यूक्रेन में चल रही लड़ाई दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप की सबसे गहन पारंपरिक लड़ाई मानी जा रही है जिसमें अब तक करीब 13,000 नागरिक मारे जा चुके हैं और तकरीबन 80,000 रूसी सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं. भारत ने इस मसले पर बहुत फूंक-फूंककर कदम रखेअपने पुराने रणनीतिक सहयोगी रूस का नाम लिए बिना नागरिक मौतों की भर्त्सना की और टकराव पर संयुक्त राष्ट्र में वोट के दौरान तटस्थ रुख अपनाया. अब भी यह दुधारी तलवार पर चल रहा है: भारत चाहता है कि रूस और यूक्रेन संकट का हल निकालें, पर अपने ( रणनीतिक ) हितों के चलते उसने रूस की निंदा नहीं की. ऊर्जा जरूरतों और 70 फीसद सैन्य साजो-स -सामान के लिए वह उस पर निर्भर है. देश का मिज़ाज सर्वे में शामिल 48 फीसद से ज्यादा लोग मानते हैं कि यूक्रेन पर रूस की चढ़ाई गलत थी.
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