यह अजीब-सी विडंबना है. भारतीय उच्च शिक्षा जगत दुनिया के सबसे बड़े शिक्षा क्षेत्रों में से एक है - यहां 1,000 से ज्यादा विश्वविद्यालय और 40,000 से ज्यादा कॉलेज हैं. पिछले सात साल में इसमें 248 नए विश्वविद्यालय जुड़े हैं. फिर भी इसके विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय मानकों पर क्षमता से बहुत नीचे खड़े हैं. इस बात में शक की कोई गुंजाइश नहीं कि भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार फौरन लागू किए जाने की जरूरत है.
और इसका खाका पिछले कुछ समय से तैयार है. देश ने 29 जुलाई को नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की दूसरी वर्षगांठ मनाई. इसमें दावा किया गया है कि यह भारतीय शिक्षा प्रणाली की बहु-आयामी चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में बेहद कारगर होगी. लेकिन देश में कई दूसरी चीजों की तरह यह नीति भी धीमे कार्यान्वयन की वजह से अटकी हुई है.
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