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रखें स्वस्थ दिल को
हृदय रोग भारत में होने वाली मौतों के सबसे बड़े कारणों में से एक है। इंडियन हॉर्ट एसोसिएशन के मुताबिक भारत में हर साल 17 लाख लोगों की मौत दिल की बीमारियों के कारण होती है, इनमें से 50 प्रतिशत हार्टअटैक उन लोगों को आते हैं, जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम होती है जबकि इनमें 25 प्रतिशत लोग 40 वर्ष से कम उम्र के होते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2030 तक भारत में हृदय रोगों की वजह से हर साल ढाई करोड़ लोगों की मृत्यु होने की संभावना है, यानी कोरोना वायरस से भी ज्यादा दिल की बीमारियां खतरनाक हैं। पुराने समय में हृदय रोगों की बीमारियां ज्यादातर उम्रदराज लोगों को ही होती थीं और हार्ट अटैक के शिकार भी ज्यादातर बुजुर्ग ही होते थे लेकिन आजकल युवा भी बड़ी संख्या में हृदय रोगों के शिकार हो रहे हैं और इसका कारण है, आजकल की आपा-धापी भरी जिंदगी, खाने-पीने की गलत आदतें, शराब और सिगरेट का शौक, जरूरत से ज्यादा तनाव, काम का प्रेशर, रिश्तों में कड़वाहट का होना, डिप्रेशन और एंग्जायटी आदि।
भारत के चाय बागानों में महिलाओं की दयनीय स्थिति
महिलाओं का प्राथमिक कार्य चाय की पत्तियों को तोड़ना था। वें सर्दियों के दौरान झाड़ियों को छीलने जैसे मैनुअल काम भी करती थीं। वें चाय की झाड़ियों पर 'सूखा सफेद पाउडर' (शायद यूरिया/कीटनाशक) डालती हैं। इन कार्यों को करने में स्थायी और अस्थायी दोनों ही प्रकार के श्रमिक शामिल थे। सोमवार से शनिवार तक हर दिन महिलाएं काम कर रही थीं, जबकि रविवार को श्रम कार्य जैसे ईंट भट्ठों पर काम, दैनिक भुगतान वाले कृषि कार्य या आसपास के गांवों में घरेलू काम करती थीं। इसके अलावा, महिलाओं को खाना पकाना, सफाई करना, पानी और जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करना, बच्चों को खिलाना आदि घरेलू काम भी करने पड़ते थे।
बॉलीवुड, ड्रग्स और साजिश
मुंबई क्रूज शिप ड्रग केस में शाहरुख खान के बेटे का गिरफ्तार होना और फिर जमानत पर छूट जाना एक ऐसा वाकया है जो कई सवाल खड़े करता है।
त्यौहारों पर असमाजिक होती दुनिया!
हमारे शास्त्र हमें शिक्षा देते रहे हैं कि त्यौहार सिर्फ कलेंडर में दर्ज तारीख नहीं है ,बल्कि नए सृजन की उम्मीद है। जहां उम्मीद होती है जीवन उसी और यात्रा पर निकलता है। दीपावली हो या होली हो या कि ईद हो ये सभी त्यौहार मुकम्मिल तरीके से मनाए जाएं तो सम्भव है जीवन उत्सव बन जाए।
बिहार एवं झारखंड अवैध अफीम की खेती
बिहार और झारखंड के शहरी एंव ग्रामीण क्षेत्रों के माताओं-पिताओं के सपने टूट रहे हैं। इन क्षेत्रों में नशे का कारोबार बढ़ रह है। जिससे किशोर और युवा ड्रग्स की गिरफ्त में आ रहे हैं। तस्करी के लिए हुस्न के जाल में फंसाने के के लिए तस्करों द्वारा महिलाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है।
नशे की गिरफ्त में बॉलीवुड
कोर्डिलिया क्रूज शिप ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के पास से भले कोई ड्रग्स नही मिला था। लेकिन जिस तरह से उनके व्हाट्सएप चैट में ड्रग्स का जिक्र आया और उसके जरिये एक और अभिनेत्री अनन्या पांडे भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निशाने पर आयी उससे बॉलीवुड में ड्रग्स की चर्चा एक बार फिर चल पड़ी है और सवाल उठने लगा है कि क्या फिल्मी दुनिया की चकाचौंध की आड़ में नशे की काली दुनिया का राज है? कहीं पूरा बॉलीवुड तो ड्रग्स में डूबा नही है?
ड्रग्ज+बॉलीवुड+अंडरवर्ल्ड+राजनीति ताजा नस्लों को पंगु बनाने की साजिश
दुर्ग और बॉलीवुड का गहरा नाता है
कृषि कावूनों की वापसी आगे-पीछे
कृषि कानून वापसी का प्रधानमंत्री मोदी का फैसला चाहे जितना भी बड़ा मास्टर स्ट्रोक हो, लेकिन कुछ ऐसे सवाल हैं, जो भाजपा से ज्यादा उसके समर्थकों को असहज करते रहेंगे। केंद्रीय नेतृत्व की तर्ज पर भाजपा समर्थकों ने कृषि कानून विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोला। भाजपा के नेता किसान आंदोलनकारियों को आंदोलनजीवी और परोक्षरूप से आंतकवादी भी बताते रहे। वैसे किसान आंदोलनकारियों ने 26 जनवरी के दिन जिस तरह लालकिले पर आतंक बरपाया या दिल्ली की सीमाओं पर हंगामा किया, वह लोकतांत्रिक तरीका नहीं था।
स्वर्ग बना नर्क
सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण राज्य जम्मू-कश्मीर में एकबार फिर से इस तरह के बन रहे बेहद चिंताजनक हालात देश की एकता, अखंडता व धर्मनिरपेक्षता के लिए किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं हैं। बीते 7 अक्टूबर को भी आतंकियों ने श्रीनगर में दो शिक्षक सपिंदर कौर और दीपक चंद की गोली मारकर हत्या कर दी थी, श्रीनगर शहर का गवर्नमेंट ब्वॉयज सेकेंडरी स्कूल, ईदगाह के सहन इलाके में एक बड़े भूभाग पर बना हुआ है, यह हायर सेकेंडरी स्कूल तीन मंजिला बड़ी इमारत में है, इस के विशाल परिसर में एक बड़ा खेल का मैदान भी बना हुआ है, उसमें घुसकर आतंकियों ने सुबह 11 बजे पहचान पत्र देखकर के ने हिन्दू और सिख शिक्षकों की पहचान करके हत्या कर दी थी, गनीमत यह रही कि उस समय स्कूल में छात्र नहीं थे, सपिंदर कौर स्कूल की प्रिंसिपल थी जबकि दीपक चंद टीचर थे।
भारतीय विधार्थियों की विदेश में शिक्षा का मोह : एक चिंता का विषय
भारत से सबसे अधिक विद्यार्थी अमेरिका (30 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (10 प्रतिशत), कनाडा (9 प्रतिशत) एवं ब्रिटेन (6 प्रतिशत) आदि विकसित देशों को जाते हैं। और तो और अब भारतीय विद्यार्थी चीन, सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर आदि देशों को भी जा रहे हैं।
ममता बनर्जी का मिशन गोवाःशह या मात ?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मिशन-गोवा कितना कामयाब हो पाएगा, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा ही, मगर इतना जरूर है कि ममता में एक जुनून दिव रहा है। बंगाल में तीसरी बार सत्ता हासिल करने के बाद त्रिपुरा और गोवा पर उनकी पैनी नजर है। इन्हीं बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा है इस आलेख में।
भारत के पड़ोस में एक और संभावित तालिबान
लज्जा उपन्यास लिखकर गहरे विवादों में आई तस्लीमा नसरीन यदि कह रही हैं कि बांग्लादेश अब जेहादी स्तान बनता जा रहा है तो इस टिप्पणी महज कागजी भरपाई मानकर नहीं चला जा सकता। वजह है तस्लीमा लज्जा उपन्यास के कारण अपने ही वतन बांग्लादेश से अभी तक निर्वासन भोग रही हैं। तस्लीमा ने यह भी कहा है कि शेख हसीना बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को मुमकिन है अपने राजनीतिक फायदों के लिए मुहैया नहीं करा रही हैं।
कश्मीर में तालिबानी खतरे का जवाब क्या?
कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने एक हिंदी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि घाटी या वादी हाल के दिनों के घटनाक्रमों की जो रिपोर्टिग भारतीय मीडिया के एक बड़े पॉकेट में की जा रही है, वह कुछ बढ़ाचढ़ाकर भी की गई हो सकती है। अनुराधा भसीन कह रही हैं कि पलायन तो हो रहा है, लेकिन भगदड़ जैसे हालात नहीं हैं।
चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़....
चित्रकूट धाम कर्वी से लगभग 3 किमी. दूर दक्षिण की ओर गणेशबाग में स्थित है। यह स्थान श्री वाजीराव पेशवा के शासन काल में निर्मित हुआ था, गणेशबाग की स्थापत्य कला अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि पेशवा काल में स्थापत्य कला अपनी चरम सीमा पर थी। पंच मंजिलें के समूह को पंचायतन कहते है। इस पंच मंजिले मन्दिर के शिखर पर काम कला के खजुराहो शैली पर आधरित विस्तृत चित्राकंन है। कुछ स्वतन्त्र मैथुन मुद्रा में हैं, तथा कुछ पुराणों एवं रामायण पर आधारित है। यहां काम, योग तथा भक्ति का अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है।
गोवा: पूछती है हर लहर, फिर कब आओगे...?
गोवा का नाम आते ही पर्यटकों के मन में हरियाली से भरपूर एवं समुद्र तट से सुशोभित एक सुन्दर सी जगह की तस्वीर घूम जाती हैं। सरल प्रकृति के लोग, हरी-भरी धरती, लहरों से घिरे समुद्री किनारे, चहल-पहल, जीवन जीने की अलग ही अदा और हर ओर बिखरा सौन्दर्ययही हैं गोवा की पहचान।
कश्मीर में इस्लामी कट्टरवाद के कहर को देना होगा माकूल जवाब
यूं तो राजनीति अक्सर अपनी पार्टी लाइन के हिसाब से ही बयान देती है। अगर कोई राजनीतिक शख्स अपनी पार्टी लाइन के खिलाफ कोई संदेश देता है तो उसे या तो नजरंदाज कर दिया जाता है या फिर उसे उस पार्टी में जाने के संदेश के तौर पर देखा जाता है, जिसकी घोषित राजनीतिक लाइन के हिसाब के नजदीक वह बयान होता है। लेकिन यह भी सच है कि राजनेता भी इन्सान ही होता है और कई बार ना चाहते हुए भी उसके दिल की आवाज निकल ही आती है। बीते सत्रह अक्टूबर को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीटर पर जो बयान दिया, उसके भी इसी तरह राजनीतिक अर्थ निकाले गए। लेकिन यह मानना होगा कि उन्होंने जो कहा, दरअसल कश्मीर घाटी पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय नापाक निगाहों का ही खुलासा है।
मौनी की सगाई!
छोटे पर्दे पर 'नागिन' का किरदार निभाकर मशहूर हुईं अभिनेत्री मौनी रॉय काफी सुर्खियां बटोरती हैं। वैसे तो मौनी रॉय अपने बोल्ड और खूबसूरत फोटोज की वजह से चर्चा में बनी रहती हैं। लेकिन इस बार मौनी रॉय के चर्चा में बने रहने की वजह है उनकी शादी।
नैरेटिव की लड़ाई से कांग्रेस को आगे बढ़ना होगा
जब भी चुनाव आते हैं, देश की सबसे पुरानी पार्टी के शुभचिंतक उसके उभार की भविष्यवाणियां करने लगते हैं। लंबे समय तक की सत्ता के दम पर कांग्रेस ने बौद्धिक और पत्रकारीय दुनिया में एक ऐसा समर्थक वर्ग जरूर बना रखा है, जो कांग्रेस के पहले परिवार के हर कदम पर मर मिटता है।
पूजा लक्ष्मी की ही क्यों, गृहलक्ष्मी की क्यों नहीं?
विचित्र विरोधाभास है स्त्री की स्थिति में इस देश में। एक ओर शास्त्रों में श्री, धी और शक्ति की प्रतीक लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा के रूप में पूजित है, तो दूसरी ओर घर में ही नहीं समाज के लगभग हर क्षेत्र में शोषित और पीड़ित, दोयम दर्जे की नागरिक भी है।
प्री-बोर्ड परीक्षा की तैयारी- घबराएं नहीं,प्लान करें और स्ट्रिक्टली फॉलो करें
प्लानिंग को हर लक्ष्य प्राप्ति का आधारशीला माना जाता है। क्योंकि प्रायः ऐसा कहा जाता है कि यदि आप अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए योजना बनाने में असफल रहते हैं तो आप असफल होने की योजना बना रहे होते हैं। आशय यह है कि प्री-बोर्ड जैसे अहम परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक परफेक्ट प्लानिंग काफी जरुरी है। लेकिन प्लान रियलिस्टिक हों-आदर्श योजना समय, संसाधन और कठिन मेहनत की बर्बादी के सिवाय कुछ नहीं होता है।
अजीब दास्तान है ये!
सन 1965 में एक फिल्म आयी थी, नाम था 'छोटी छोटी बातें।' उसे फिल्म की हेरोइन नादिरा पर फिल्माया गया एक गीत था, जिसके बोल थे 'कुछ और जमाना कहता है, कुछ और है जिद्द मेरे दिल की। मैं बात जमाने की मानूं, या बात सुनूं अपने दिल की।' इस गाने के यह बोल भारत की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस पर एकदम फिट बैठती है।
अब कैप्टन ने लिया सिद्ध का विकेट
इतनी जटिल, और कठिन परिस्थितियों से निजात पाने का कोई स्थाई इलाज कांग्रेस के पास है या नहीं?
आर्यन के बहाने शाहरूख खान की जिम्मेदारी पर चर्चा
आर्यन खान की गिरफ्तारी को इस अर्थ में भी देखा जा सकता है कि जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिए होता है।
अधिकार असीमित नहीं हो सकते
कहने को भारत एक ऐसा देश है जो संविधान से चलता है लेकिन जब देश के सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ता है कि वो जांच करेगा कि 'क्या विरोध करने का अधिकार एक पूर्ण अधिकार है' तो लगता है कि हम आज भी गुलाम हैं।
हिन्दकुश हिमालय पर्वतमाला: दी धई पोल
नेपाल के काठमान्डु नगर में, 37 साल से भी अधिक पुराना, एक अन्तरराष्ट्रीय संगठन जिसका नाम 'इंटरनेशनल सेंटर फार इंटीग्रेटेड माउन्टेन डेव्लपमेंट' आईसीमोड' है, नेपाल के काठमान्डु नगर में स्थित है। इस संगठन ने वर्ष 2013 से 2017 के बीच हिन्दुकुश हिमालय पर्वत श्रृंखला का सघन अध्ययन किया है। उनके अध्ययन से पता चलता है कि हिन्दुकुश हिमालय पर्वत श्रृंखला के पठारी और तीखे तथा खड़े ढाल वाले पहाड़ी इलाकों के जंगलों की कटाई हुई है और टूरिज्म बढ़ा है।
राजा महेंद्र प्रताप के बहाने जाटलैंड मजबूत करने की कोशिश
राजा महेंद्र प्रताप और सुभाष चंद्र बोस में समानता रही कि दोनों ने निर्वासित रहते हुए विदेशों में सरकार बनाई। लेकिन दोनों को आजाद भारत में कोई भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला। महेंद्र प्रताप आजाद भारत में लौट आए, लेकिन सुभाष चंद्र बोस को ऐसा अवसर नहीं मिला। महेंद्र प्रताप ने 1957 का चुनाव मथुरा से निर्दलीय लड़ा और करीब तीस हजार मतों से विजयी रहे। इस चुनाव में उन्होंने एक और जाट नेता चौधरी दिगंबर सिंह को हराया था। यहां से उस चुनाव में भारतीय जनसंघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी भी मैदान में थे। हालांकि उनकी जमानत जब्त हो गई। वाजपेयी उस चुनाव में चार जगहों से लड़ रहे थे। मथुरा समेत तीन जगहों पर उनकी हार हुई, जबकि लखनऊ के नजदीक बलरामपुर से वे जीत गए थे।
पटेल की चुनौतियां
पेशे से इंजीनियर भूपेंद्र पटेल को पाटीदार होने के कारण मुख्यमंत्री के लिए चुना गया यह सही है लेकिन इसके अलावा भाजपा के केंद्रीय आलाकमान की ओर से भूपेंद्र पटेल को चुने जाने के और भी कई कारण हैं इनमें से सबसे अहम तो यह कि उनकी पहचान गुजरात की राजनीति में अजातशत्रु की है, 1996 में नगर महानगर पालिका के चैयरमेन बनने के बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। थलतेज वार्ड से अहमदाबाद महानगर पालिका में पार्षद चुने गये तथा यहां स्थानीय समिति के चैयरमेन बने। इसके बाद उन्हें अहमदाबाद शहर विकास प्राधिकरण का चैयरमेन नियुक्त किया गया। उन्होंने हर जगह अपनी प्रशासनिक कार्यकुशलता व दूरदर्शी नेता की छाप छोड़ी जिसके चलते 2021 में उन्हें भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिया।
कांग्रेसी दिग्गजों को दरकिनार कर रहे राहुल गांधी
बेटे राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए सोनिया ने रास्ते के सारे अवरोध हटा दिए अपना मुकुट उतार कर राहुल के सिर पर रखने के लिए कांग्रेस पार्टी का भारी नुकसान किया। कर्नाटक से वीरप्पा मोइली, हरियाणा से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया सभी का कद कम करने के लिए प्रयास किए गए पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाना उसी क्रम का एक हिस्सा है।
अनन्या का 'डक' अवतार
बॉलीवुड ऐक्ट्रेस अनन्या पांडे को इंडस्ट्री में आए अभी कुछ समय ही हुआ लेकिन उनकी काफी लोकप्रियता है।
पंडित उपाध्याय : विचार ही नहीं, व्यक्ति-क्रांति के प्रेरक
एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित उपाध्याय का मानना था कि अपनी सांस्कृतिक संस्कारों की विरासत के कारण भारतवर्ष विश्व गुरु के स्थान को प्राप्त करेगा। पं. दीनदयाल द्वारा दिया गया मानवीय एकता का मंत्र हम सभी का मार्गदर्शन करता है। उन्होंने कहा था कि मनुष्य का शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा ये चारों अंग ठीक रहेंगे तभी मनुष्य को चरम सुख और वैभव की प्राप्ति हो सकती है।