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आम में फल छेदक कीट : ऐसे करें प्रबंधन
आजकल आम उत्पादक किसान आम के फलों पर लाल पट्टीधारी फल छेदक (रैड बैंडेड बोरर ) आक्रमण से परेशान हैं.
घी उत्पादन के लिए मुफीद भदावरी भैंस
किसान खेतीबारी के साथसाथ पशुपालन, डेरी, फूड प्रोसैसिंग जैसे कामों को कर के अधिकतम लाभ ले सकते हैं. ऐसे तमाम किसान हैं, जिन्होंने पशुपालन व डेरी के व्यवसाय को अपना कर न केवल अपनी माली हालत में सुधार किया है, बल्कि दूसरों के लिए रोजगार मुहैया कराने का जरीया भी बने हैं. अगर आप दुधारू पशुओं के पालन की इच्छा रखते हैं, तो इस के साथसाथ डेरी और डेरी उत्पादों को तैयार कर ज्यादा मुनाफा ले सकते हैं.
बंजर भूमि में गेंदे की व्यावसायिक खेती
महात्मा ज्योतिबा फुले बरेली, उत्तर विश्वविद्यालय, प्रदेश में प्रोफैसर डाक्टर शिखा सक्सेना ने बंजर भूमि में गेंदा उगा कर एक नई मिसाल पेश की है. उन्होंने ऐसी बंजर जमीन में जिस में आर्सेनिक व सीसा जैसे हैवी मैटल्स मौजूद थे, उस में गेंदा उगा कर पीएचडी की डिगरी हासिल की है.
घर बैठे मिलेगी पशु इलाज की सुविधा
बीमार पशु को अस्पताल तक ले जाना ही अपनेआप में एक बड़ी समस्या थी. लेकिन, अब इन एंबुलेंसों के आ जाने से पशु चिकित्सालय खुद ही पशुपालक के दरवाजे पर होगा. मध्य प्रदेश में अब पशुओं के इलाज के लिए औन काल एंबुलैंस सेवा शुरू हो गई है. मतलब, अब घर बैठे ही पशुपालक इन एंबुलैंसों को अपने घर बुला सकेंगे.
अरहर की नई प्रजाति ‘कुदरत ललिता' विकसित
अरहर में कुदरत ललिता' नाम की प्रजाति विकसित करने में प्रकाश सिंह रघुवंशी, ग्राम-टड़िया, पोस्ट-जक्खिनी, जिला-वाराणसी, उत्तर प्रदेश ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कानपुर कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की अलसी की नई प्रजाति
कम समय में ज्यादा उत्पादन देने वाली होगी यह प्रजाति
आमदनी बढ़ाने के लिए करें अलसी की खेती
अलसी के बीज को दुनियाभर में सुपर फूड के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इस में वे सभी गुण मौजूद होते हैं, जो इनसान को सेहतमंद बनाते हैं. अलसी के बीज, तेल, पाउडर, गोली, कैप्सूल और आटे के रूप में दुनियाभर में इस का इस्तेमाल किया जाता है. अलसी को कब्ज, डायबिटीज, हाई कोलैस्ट्रोल, हृदय रोग, कैंसर सहित कई बीमारियों की रोकथाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
कंडुआ रोग से बचाव के लिए करें धान के बीजों का शोधन
खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों में शामिल धान की नर्सरी डालने के पहले अगर सही तरीके से बीजों का शोधन कर लिया जाए, तो फसल रोपाई के बाद धान की फसल को रोग से ख बचाया जा सकता है.
मोटे अनाजों की खेती से बढ़ेगी आमदनी
आहार में मोटे अनाज का सेवन सेहत के लिहाज से काफी मुफीद है. वैसे, मोटे अनाज में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों, विटामिन और खनिज की प्रचुर मात्रा पाई जाती है. इसीलिए मोटे अनाजों को संतुलित आहार के साथसाथ एक सुरक्षित वातावरण के निर्माण में अच्छा माना जाता है. बीते सालों से दुनियाभर में मोटे अनाजों की खेती पर खासा जोर दिया जा रहा है.
धान की खेती : समस्याएं और समाधान
धान खरीफ की मुख्य फसल है. अगर कुछ बातों का शुरू से ही ध्यान रखा जाए, तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी. कुछ किसान धान की पौध तैयार करने में लगे हैं, तो कुछ धान की रोपाई कर चुके हैं. लेकिन समस्याएं सभी के सामने आती हैं. ऐसी ही अनेक समस्याओं को ले कर प्रो. रवि प्रकाश मौर्य से बात की गई, जो धान की खेती करने वाले किसानों के लिए मददगार साबित होगी.
बलराम एप से जुड़ेंगे तमाम किसान
भारत में कृषि क्षेत्र में लगातार नित नए प्रयोग हो रहे हैं, अनेक उन्नत प्रजातियों के बीज एवं खाद उर्वरक पर भी खासा काम हो रहा है. कुल मिला कर खेती में देश तरक्की कर रहा है और तरक्की में मददगार बन रहे हैं देश के कृषि वैज्ञानिक.
जून महीने के जरूरी काम
जून महीने की तीखी धूप खेतों को सुखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखती, मगर गन्ने के खेतों को सूखने नहीं देना चाहिए. जरूरत के मुताबिक गन्ने के खेतों की सिंचाई करते रहें.
मौसम का मिजाज और खेती के काम
आजकल का मौसम तेज चटकदार धूप, चलती लू और धूल भरी आंधी वाला है. ऐसे में किसानों को सुबह 11 बजे से ले कर शाम 4 बजे तक खेत में काम करने से बचना चाहिए. खेती के कामों को सुबहशाम के समय ही निबटाना चाहिए.
तिल की ऐसे करें आधुनिक खेती
प्रदेश में तिल की खेती मुख्यत: सोनभद्र, बुंदेलखंड की राकड़ भूमि में और मिर्जापुर, कानपुर, इलाहाबाद, फतेहपुर, आगरा, मैनपुरी आदि जनपदों में शुद्ध व मिश्रित रूप से की जाती है. मैदानी क्षेत्रों में अधिकतर इसे ज्वार, बाजरा और अरहर के साथ बोते हैं कुछ क्षेत्रों में, जहां मिट्टी बलुई और बलुई दोमट है, इस की खेती की जाती है.
गोबर आधारित कंप्रैस्ड बायोगैस से चलेंगे वाहन
बहुत ही ज्वलनशील पदार्थ है कंप्रैस्ड बायोगैस. इसे वाहनों को चलाने और खाना पकाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकेगा. इस गैस को बायोमास से तैयार किया जाता है.
रागी की खेती और उन्नत किस्में
रागी की खेती मोटे अनाज के रूप में की जाती है. इस के दानों में खनिज पदार्थों की मात्रा बाकी अनाज फसलों से ज्यादा पाई जाती है. इसे अनेक क्षेत्रों में मडुआ के नाम से भी जाना जाता है.
अनोखा 'नैचुरल ग्रीनहाउस' खेती का 'गेम चेंजर'
पौलीहाउस लगा कर अपनी आमदनी बढ़ाने का सपना तो हर प्रगतिशील किसान देखता है, किंतु पौलीहाउस की लागत को देख कर किसानों का दिल बैठ जाता है. इन दिनों पूरे देश में 'नैचुरल ग्रीनहाउस' कोंडागांव मौडल की चर्चा है. महज एक से डेढ़ लाख रुपए में 40 लाख रुपए प्रति एकड़ वाले पौलीहाउस का सस्ता, कारगर, नैचुरल विकल्प मिल जाए तो बात ही अलग है
पैडी प्लांटर से धान रोपाई
धान की रोपाई के लिए पैडी प्लांटर खास यंत्र है. इस यंत्र से रोपाई करने पर समय की बचत होती है और लागत भी कम आती है.
ड्रम सीडर से करें धान की बोआई
खरीफ सीजन की सब से प्रमुख फसल के रूप में देश के तमाम राज्यों में धान की खेती की जाती है, जिस के लिए किसानों को तमाम तरह की तैयारियां पहले से ही करनी पड़ती हैं. इस में धान की उपयुक्त प्रजातियों के चयन से ले कर खाद, खरपतवारनाशक, बीजों का शोधन, नर्सरी तैयार करना, रोपाई, कीट व रोगों पर नियंत्रण, मड़ाई व भंडारण जैसी चीजों पर विशेष ध्यान देना पड़ता है.
फसल सुरक्षा: कीटों व रोगों पर रखें पैनी नजर
उड़द व मूंग में पीला मोजेक रोग का प्रकोप होने की आशंका होती है. सफेद मक्खी इस रोग का वाहक है. इस के नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 1 मिलीलिटर प्रति 3 लिटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए.
खरीफ में प्याज की उन्नत तकनीकी
व्यावसायिक रूप से प्याज की खेती करने के लिए तकरीबन सभी किसान पतझड़ या वसंत के बाद खेत में प्याज की नर्सरी के लिए बीज बोते हैं. प्याज एक महत्त्वपूर्ण सब्जी एवं मसाला फसल है. इस की खेती मुख्यतः रबी सीजन में की जाती है, किंतु रबी प्याज का भंडारण अक्तूबर माह के बाद कठिन हो जाता है, क्योंकि कंद अंकुरित होने लगते हैं.
एआईसी - खेती को सुरक्षा देती बीमा कंपनी
एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी औफ इंडिया लिमिटेड यानी एआईसी एक फसल बीमा कंपनी है, जिस का गठन भारत सरकार द्वारा 20 दिसंबर, 2002 को खास फसल बीमा कंपनी के तौर पर किया था. लेकिन कारोबार की शुरुआत साल 2003 में हुई.
पोषण वाटिका में पूरे साल सब्जियां
सब्जियां न केवल हमारे पोषण मूल्यों को बढ़ाती हैं, बल्कि शरीर को शक्ति, स्फूर्ति, वृद्धि और अनेक प्रकार के रोगों से बचाने के लिए महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिजलवण इत्यादि प्रदान करती हैं.
कृषि मंत्री ने डा.राजाराम त्रिपाठी को दिया देश का सर्वश्रेष्ठ किसान अवार्ड
5वीं बार देश का सर्वश्रेष्ठ किसान अवार्ड प्राप्त करने वाले डा. राजाराम त्रिपाठी देश के एकलौते किसान
मधुसूदन धाकड़: टमाटर की फसल से मालामाल किसान
देश के कई हिस्सों में किसान टमाटर की फसल के सही दाम न मिलने से उसे सड़कों पर फेंकने को मजबूर हो जाते हैं, मगर मध्य प्रदेश के एक किसान ने टमाटर की खेती से अच्छाखासा मुनाफा ले कर मिसाल कायम की है.
सकर नेपियर घास सालोसाल मिलने वाला हरा चारा
सालोंसाल चलने वाली नेपियर घास एक पौष्टिक चारा फसल है, जो कम लागत के साथ अधिक उत्पादन देती है. इस के उपयोग से डेरी फार्मिंग के मुनाफे में भी इजाफा किया जा सकता है.
अनाज को खराब होने से बचाएं करें चूहों की रोकथाम
चूहा आदमी का सब से बड़ा दुश्मन है. यह खेतखलिहानों, घरों और गोदामों में अनाज खाने के साथसाथ अपने मलमूत्र से उसे बरबाद कर देता है. दुनियाभर में चूहों की 500 से अधिक जातियां हैं.
रोजगार को ऊंचाई देता बांस
गरीब की झोंपड़ी से ले कर फाइवस्टार होटलों तक शोभा बढ़ाने वाले बांस में अनेक खूबियां हैं. यह गरीब की लाठी भी बनता है और रोजगार का जरीया भी.
सहजन की उन्नत किस्में और लाभकारी खेती
सहजन को मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है. उत्तर प्रदेश के जिला संत कबीर नगर में सहजनवा को सहजन के नाम से ही रखा गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह काफी लोकप्रीय है. सहजन बहुपयोगी पेड़ है.
ड्रोन कृषि क्षेत्र में तकनीक बहुत जरूरी
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों और अन्य हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए 20 अप्रैल, 2023 को सार्वजनिक डोमेन में फसल 'ड्रोन के विशिष्ट साथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग के लिए मानक प्रचालन प्रक्रियाएं (एसओपी)' जारी की. साथ ही, उन्होंने 'मिलेट उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी' नामक एक पुस्तिका का विमोचन भी किया.