Modern Kheti - Hindi - December 01, 2023Add to Favorites

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Wheat Special

सब्जियों के नमूनों में भारी धातुओं की मौजूदगी का खुलासा

कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बेंगलुरु के बाजारों से लिए सब्जियों के नमूनों में भारी धातुओं की मौजूदगी का खुलासा किया है।

सब्जियों के नमूनों में भारी धातुओं की मौजूदगी का खुलासा

2 mins

भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी सीर मछली की दो और प्रजातियां, जानें क्या है इनकी खासियत

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई) के वैज्ञानिकों ने भारतीय जल क्षेत्र में सीर मछली की दो और प्रजातियों की खोज की है। इनमें से एक प्रजाति तो ऐसी है जिसके बारे में पहले कोई वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी।

भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी सीर मछली की दो और प्रजातियां, जानें क्या है इनकी खासियत

2 mins

2025 के पहले नहीं घटेंगी चावल की वैश्विक कीमतें : वर्ल्ड बैंक

विश्व बैंक ग्लोबल कमोडिटी आउटलुक के मुताबिक अलनीनो का जोखिम जारी रहने की संभावना और प्रमुख चावल उत्पादक देशों द्वारा निर्यात कम किए जाने की वजह से चावल की वैश्विक कीमतों में 2025 के पहले कोई उल्लेखनीय कमी आने की संभावना नहीं है।

2025 के पहले नहीं घटेंगी चावल की वैश्विक कीमतें : वर्ल्ड बैंक

2 mins

वैज्ञानिकों ने इजाद की काली मिर्च की नई किस्म

भारत में सबसे अधिक काली मिर्च की खेती केरल में होती है। हालांकि कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी किसान काली मिर्च की खेती करते हैं।

वैज्ञानिकों ने इजाद की काली मिर्च की नई किस्म

2 mins

बेहतर प्रोत्साहन नीति में संकट का समाधान

धान की फसल के कटाई सीजन में एक बार फिर पराली जलाना खबरों में रहा। अब एक दशक से अधिक समय से, जब से पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली में आग लगाना ज्वलंत मुद्दा बन गया है, नई दिल्ली में कुख्यात वायु प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहराये जाने के साथ ही इस आग पर काबू पाने का संघर्ष अभी जारी है।

बेहतर प्रोत्साहन नीति में संकट का समाधान

4 mins

पारंपरिक खेती के तरीके को छोड़कर हाइड्रोपोनिक खेती को चुनने वाला विपिन यादव

आज का युग ऐसा युग है जहां किसानों के पास उपजाऊ भूमि या जमीन ही नहीं है, फिर भी वे खेती कर सकते हैं और इसलिए भारतीय किसानों को अपनी पहल को वापिस लागू करना पड़ेगा और पारंपरिक खेती को छोड़ना पड़ेगा।

पारंपरिक खेती के तरीके को छोड़कर हाइड्रोपोनिक खेती को चुनने वाला विपिन यादव

2 mins

रबी फसलों में खरपतवारों का नियन्त्रण

खरपतवार भोजन उत्पादन में एक जैविक रूकावट वाले कारक के रूप में उपस्थित हैं। उनके कारण फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में कमी व उनके नियन्त्रण करने पर उत्पादन खर्च में वृद्धि होती है।

रबी फसलों में खरपतवारों का नियन्त्रण

8 mins

बीज परिसंस्करण में ट्राइकोडर्मा का महत्व

बीज परिसंस्करण में ट्राइकोडर्मा का महत्व : ट्राइकोडर्मा बीज परिसंस्करण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह बीजों की सुरक्षा और पोषण को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

बीज परिसंस्करण में ट्राइकोडर्मा का महत्व

5 mins

किसान अपनी आमदनी कैसे बढ़ायें?

हमारे देश के किसान दिन-रात मेहनत करके देशवासियों के उदर पूर्ति के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं, फिर भी हमारे देश में खाद्यान्न की समृद्धि के बावजूद, जनसंख्या वृद्धि के कारण गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न की कमी लगातार बनी हुई है।

किसान अपनी आमदनी कैसे बढ़ायें?

6 mins

गेहूं में मूल्य श्रृंखला प्रबंधन

मूल्य श्रृंखला में हितधारकों और उनके सामूहिक कार्यों को शामिल किया जाता है, जिसमें उत्पाद के उत्पादन, विपणन और वितरण के लिए इनपुट और समर्थन सेवाएं शामिल होती हैं, जब तक कि यह अनुसंधान संस्थानों, नीतियों आदि जैसे सक्षम वातावरण के तहत अंतिम उपभोक्ता तक नहीं पहुंच जाता। इसमें सभी इनपुट आपूर्तिकर्ता, निर्माता शामिल हैं।

गेहूं में मूल्य श्रृंखला प्रबंधन

4 mins

गन्ने की फसल के मुख्य रोग व रोकथाम

नकदी फसलों में गन्ने का महत्वपूर्ण स्थान है। हरियाणा में यह फसल मुख्य रुप से राज्य के यमुनानगर, अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद, जींद आदि जिलों में उगाई जाती है।

गन्ने की फसल के मुख्य रोग व रोकथाम

3 mins

शुद्ध गन्ने के रस से बने मूल्यवर्धित उत्पाद

सारांश - गन्ने का रस एक मूल्यवान आधार उत्पाद है जो गन्ने से प्राप्त किया जाता है ताकि बढ़ी हुई पोषण गुणवत्ता के साथ रुचि के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की जा सके।

शुद्ध गन्ने के रस से बने मूल्यवर्धित उत्पाद

4 mins

उपभोक्ता न्यायालय एवं बीज के मामले (प्रथम कड़ी) आवश्यक सावधानियाँ

प्रशासन निजी बीज उत्पादकों द्वारा उत्पादित बीज के आँकड़े लेकर उत्पादन स्तम्भ बनाते हैं और अधिकारी अपनी पीठ थपथपाते हैं परन्तु निजी उद्यमियों को वह मान-सम्मान नहीं मिलता जिसके वे अधिकारी हैं बल्कि उन्हें बड़ी हेय दृष्टि से देखा जाता है। हर बीज व्यापारी अपनी शाख बनाने के लिए भारतीय बीज कानूनों की पालना करते हुए उत्तम ही नहीं उत्तमोतर बीज तैयार करता है और देश तथा राज्यों में उत्पादन स्तम्भ बनाने के लिए सहायक सिद्ध होता है।

उपभोक्ता न्यायालय एवं बीज के मामले (प्रथम कड़ी) आवश्यक सावधानियाँ

7 mins

सूत्रकृमि प्रबंधन में फसल चक्र का महत्व

सूत्रकृमि प्रबंधन के लिए फसल चक्र के लाभों को अधिकतम करने के लिए, मौजूद विशिष्ट सूत्रकृमि प्रजातियों, उनके द्वारा पसंद किए जाने वाले परपोषी पौधों और विभिन्न फसलों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, फसल चक्र अनुक्रम की सावधानीपूर्वक योजना बनाना आवश्यक है।

सूत्रकृमि प्रबंधन में फसल चक्र का महत्व

4 mins

मृदा प्रदूषण चिंता का विषय, नैनोकण का खतरा

वर्तमान अनुसंधान खाद्य व अनाज वाली फसलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बढ़ता औद्योगीकरण तथा मानवजनित गतिविधियों को करना अत्याधिक मात्रा में विषाक्त धातुएं कृषि योग्य मिट्टी में आ रही है

मृदा प्रदूषण चिंता का विषय, नैनोकण का खतरा

3 mins

जुगाली करने वाले पशुओं हेतु पशु चाकलेट की उपयोगिता

अपने देश में विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शुष्क पदार्थ में हरे चारे का उत्पादन 12.60 करोड़ टन है, सूखे चारे का उत्पादन 36.50 करोड़ टन है और दाना 3.4 करोड़ टन उपलब्ध है।

जुगाली करने वाले पशुओं हेतु पशु चाकलेट की उपयोगिता

4 mins

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Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

PublisherMehram Publications

CategoryBusiness

LanguageHindi

FrequencyFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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