

स्वयंसेवक बने सेवादूत

2 mins

समरसता का सनातन दर्शन

आज समाज में जातियों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि समरस और सुरक्षित समाज की अपेक्षा कभी पूरी न हो। जब तक आचरण और व्यवहार में जीवन के उच्चतम मूल्य प्रकट नहीं होंगे, तब तक समाज में समरसता दृष्टिगोचर नहीं हो सकती। जब समानता का भाव स्थापित होगा, तभी आपसी दूरी कम होगी

समरसता का सनातन दर्शन

7 mins

असाधारण संगठक प्रखर चिंतक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. दत्तोपंत ठेंगड़ी जी द्वारा लगाया गया पौधा (भारतीय मजदूर संघ) आज विशाल वटवृक्ष बन चुका है। दुनिया के सबसे बड़े इस श्रमिक संगठन के साथ लगभग 5,000 मजदूर संघ जुड़े हैं और इसके सदस्यों की संख्या लगभग ढाई करोड़ है। उसे एक बार जो जुड़ा तो फिर उन्हीं का होकर रह गया

असाधारण संगठक प्रखर चिंतक

8 mins

रजाकारों ने किया भैरनपल्ली का नरसंहार

स्वतंत्रता प्राप्ति के एक वर्ष पश्चात हैदराबाद में निजाम के रजाकारों ने भैरनपल्ली गांव में हमला किया और हिंदुओं को चुन-चुन कर मारा । स्त्रियों के कपड़े उतरवाए और बलात्कार किया गया, कई स्त्रियों ने कुओं में कूदकर जान दे दी

रजाकारों ने किया भैरनपल्ली का नरसंहार

4 mins

गोलियों की बौछार में किसी तरह जिंदा बचे

न भूलने वाला पल - विभाजन की पीड़ा को याद करता हूं तो सोचने भर से ही रूह कांपने लगती है। बहुत दुख होता है उस समय की स्थितियों को याद करके।

गोलियों की बौछार में किसी तरह जिंदा बचे

2 mins

घर लौटने का सपना ही रह गया

न भूलने वाला पल- मुल्तान से बिना छत की मालगाड़ी मिली। इसमें जानवरों से लोग भरे हुए थे। हमारी भी वही स्थिति थी। एक के ऊपर एक लोग बैठे हुए थे।

घर लौटने का सपना ही रह गया

2 mins

'इंटेलिजेंट असिस्टेंट' समझने लगे हिंदी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने के बाद वर्चुअल असिस्टेंट अब हिंदी समझने लगे हैं जिससे संपर्क और संवाद का यह तरीका बदल गया है

'इंटेलिजेंट असिस्टेंट' समझने लगे हिंदी

3 mins

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Panchjanya Magazine Description:

PublisherBharat Prakashan (Delhi) Limited

CategoryPolitics

LanguageHindi

FrequencyWeekly

स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में 'पाञ्चजन्य' साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।

अटल जी के बाद 'पाञ्चजन्य' के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्वश्री राजीवलोचन अग्निहोत्री, ज्ञानेन्द्र सक्सेना, गिरीश चन्द्र मिश्र, महेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तिलक सिंह परमार, यादव राव देशमुख, वचनेश त्रिपाठी, केवल रतन मलकानी, देवेन्द्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, भानुप्रताप शुक्ल, रामशंकर अग्निहोत्री, प्रबाल मैत्र, तरुण विजय, बल्देव भाई शर्मा और हितेश शंकर जैसे नाम आते हैं। नाम बदले होंगे पर 'पाञ्चजन्य' की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आया, वे अविचल रहे।

किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम कभी नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से 'पाञ्चजन्य' का जन्म हुआ, वह नाम है पं. दीनदयाल उपाध्याय।

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